शंकराचार्य महाविद्यालय में तनावमुक्ति पर तीन दिवसीय कार्यशाला का आयोजन
भिलाई। श्री शंकराचार्य महाविद्यालय जुनवानी भिलाई एवं रामचंद्र मिशन उ.प्र. के संयुक्त तत्वाधान में 15 से 17 जनवरी तक हार्टफु लनेस द्वारा तनावमुक्ति पर तीन दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया जा रहा है। प्रथम दिवस के मुख्य अतिथि कृष्ण कुमार मेन्साना, शिव कुमार शर्मा, एस.के. मिश्रा, श्रीनिवास देशमुख, अजीत सिंह एवं श्रीमती अर्चना ठाकुर उपस्थित रही।
सर्व प्रथम महाविद्यालय की परंपरानुसार अतिथियों का स्वागत पौधों से किया गया तत्पश्चात् अजीत सिंह ने मेडिटेशन क्या है? क्यों जरूरी है? एवं इसके क्या क्या लाभ है? इस संदर्भ में जानकारी प्रदान करते हुए बताया कि, किसी भी चीज की प्रतिक्रिया हम तुरंत करते है। हमारे जीवन का रिमोट कंट्रोल दूसरो के हाथ में है। इसे हमें बदलना है। हमें अपने अनुसार जीना है। अपने मन का करना है। इसके लिए आवश्यक है मेडीटेशन। मेडीटेशन के माध्यम से हम अपने आप को सुपर पावर से जोड़ सकते है। ध्यान प्रशिक्षक श्रीनिवास देशमुख ने बताया कि, यह सत्र तीन भागों में संपन्न किया जाने वाला है। ध्यान करने का सबसे पहला मंत्र है कुछ क्षण आँखें बंद करके बैठना है। यदि आप शांतिपूर्वक कार्य कर सकते है तो पहला चरण पूरा कर लिया। इसी प्रक्रिया को दोहराना है। इससे हम शांति एवं हल्केपन का अनुभव करेंगे।
एस.के. मिश्रा ने मेडिटेशन के बारीकियों को समझाया और कहा कि, मेडिटेशन स्वेच्छा से करना चाहिए ना कि दबाव में आकर। विदिशा मध्य प्रदेश से आये हुए शिव कुमार शर्मा ने बताया कि, हम सभी तनाव रहित रहना चाहते है पर मन हमेशा सोचता है और सोचते-सोचते इतना उलझ जाता है कि मन और हृदय भारी हो जाता है। यह एक मशीन की भांति कार्य करता है। जैसे-जैसे मन अशांत होता है हृदय की फि लिंग को बदल देता है। हृदय हमारे जीवन का आत्म प्रस्थान है। सबसे संवेदनशील स्थान है। हृदय हमारे शरीर में शुद्ध रक्त को प्रवाहित करता है। अत: हमें शांति आवश्यक है। इसके लिए नियमित रूप से हमें प्रतिदिन पाँंच मिनट ध्यान करना आवश्यक है इसका लाभ हमें अवश्य मिलेगा।
इस अवसर पर महाविद्यालय की प्राचार्या व निदेशक डॉ. रक्षा सिंह, अतिरिक्त निदेशक डॉ. जे. दुर्गा प्रसाद राव तथा महाविद्यालय के समस्त प्राध्यापकगण एवं छात्र-छात्राएं बड़ी संख्या में उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन सहा. प्रा. आकांक्षा सिंह ने किया।