छत्तीसगढ़

चुनाव बहिष्कार: लोकतांत्रिक व्यवस्था पर अब नही रहा भरोसा इसलिए एक भी व्यक्ति ने नही किया मतदान

कोण्डागांव । त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव 2020 के प्रथम चरण के तहत 28 जनवरी को, जहां एक ओर कोण्डागांव विकास खंड के अंतर्गत आने वाले सभी 125 पंचायतो में गॉव की सरकार बनाने के लिए मतदान की प्रक्रिया प्रारंभ थी जिसमें सभी पंचायतों के ग्रामीण अपने अपने इलाके के मतदान केंद्रों पर जाकर अत्यधिक भीड़ होने के बावजूद भी शांति पूर्वक लाइन में लगकर पूरे उत्साह और जोश के साथ मतदान कर रहे थे।

वहीं दूसरी ओर जनपद पंचायत कोण्डागांव के ही अंतर्गत आने वाले ग्राम पंचायत बडे-बंजोडा के भेलवापदर पारावासीयों में शासन प्रशासन और जनप्रतिनिधियों के खिलाफ आक्रोश देखने को मिला। समस्त पारावासी इस मतदान प्रक्रिया से दुरी बनाते हुए नजर आए और पूरे पारा से एक भी व्यक्ति ने मतदान नहीं किया और इस मतदान प्रकिया में शामिल ना होते हुए इस चुनाव का पूर्ण रूप से बहिष्कार कर दिया है।

ज्ञात हो कि बडे-बंजोडा के भेलवापदर पारावासी, अपने मोहल्ले को ग्राम बडे-बंजोडा से अलगकर नवीन ग्राम पंचायत बोटीकनेरा में जोड देने के बाद से ही विगत 5 वर्षों से शासन-प्रषासन को आवेदन देकर निरंतर निवेदन करते आ रहे हैं, कि उनके मोहल्ले को दुबारा ग्राम बडेबंजोडा में जोड दिया जाए क्योंकि नवीन ग्राम पंचायत बोटिकनेरा में जोड़ने के बाद भेलवापदर से बोटिकनेरा की दूरी 5 किलोमीटर के लगभग की है, आने जाने की उचित व्यवस्था न होने की वजह से ग्रामीणों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा हैें लेकिन उनकी मांग पर किसी प्रकार की कोई कार्यवाही नही होता देख समस्त पारा वासियों ने शासन-प्रशासन को चेतावनी दी थी कि अगर जल्द से जल्द भेलवापदर को वापस बड़ेबंजोड़ा में नही जोड़ा जाता तो वे लोग पंचायत चुनाव का बहिष्कार करेंगे। शासन-प्रशासन तक अपनी आवाज को पहुंचाने के उद्देष्य से भेलवापदर वासियों ने पंचायत चुनाव का बहिष्कार करने का ऐलान तो कर दिया पर इस ऐलान का भी कोई असर नहीं होने पर आक्रोशित भेलवापदर वासियों ने प्रथम चरण चुनाव में 28 जनवरी को हो रहे मतदान प्रकिया से पूर्णतया दुरी बना ली और पारा के किसी व्यक्ति ने भी मतदान नहीं किया।

नेताओं को दिखाया बाहर का रास्ता

परेषान हो चुके भेलवापदरपारावासियों ने तयषुदा रणनीति के तहत न केवल पंचायत चुनाव का बहिष्कार किया, बल्कि त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव हेतु प्रचार में आने वालों जनप्रतिनिधियों नेताओं और उनके समर्थकों को यह कहते हुए बाहर का रस्ता दिखाया कि पहले भेलवापदर पारा को फिर से ग्राम बडे बंजोडा में जोड़ा जाए ओर मूल भूत सुविधाओं को उपलब्ध कराई जाए तभी हम मतदान करेंगे अन्यथा कोई भी मतदान नही करेगा।

अब नही रहा भरोसा लोकतांत्रिक व्यवस्था पर

भेलवापदर के चुनाव बहिष्कार करने वाले पारावासियों से बात करने पर पता चला कि अब उनका भरोसा लोकतांत्रिक व्यवस्था से पूरी तरह उठ चुका है, क्योंकि 5 साल पूर्व हुए चुनाव में  उन सभी लोगों ने भेलवापदर पारा को फिर से ग्राम बडेबंजोडा में जुडवाने के वादे पर भरोसा कर ग्राम बोटीकनेरा के एक सरपंच प्रत्यासी को मतदान कर सरपंच बनया था। लेकिन सरपंच बनने के बाद उसने कभी पारा में कदम तक नहीं रखा ना ही अपने वादे को पूरा किया। केवल सरपंच को ही क्या कहें, जनपद एवं जिला पंचायत सदस्य तथा विधायक ने भी उनकी समस्या का समाधान करने में कोई योगदान नहीं दिया। कुल मिलाकर नेताओं की नजर में मतदाता की औकात कुछ भी नहीं है, नेताओं को उनकी याद केवल वोट मांगने के दौरान आती है, वोट दे दो फिर अगले पांच साल बाद ही वो अपने दर्शन देने आते हैं, इससे अच्छा है कि चुनाव बहिष्कार किया जाए और अपनी लड़ाई स्वयं लड़ी जाए, तो अलग-अलग तरह के जनप्रतिनिधियों की क्या आवष्यकता है ?

राजीव गुप्ता

Rajeev kumar Gupta District beuro had Dist- Kondagaon Mobile.. 9425598008

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