सेब समेत ये 4 फल हैं आंतों में मौजूद गुड बैक्टीरिया का खाना, आंतों की दीवार करते हैं मज़बूत, पाचन रहता है दुरुस्त

आंत को दूसरा मस्तिष्क कहा जाता है क्योंकि यह पूरे शरीर को सिग्नल भेजने और बॉडी को हेल्दी रखने में अहम भूमिका निभाती है। आंत में मौजूद गट (Gut) बैक्टीरिया और न्यूरोट्रांसमीटर मस्तिष्क के साथ संवाद करते हैं, जिससे पाचन, इम्यूनिटी, मूड और अन्य शारीरिक प्रक्रियाओं को प्रभावित किया जा सकता है। हेल्दी फाइबर और प्रीबायोटिक्स वाले फूड्स जैसे फल, सब्जियां और मटर खाने से आंत के गुड बैक्टीरिया स्ट्रांग होते हैं और शरीर का सिग्नल नेटवर्क बेहतर काम करता है। हम सभी को शरीर में गुड बैक्टीरिया यानी गट बैक्टीरिया की ज़रूरत होती है, जो पोषक तत्वों को अवशोषित करने और संक्रमण से बचाने के लिए इम्यूनिटी शील्ड को मजबूत करते हैं।लेकिन इन बैक्टीरिया को भी सही भोजन की जरूरत होती है। इन बैक्टीरिया का खाना प्रीबायोटिक्स फूड्स है जो फलों और सब्ज़ियों में पाए जाने वाले फाइबर होते हैं। अगर डाइट में फाइबर नहीं है, तो इसकी कमी की भरपाई एक नये प्रीबायोटिक सप्लीमेंट से कर सकते हैं, जिसे गुजरात बायोटेक्नोलॉजी यूनिवर्सिटी (GBU) के शोधकर्ताओं ने फलों के छिलकों से तैयार किया है। ये प्रीबायोटिक सप्लीमेंट आंतों में गुड बैक्टीरिया बढ़ाते हैं, आंतों की दीवार को मजबूत करते हैं और गट हेल्थमें सुधार करते हैं। आइए जानते हैं कि फलों से तैयार ये सप्लीमेंट कैसे गट हेल्थ पर असर करता है और गट में गुड बैक्टीरिया को बढ़ाता है
कैसे तैयार हुआ ये प्रीबायोटिक सप्लीमेंट
चार सालों की लंबी रिसर्च के दौरान वैज्ञानिकों ने 11 तरह के पेक्टिक ऑल गोसे राइड्स का मिश्रण तैयार किया। इसके लिए उन्होंने एक सस्टेनेबल और आसानी से मिलने वाले स्रोत यानी पेक्टिन का इस्तेमाल किया, जो साइट्रस फलों जैसे संतरा, मौसमी, किन्नू और सेब के छिलकों से तैयार किया गया है। शोधकर्ताओं ने रिसर्च को प्रमाणित करने के लिए किन्नू मंडारिन का यूज किया। किन्नू मंडारिन एक प्रकार का हाइब्रिड साइट्रस फल है।इस शोध के नतीजे अगस्त में Elsevier Journal में प्रकाशित किए गए हैं। शोधकर्ताओं ने इसमें एक एंजाइम मिलाकर पाउडर के रूप में एक सप्लीमेंट तैयार किया है, जिसे अगर दिन में 4 ग्राम की मात्रा में 21 दिनों तक लिया जाए, तो यह आंतों में गुड बैक्टीरिया की संख्या बढ़ाने में मदद करता है