राजस्व के थैले बड़े बड़े छेड़ और लुटने में अधिकारी मस्त

दुर्ग – पतोरा से सेलूद मार्ग पर मुरुम का अवैध उत्खनन धड़ल्ले से चल रहा है, जिसकी जानकारी खनिज विभाग समेत राजस्व से जुड़े अधिकारीयों को भी दी गई है, लेकिन जिम्मेदार अधिकारी के कान में जून नहीं रेंग रही, जिसको देखकर यह अंदाज़ा लगाया जा सकता है की सम्बंधित विभाग राजस्व को लेकर गंभीर नहीं है, अवैध उत्खनन पर शिकायत के बाद भी कोई कार्यवाही ना होता देख जब खनिज विभाग के जिला अधिकारी से बात की गई उन्होंने बताया की विभाग के पास कर्मचारियों की कमी के चलते कार्यवाही नहीं हो पा रही है, उन्होंने राजस्व विभाग के पास जाने की बात कहकर अपना पल्ला झाड़ लिया, ऐसे जवाब पर छत्तीसगढ़ शासन को तो गंभीर हो ही जाना चाहिए, क्योकि राज्य एवं केंद्र सरकार की जो क़र्ज़ लेने की निति है वो किसी से छुपी नहीं है, ऐसे में छत्तीसगढ़ शासन को चाहिए की राजस्व के थैले में होने वाले छेदों की सिलाई करे ताकि राजस्व शासन के थैले में जमा हो सके !
अवैध उत्खनन विनायक कंस्ट्रक्शन द्वारा किया जा रहा है, वही इस मामले को लेकर जब दूरभाष के द्वारा पाटन तहसीलदार से बात की तो उन्होंने साफ़ साफ़ कह दिया की अवैध उत्खनन पर कार्यवाही करना खनिज विभाग का काम है खनिज विभाग करेगा कार्यवाही आप खनिज विभाग के पास जाओ, जिम्मेदार अधिकारीयों के ऐसे जवाब कई सवालों को जन्म दे देते है, या तो यह पूरा खेल मिलीभगत का है या फिर अधिकारीयों को ये नहीं मालूम की उनकी जिम्मेदारी क्या है उनका काम क्या है ! राजस्व की भूमि से मुरुम का उत्खनन हो रहा है, क्या राजस्व की भूमि की जिम्मेदारी एस.डी.एम. तहसीलदार, पटवारी की नहीं है?