दीया छ ग ने युवा दिवस के अवसर पर युवाओं को दी प्रेरणा
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भिलाई। जिनके ओजस्वी वचनों से गूंज उठा था विश्वगगन,वही प्रेरणापुंज हमारे,स्वामी विवेकानंद, कुछ ऐसे ही प्रेरणाप्रद संगीतो से गुंजायमान शक्ति संवर्धन 24 कुंडीय गायत्री महायज्ञ अहिवारा का द्वितीय दिवस, जो कि युवा दिवस के रूप में मनाया गया। स्वामी विवेकानंद की 156वी जयंती के इस अवसर पर आयोजित युवा जागृति सम्मेलन में दीया छत्तीसगढ़ के युवा अग्रदूत डॉ पी एल साव, डॉ योगेंद्र कुमार, सुश्री तिलोत्तमा मुदली,एवम इंजी. सौरभ कांत ने युवाओं को संबोधित किया।
डॉ पी एल साव ने युवाओं को स्वामी विवेकानंद का सूत्र बी एंड मेक को अपनाते हुए पहले खुद में बदलाव फिर समाज मे बदलाव करने का संदेश दिया, उन्होंने कहा कि जब तक हम खुद नही बदल जाते हमारा दृष्टिकोण नही बदल जाता तब तक हम कभी समाज और राष्ट्र को नही बदल सकते, क्योकि 1/125 करोड़ हिंदुस्तान मैं हु, 1/125 करोड़ हिंदुस्तान आप हो, जिस दिन हम अपने आप को बदल लेंगे अपने हिस्से का हिंदुस्तान निर्माण अपने आप प्रारंभ हो जाएगा।
कार्यक्रम में डॉ योगेंद्र कुमार ने युवाओं को उनके दायित्व का बोध कराते हुए कहा कि आज सारी दुनिया की निग़ाह हमारे देश पर है क्योंकि भारत ऊर्जा और ज्ञान से ओतप्रोत युवाओ का देश है, इसलिए युवाओ को नशे के गिरफ्त से बाहर निकल कर चिकित्सा ,सेवा, शिक्षा, पर्यावरण संवर्धन जैसे विषयों में प्राणपण से समर्पित होकर देश के नवनिर्माण में भागीदार होने की जरूरत है,तभी देश एक नयी बुलंदियों को छू पायेगा और पुन: विश्वगुरु बन पाएगा।
युवाओ को संबोधित करते हुए इंजी सौरभ कांत ने कहा कि युवा शब्द 2 अक्षरों से मिलकर बना है यु और वा, अगर इसे उल्टा करे तो वायु बनता है, वायु अर्थात जिसका स्वभाव सिर्फ बहना हो, यही वायु जब नियंत्रित गति से चलती है तो जीवनदायिनी ऑक्सीजन बन जाती है और यही वायु जब नियंत्रण से बाहर हो जाती है तो आंधी बनकर सम्पूर्ण सृष्टि को तबाह कर देती है, इसलिए आज वायु रूपी युवा शक्ति को नियंत्रण और सही मार्गदर्शन की जरूरत है ताकि समाज को तबाह होने से बचाया जा सके।
कार्यक्रम में सुश्री तिलोत्तमा मुदली जी ने आज युवाओ के गलत राह में चलने का कारण कही न कही उनका अपने परिवार में नियंत्रण का अभाव है, बच्चों को उतनी ही आजादी दो जितने में वो एक सही राह का चयन कर सके गर्भ से बच्चों को संस्कार का पथ दिखाना बहुत जरूरी है जिसके लिए नारी शक्ति को बढ़ चढ़ कर आगे आना चाहिए ताकि भारत का भविष्य स्वर्णिम बनाया जा सके।