छत्तीसगढ़

कबीरधाम जिले में राष्ट्रीय दृष्टिहीनता एवं अल्प दृष्टि नियंत्रण कार्यक्रम अंतर्गत 26वां विश्व दृष्टि दिवस मनाया गया

कबीरधाम जिले में राष्ट्रीय दृष्टिहीनता एवं अल्प दृष्टि नियंत्रण कार्यक्रम अंतर्गत 26वां विश्व दृष्टि दिवस मनाया गया

कवर्धा, 10 अक्टूबर 2025। राष्ट्रीय दृष्टिहीनता एवं अल्प दृष्टि नियंत्रण कार्यक्रम अंतर्गत कबीरधाम जिले में 26वां विश्व दृष्टि दिवस आज जिलेभर में मनाया गया। यह कार्यक्रम कलेक्टर श्री गोपाल वर्मा के निर्देशन तथा मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. डी.के. तुरे और जिला कार्यक्रम प्रबंधक, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन श्रीमती अनुपमा तिवारी के सफल मार्गदर्शन में आयोजित हुआ। कार्यक्रम का नेतृत्व जिला नोडल अधिकारी डॉ. क्षमा चोपड़ा ने किया। इस अवसर पर जिलेभर में दृष्टि हानि की रोकथाम और नेत्र स्वास्थ्य के प्रति जनजागरूकता संबंधी विभिन्न गतिविधियाँ आयोजित की गईं। कार्यक्रम के दौरान स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने बताया कि प्रदेश में दृष्टिहीनता का मुख्य कारण मोतियाबिंद है, जिसका एकमात्र उपचार ऑपरेशन है। राज्य सरकार द्वारा मोतियाबिंद के आईओएल ऑपरेशन मेडिकल कॉलेज, जिला चिकित्सालयों और स्वयंसेवी अस्पतालों में पूरी तरह निःशुल्क किए जाते हैं। मोतियाबिंद का ऑपरेशन किसी भी मौसम, गर्मी, सर्दी या बरसात में कराया जा सकता है तथा इसके लिए मोतियाबिंद का पकना आवश्यक नहीं होता। जब भी रोगी को दैनिक कार्यों में असुविधा महसूस हो, उस समय ऑपरेशन करवाना सबसे उपयुक्त होता है।
राष्ट्रीय दृष्टिहीनता एवं अल्प दृष्टि नियंत्रण कार्यक्रम में नागरिकों से अपील की गई कि वे समय-समय पर अपनी दृष्टि की जांच करवाते रहें। जिले के सभी जिला चिकित्सालयों एवं प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों में निःशुल्क नेत्र जांच सुविधा उपलब्ध है। साथ ही गरीबी रेखा के नीचे जीवनयापन करने वाले विद्यार्थियों को निःशुल्क चश्मे भी प्रदान किए जाते हैं। विशेषज्ञों ने कहा कि आंखों को धूल, धूप, धुआं, आतिशबाजी, तीर-कमान, गिल्ली-डंडा और चोट लगने जैसी परिस्थितियों से बचाकर रखा जाए। प्रतिदिन आंखों की साफ-सफाई करना और आहार में आम, पपीता, गाजर, कुम्हड़ा, मुनगा, दूध, अंडा, मछली और हरी पत्तेदार सब्जियों को शामिल करना नेत्र स्वास्थ्य के लिए लाभकारी है।
राष्ट्रीय दृष्टिहीनता एवं अल्प दृष्टि नियंत्रण कार्यक्रम में यह भी बताया गया कि आंखों का उपचार स्वयं करने की बजाय विशेषज्ञ चिकित्सक की सलाह लेना चाहिए। किसी भी नेत्र रोग की स्थिति में नजदीकी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र या जिला अस्पताल में जांच एवं उपचार कराना चाहिए। विशेषज्ञों ने कहा कि लगभग 80 प्रतिशत अंधत्व उपचार और सावधानी के माध्यम से रोका जा सकता है, इसलिए समय पर जांच और जागरूकता अत्यंत आवश्यक है। विश्व दृष्टि दिवस के अवसर पर स्वास्थ्य विभाग की टीम द्वारा सामुदायिक स्तर पर नेत्र शिविर और दृष्टि परीक्षण कार्यक्रम भी आयोजित किए गए, जिनमें मोतियाबिंद की पहचान, चिन्हित मरीजों का रेफरल, स्कूली बच्चों में दृष्टिदोष की जांच तथा जनजागरूकता संबंधी गतिविधियाँ की गईं। कार्यक्रम में श्री दशरथ अनंत, श्री मेघनाथ कुलमित्र, श्री भीषम कोसले और श्री लक्ष्मीकांत राजपूत, नेत्र सहायक अधिकारियों की सक्रिय भागीदारी रही।
जिला नोडल अधिकारी डॉ. क्षमा चोपड़ा ने इस अवसर पर कहा कि दृष्टि हमारी सबसे महत्वपूर्ण इंद्रिय है और इसकी सुरक्षा के लिए हर व्यक्ति को सतर्क रहना चाहिए। उन्होंने कहा कि नियमित जांच और संतुलित आहार अपनाकर दृष्टिहीनता से बचा जा सकता है। कार्यक्रम के अंत में नेत्र स्वास्थ्य से संबंधित पम्फलेट और जागरूकता सामग्री भी वितरित की गई। इस प्रकार कबीरधाम जिले में मनाया गया विश्व दृष्टि दिवस जनसामान्य को नेत्र स्वास्थ्य के प्रति सजग करने का एक सफल प्रयास साबित हुआ। स्वास्थ्य विभाग द्वारा जनजागरूकता के साथ-साथ उपचार और निःशुल्क सुविधाओं के प्रसार से जिले में दृष्टिहीनता की रोकथाम की दिशा में महत्वपूर्ण कदम बढ़ाया गया है।

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