बाल विवाह रोकथाम एवं जन जागरूकता हेतु कार्यशाला आयोजित

बाल विवाह रोकथाम एवं जन जागरूकता हेतु कार्यशाला आयोजित
छत्तीसगढ़ बिलासपुर भूपेंद्र साहू ब्यूरो रिपोर्ट/ 14 नवम्बर 2025/ बाल विवाह मुक्त छत्तीसगढ़ की परिकल्पना को साकार करने हेतु छत्तीसगढ़ शासन द्वारा बाल विवाह मुक्त छत्तीसगढ़ अभियान 10 मार्च 2024 से पूरे राज्य में संचालित किया जा रहा है। इसी क्रम में महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा जिला, विकासखण्ड एवं ग्राम पंचायत स्तर पर जनजागरूकता एवं क्षमता निर्माण के प्रयास लगातार किए जा रहे हैं।
बाल विवाह रोकथाम एवं जन जागरूकता हेतु प्रार्थना सभाकक्ष में संभाग स्तरीय हितधारकों का उन्मुखीकरण कार्यशाला सह प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यशाला में अतिरिक्त कलेक्टर सुश्री डॉ ज्योति पटेल एवं अपर कलेक्टर एस. के. दुबे मुख्य अतिथि रहे। डॉ ज्योति पटेल के द्वारा बाल विवाह मुक्त छ.ग. अभियान को सफल बनाने के लिये आव्हान किया गया जिससे कि मुख्यमंत्री की परिकल्पना को साकार किया जा सके।
कार्यशाला में संभाग के जिले के बाल विवाह प्रतिषेध अधिकारी, विशेष किशोर पुलिस इकाई, समाज प्रमुख, गैर-शासकीय संगठनों के प्रतिनिधि, मंदिरों के पुजारी, विवाह आयोजक, विवाह भवन सचालक, पार्लर संचालक, टेंट, प्रिंटिंग प्रेस के संचालक, मिठाई दुकान संचालक, बैंड एवं केटरिंग सेवा प्रदाताओं की सहभागिता रही। कार्यशाला में प्रतिभागियों को बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम, 2006 की विस्तृत जानकारी दी गई। साथ ही बताया गया कि 18 वर्ष से कम आयु की लड़की एवं 21 वर्ष से कम आयु के लड़के का विवाह बाल विवाह की श्रेणी में आता है। बाल विवाह करने, कराने या उसमें सहयोग देने वाले को दो वर्ष की सजा अथवा एक लाख रुपये जुर्माना अथवा दोनों से दंडित किया जा सकता है। राज्य शासन द्वारा जारी अधिसूचना के अनुसार महिला एवं बाल विकास विभाग के सभी बाल विकास परियोजना अधिकारियों, पर्यवेक्षको एवं ग्राम पंचायत सचिवों को बाल विवाह प्रतिषेध अधिकारी के रूप में नामित किया गया है। प्रतिभागियों को यह भी बताया गया कि बाल विवाह की सूचना मिलने पर तुरंत चाइल्ड हेल्पलाइन 1098, महिला हेल्पलाइन 181. या आपातकालीन नंबर 112 पर सूचना दी जा सकती है। बाल विवाह मुक्त छत्तीसगढ़ अभियान अंतर्गत ग्राम पंचायतों को बाल विवाह मुक्त घोषित किये जाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। ऐसे ग्राम पंचायत जिसमें विगत 2 वर्षों से कोई भी बाल विवाह नहीं हुआ है, उन्हें ग्राम सभा में प्रस्ताव पारित करते हुये बाल विवाह मुक्त पंचायत घोषित किया जाकर चाईल्ड फ्रेंडली पंचायत की परिकल्पना को साकार करना है। कार्यशाला के समापन अवसर पर जिला बाल संरक्षण अधिकारी ने आभार व्यक्त करते हुए कहा की बाल विवाह एक सामाजिक बुराई है जिसे सामूहिक प्रयास और जनजागरूकता के माध्यम से ही समाप्त किया जा सकता है।
समाज के प्रत्येक वर्ग की सहभागिता से ही बाल विवाह मुक्त छत्तीसगढ़ का लक्ष्य प्राप्त किया जा सकेगा। इस अवसर पर जिला कार्यक्रम अधिकारी श्री सुरेश सिंह, जिला महिला एवं बाल विकास अधिकारी सूर्यकांत गुप्ता, किशोर न्याय बोर्ड एवं बाल कल्याण समिति के सदस्य एवं महिला एवं बाल विकास विभाग के अधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित रहे।


