शिल्पकारों को आसानी से उपलब्ध हो सकेगा कच्चा माल, खोला गया “कच्चा माल आपूर्ति बैंक”
शिल्पकार है जिले के गौरव, शिल्पियो को मिलेगी शासन की हर संभव मदद- विधायक
कोण्डागांव । शिल्प नगरी कोण्डागांव के शिल्पियो को अब शिल्प कारीगरी हेतु कच्चा माल किफायती दर पर उपलब्ध हो सकेगा शिल्प हेतु राॅ मटेरियल की उपलब्धता एंव बाजार मूल्य पर उसे क्रय करना शिल्प कारो के लिए एक प्रमुख समस्या थी। इसके लिए समय समय पर स्थानीय शिल्पकारो ने शासन प्रशासन के समक्ष इस मुद्दे को प्रमुखता से उठाया था। इस संबध मे जिला कलेक्टर नीलकण्ठ टीकाम द्वारा इसके निदान के लिए आवश्यक पहल की भी बात कही गई थी।
ज्ञात हो कि हमेशा से ही स्थानीय शिल्पकार शिल्प की बुनियादी सामग्री जैसे मोम, पीतल इत्यादि स्थानीय बाजार से क्रय करते आ रहे थे जो समय के साथ साथ और भी मंहगी होती जा रही थी। ऐसी विकट परिस्थिति मे जिला प्रशासन द्वारा शिल्पकारी हेतु कच्चा माल आपूर्ति बैंक का खोला जाना शिल्पियो के लिए एक बड़ी राहत के साथ साथ उनकी कला को एक नया आयाम देने मे सहायक होगा।
दिनांक 15 जनवरी को तहसील कार्यालय के सामने नगर के मध्य स्थल मे स्थापित उक्त कच्चा माल आपूर्ति केन्द्र के शुभारंभ के अवसर पर उपस्थित मुख्य अतिथि क्षेत्र के विधायक मोहन मरकाम ने अपने संबोधन मे कहा कि सही मायने मे जिले के शिल्पकार जिले के गौरव है उन्ही की बदौलत आज कोण्डागांव को शिल्प नगर कहलाने का गौरव प्राप्त है। वर्तमान मे कोण्डागांव जिले की जो राष्ट्रीय अंतराष्ट्रीय ख्याति है इन्ही शिल्पकारो द्वारा निर्मित श्रम साध्य कलाकतियो का बेजोड़ निर्माण है। शिल्पियो ने विपरीत परिस्थितियो से जूझ कर अपनी सांस्कृतिक विरासत को संजोया है। इसके लिए सभी शिल्पकार बधाई के पात्र है। उन्होने कहा कि शिल्पकारो के सभी मांगो एंव समस्याओ से शासन को अवगत कराने के साथ उसके प्रभावी निराकरण की पहल की जायेगी। इसके साथ ही वर्तमान समय की चुनौतियो को देखते हुए निर्माण एंव विपणन हेतु एक रणनीति बनाने की आवश्यकता है इसके लिए शिल्प से जुड़ी सभी समितियो से सुझाव लिया जायेगा।
समय की मांग को देखते हुए शिल्पकला को एक संगठित व्यवसाय का रूप देवें शिल्पकार- कलेक्टर
इस मौके पर जिला कलेक्टर नीलकण्ठ टीकाम ने कहा कि जिले के शिल्पियो ने पीढ़ी दर पीढ़ी यंहा के परम्परागत शिल्प के संरक्षण एंव संवर्धन का कार्य किया है। इन्ही की योगदान के फलस्वरूप जिला कोण्डागांव को क्राॅप्ट सिटी कहा जाता है। अपनी पदस्थापना के बाद ही उन्होने शिल्पकारो से उनकी समस्याओ के संबंध मे गहन चर्चा किया था। शिल्पियो की आजीविका को सुनिश्चित करने के लिए उनकी कला के समक्ष आ रही अडचनो को दूर करना उनकी प्राथमिकता मे था। कच्चे माल की उपलब्धता सभी शिल्प विधाओ के लिए एक बड़ी समस्या के रूप मे सामने आई थी अभी तक कारीगर स्थानीय स्तर पर ही राॅ मटेरियल को खरीदी कर रहे है। परन्तु इस केन्द्र के खुल जाने से उन्हे एक निश्चित दर पर सभी सामाग्रिया उपलब्ध होंगी। विगत माह राज्य पाल महोदया के प्रवास की चर्चा करते हुए कलेक्टर ने कहा कि राज्यपाल ने बड़े धैर्य और उत्सुकता से शिल्प निर्माण प्रक्रिया को देखा और उसकी भूिर भूिर प्रशंसा की। इस प्रकार अब समय आ गया है कि जिले के इस अनुठी कला को एक व्यवसाय का रूप दिया जाय। इसके लिए शिल्पकारो को योजनाओ से लाभान्वित करने के अलावा इसके मार्केटिंग को आॅनलाईन करने की भी योजना है। जिले के इस कलात्मक पहचान को कायम रखने के लिए प्रशासन द्वारा पूरा सहयोग दिया जायेगा। मौके पर शिल्पकारो ने इस कला को बढ़ावा देने के लिए विधायक एंव कलेक्टर के प्रयासो के प्रति आभार जताया। इस दौरान शिल्पकार राजेन्द्र बघेल, पंचूराम सागर, सोनाधर पोयाम, मंशाराम, प्रदीप सागर, मीराबाई, एंव जनप्रतिनिधि तरूण गोलछा, शांतिलाल सुराना गीतेश गांधी, उमेश साहू, सुरेश पाटले, मंगलराम, बुधराम नेताम, रवि सेठिया, एंव अनुविभागीय अधिकारी राजस्व टेकचन्द अग्रवाल उपस्थित थे।
सबका संदेस ब्यूरो, कोंडागांव 9425598008