विश्व दलहन दिवस पर कृषको को बताया गया दलहन कृषि का महत्व दिये गये उड़द और मूंग के मिनी किट
कोण्डागांव । कृषि विभाग द्वारा प्राप्त जानकारी अनुसार विगत 10 फरवरी को विश्व दलहन दिवस के मौके पर कृषि विभाग व जिला प्रशासन कोंडागांव के मार्गदर्शन में जिले के 45 ग्राम पंचायत चारगांव, मयूरडोंगर, उमरगांव, मोहल्ई, चिलपुटी, कतावंड, कोकोड़ी, सातगांव, जरेबेंद्री, उमरगांव ब, बानगांव, पासंगी, गटीपलना, लंजोड़ा, जुगानीकलार, सोडमा, बंगोली, बड़ेओड़ागांव, बड़ेडोंगर, चिचाड़ी, उलेरा, पुसापाल, लुभा, पीढापाल, सोमा, आंवरी, कोहकामेटा, चारभाटा, बड़ेखौली,अड़ेगा, तरईबेड़ा, सुरडोंगर, मूरनार, करारमेटा, कोरकोटी, बीरा गांव, कोंगेरा, बडेराजपुर, आमगांव, जोड़केरा, ढोंढरा, छोटेराजपुर, मैनपुर, तीतरवंड, करमरी में दो हजार कृषको को उड़द एवं मूंग के मिनी किट वितरित किये गये साथ ही कृषको को प्रदर्शन के माध्यम से दलहन की फसल का बीज उपचार व बुवाई तथा उन्नत फसल उत्पादन के संबध मे बताया गया। उल्लेखनीय है कि विश्व दलहन दिवस का उद्देश्य कृषकों को दलहन फसल कृषि का महत्व समझाने के लिए मनाया जाता है क्योंकि मानव जीवन के भोजन में दलहन का उपयोग लगातार घटता जा रहा है जोकि वर्ष 1960 से 61 में 70 ग्राम प्रति व्यक्ति था और वर्तमान घटकर 33 ग्राम प्रति व्यक्ति प्रतिदिन हो गया है जबकि उसकी आवश्यकता 80 ग्राम प्रतिदिन प्रति व्यक्ति होता है हमारे भोजन में दलहन की कम उपलब्धता से महिलाओं एवं बच्चों में कुपोषण की समस्या व्याप्त हो रही है इस समस्या को दूर करने के लिए भी हमारे जीवन में दलहन का उपयोग अधिक से अधिक करना आवश्यक हो गया है कोण्डागांव जिले में लगभग कुल फसल का 65ः भाग अनाज की फसलों से आच्छादित होता है जबकि दलहन मात्र 20ः क्षेत्र में बुवाई के माध्यम से खेती की जाती है अगर जिले के कृषक मरहान तथा टिकरा भूमि में दलहन की फसल लेवें तो उन्हें अतिरिक्त आमदनी अनाज की फसल की अपेक्षा 2 से 3 गुनी अधिक होगी साथ ही साथ भूमि की उपजाऊ एवं उर्वरता बनी रहेगी। उक्त कार्यक्रम मे कृषि विभाग के अधिकारी और कृषक उपस्थित रहे।