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ट्रांस्पोर्टर को ब्लेकमेलिंग करने वाला आरोपी पकड़ाया

इन्द्रजीत सिंह सहित कई टे्रेडिंग्स कंपनियों के व्यापारियों को कर रहा था ब्लेकमेलिंंग

इसके मास्टर माइँड राजेन्द को पकडने पुलिस टीम जायेगी मुंबई

नगद पचास हजार सहित चार मोबाईल, एक कार हुआ बरामद

भिलाई। प्रदेश  के  सबसे बड़े ट्रांसपोर्टर  एच. टी. सी. कंपनी  के संचालक इन्द्रजीत सिंह उर्फ छोटू को लम्बे समय से ब्लैकमेल करने वाले आरोपी को पुलिस ने पकड़ लिया है। आरोपी कोई और नही बल्कि नगर के एक इंजीनियर युवक है, जो मुंबई निवासी राजेन्द्र अग्रवाल के कहने पर के कहने पर वह  वह फर्जी सिम के माध्यम से मैसेज भेजने का कर रहा  था।  एच. टी. सी. कंपनी के संचालक युवा ट्रांसपोर्टर इन्द्रजीत सिंह उर्फ छोटू भईया सूर्या विहार निवासी जो की दो तीन माह से प्रार्थी एवं उनके परिवार के सदस्यों को बदनाम करने की नियत से उसके व्यवसाय को चौपट करने के इरादे से अपमानजनक घृणित एवं झूठे अपराधिक आरोप लगाते हुए मोबाइल नंबर 9009268440 का धारक मोबाइल से वाट्सअप मैसेज प्रसारित कर धमकी दिया की व्यापार के सम्बन्ध में भी झूठे अपराधिक मामलों में फंसाने की धमकी भी दिया था। प्रार्थी इन्द्रजीत सिंह ने 28 जनवरी को सुपेला थाना में रिपोर्ट दर्ज कराई जिसमे पुलिस ने धारा 67 आईटी एक्ट धारा 500 के तहत अपराध दर्ज कर जांच प्रारंभ कीउसके बाद इस प्रकार का मैसेज इन्द्रजीत सहित अन्य व्यापारियों को आना बंद हो गया क्योंकि आरोपी मास्टरमाइंड राजेन्द्र अग्रवाल समझ गया कि अब इस मामले का पुलिस में शिकायत हो गई है।  मोबाइल नंबर की कनेक्टिविटी के आधार पर आरोपी का पता तलाश किया गया जिसमे आरोपी आशीष मिशाल पिता महादेव मिशाल 34 वर्ष संतरा बाड़ी स्वरूप टाकिज के पास होने की जानकारी हुई, जब इससे पूछताछ की गई तो इसने धमकी भरा और ब्लैकमेल करने की घटना को स्वीकार कर लिया। आरोपी से पुलिस को पूछताछ में बताया की वो बीई तक की पढाई कर क्रिश्चन कॉलेज में असिटेंट प्रोफेसर के पद पर पदस्थ है, और युवा ट्रांसपोर्टर सहित ट्रेडिंग कार्य से जुडें अन्य व्यापारियों को मैसेज भेजने का काम मुंबई निवासी राजेंद्र अग्रवाल के कहने पर करता था। आरोपी आशीष ने पुलिस को बताया कि इन्द्रजीत सिंह को धमकी देने का काम वह स्वयं कर रहा था, ताकि इन्द्रजीत के ट्रांसपोर्टिंग के इस व्यवसाय को बदनाम करके उसे चौपट किया जा सके, साथ ही कई ट्रेडिंग कंपनी और शहर प्रतिष्ठित लोगो को भी मैसेज कर रहा था। इस मैसेज के कारण इन्द्रजीत सिंह मानसिक रूप से काफी परेशान थे और इसके कारण उनके व्यापार में भी काफी छति हो रही थी, आशीष मिशाल ने कहा की राजेंद्र अग्रवाल के कहने पर ही वो मैसेज कर रहा था, बदले में राजेंद्र अग्रवाल ने उसे 50 हजार रूपये नगद दिए, आशीष के पास से 4 नाग मोबाइल मिले है जिसमे दो आई फोन है, एक विवो स्मार्टफोन का एक मिक्रोमैक्स का छोटा मोबाइल है, 50 हजार बारामद हो गए है, साथ ही एक कार टाटा मैग्जा सीजी 07 ए के 7111 को भी जप्त किया गया है। वह पुसिल को बताया कि धमकी भरा मैसेज करने के लिए उसने जो सिम लिए थे वह कोसानाला एक एक मोबाईल शॉप से लिया था।  इस पूरे मामले के मास्टर मंद व सूत्रधार राजेंद्र अग्रवाल को भी पकडऩे पुलिस मुंबई रवाना होगी, उसके पकडे जाने के बाद और भी मामले उजागर होने की उम्मीद जताई जा रही है, थाना प्रभारी गोपाल वैश्य ने बताया की व्यावसायिक प्रतिष्ठा मूल कारण हो सकता है, राजेंद्र अग्रवाल के पकडे जाने पर ही स्थिति स्पष्ट हो पायेगी !

ऐसे राजेन्द्र अग्रवाल के संपर्क में आया आरोपी आशीष

पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार इंजीनियर आशीष मिशाल मुंबई निवासी राजेन्द्र अग्रवाल  जिसका कोहका में एक बड़ा फार्म हाउस है, वहां पर राजेन्द्र अग्रवाल के इस फार्म हाउस में आशीष पार्ट टाईम्स नौकरी करता था। यही से उसकी राजेन्द्र से पहचान हुई और राजेन्द्र के कहने पर राजेन्द्र द्वारा इसके पास भेजे हुए मैसेज को अशीष दुर्ग भिलाई, रायपुर सहित प्रदेश के अन्य लोगों को धमकी भरा और ब्लेकमेलिंग वाला मैसेज करता था। इसके एवज में राजेन्द्र अग्रवाल ने आशीश को 50 हजार रूपये दिये। जब आशीष द्वारा इस प्रकार के मैसेज इंद्रजीत सहित अन्य लोगों को करने के कारण जब पुलिस में इसकी शिकायत हुई तो राजेन्द्र अग्रवाल के कहने पर आशीष ने विवों कंपनी के स्मार्टफोन को बुरी तरह तोडफ़ोड कर क्षतिग्रस्त कर दिया और सिम को फेंक दिया। पुलिस ने क्षतिग्रस्त मोबाईल और सिम को भी बरामद कर लिया है। वहीं राजेन्द्र अग्रवाल ने आशीष से यह भी कहा था कि तुम पुलिस की सारी हरकतों पर अपनी नजर रखते हुए बच कर रहो।

 

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