खास खबरछत्तीसगढ़

मुख्यमंत्री के ड्रीम प्रोजेक्ट नरवा, गरवा, घुरवा, बारी का पूरक है दुग्ध समितियों का काम -कलेक्टर

पशु पालकों व दुग्ध उत्पादकों के प्रशिक्षण में पंहुची कलेक्टर

बालोद। तीन हजार लीटर प्रतिदिन दूध खपत वाले इस गंगा मैय्या दुग्ध प्रसंस्करण ईकाई में वर्तमान में एक हजार लीटर प्रतिदिन क्षमता का ही उपयोग हो पा रहा है। इसकी पूरी क्षमता का उपयोग करके और अधिक पशु पालकों को लाभ पंहुचाया जा सकता है। ज्यादा से ज्यादा उपभोक्ताओं तक शुद्ध दुग्ध उत्पाद पंहुचाने की जिम्मेदारी का निर्वहन भी तभी हो पाएगा। बालोद कलेक्टर श्रीमती रानू साहू ने यह उद्गार छग राज्य सहकारी संघ, बालोद जिला सहकारी संघ व गंगा मैय्या दुग्ध उत्पादक व प्रसंस्करण सहकारी समिति के संयुक्त तत्वावधान में पशु पालकों व दुग्ध उत्पादकों का एक दिवसीय प्रशिक्षण शिविर में मुख्य अतिथि के रुप में व्यक्त किया। उन्होने कहा कि दुग्ध उत्पादक सहकारी समितियों का काम मुख्यमंत्री के ड्रीम प्रोजेक्ट नरवा, गरवा, घुरवा, बारी के काफी करीब है। गंगा मैय्या दुग्ध प्रसंस्करण समिति वर्तमान में अपने प्लांट की क्षमता का 40 प्रतिशत ही उपयोग कर पा रही है। और अधिक दुग्ध उत्पादकों को जोड़ कर तथा दुग्ध कलेक्शन बढ़ा कर प्लांट की पूरी क्षमता का उपयोग किया जाना चाहिए।

सहकारी क्षेत्र के कार्यों में लाभ का बंटवारा सभी सदस्यों में -झुनमुन गुप्ता

बालोद के गंगा मैय्या दुग्ध उत्पादक व प्रसंस्करण सहकारी समिति (दूध गंगा) परिसर बालोद में आयोजित इस प्रशिक्षण कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए छग राज्य सहकारी संघ अध्यक्ष झुनमुन गुप्ता ने कहा कि अन्य सभी व्यापार व्यवसाय में लाभ व्यक्ति विशेष में केन्द्रित होता है परन्तु सहकारी क्षेत्र में लाभ का बंटवारा सभी सदस्यों में होता है।

जिले में सहकारी समितियों के माध्यम से बुनकर गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए कलेक्टर का आभार व्यक्त करते हुए उन्होने कहा कि प्रदेश के सकल हाथकरघा वस्त्र उत्पादन का 40 प्रतिशत अकेले बालोद जिले से हो रहा है। कलेक्टर महोदया की पहल पर जिले के बुनकरों को फर्निशिंग क्लाथ व कोसा वस्त्र बुनाई का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। शीघ्र ही इसके परिणाम सामने आएंगे। स्वागत भाषण व समिति प्रतिवेदन गंगा मैय्या दुग्ध उत्पादक व प्रसंस्करण समिति बालोद के अध्यक्ष कमलेश गौतम  ने पढ़ा। प्रशिक्षण सत्र में पशु चिकित्सा एवं पशुपालन महाविद्यालय बिलासपुर के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. धीरेन्द्र भोंसले ने आधुनिक पशु पालन एवं उन्न्त नस्ल के पशुओं के चुनाव पर जानकारी प्रदान किया। कृषि विज्ञान केन्द्र बालोद के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. केआर साहू ने चारा उत्पादन एवं लागत नियंत्रण पर, पशु पालन विभाग के उपसंचालक डॉ. आरएस मौर्या पशु पालन व संवर्धन पर तथा छग राज्य सहकारी संघ के मुख्य कार्यपालन अधिकारी वीके शुक्ला सहकारिता परिचय, सहकारी मूल्य व सिद्धांत विषय पर प्रशिक्षण दिया। कार्यक्रम संचालन बालोद जिला सहकारी संघ की प्रबंधक श्रीमती स्नेहलता साहू तथा आभार प्रदर्शन किशोरी साहू ने किया। कार्यक्रम सफल बनाने में समिति उपाध्यक्ष अनिल मंत्री, संचालकगण प्रशांत चन्द्राकर, कमलेश चौधरी, श्रीमती रेणुका नंदन यादव, लोकेश्वरी साहू, रमेश टुवानी, अमित देशमुख व मदनलाल का सक्रिय योगदान रहा।

Related Articles

Back to top button