छत्तीसगढ़

अनुराग से वैराग तक

. अनुराग से वैराग तक

हम वैरागी उद्गम का जल पीने वाले,
अर्थों का अनुसंधान हमे क्या बतलाओगे?

नेह लता पर लिपटी होगी प्रीत तुम्हारी
कोमलांगी के सपने होंगे प्यारी प्यारी
हमको उन सपनों के रीत न भाते है
जो कलियों की चाहत में भौंरे गाते है

हम निष्कामी गंगाजल को पीने वाले
कर्मो का अनुसंधान हमे क्या बतलाओगे?

अनुभूति के विषय में जिसने गौर किया
विषय वासना न चाही ना शोर किया
हां श्वासो के पर्याय में एक ही नाम लिया
चाह शून्य कर अमित प्रेम निष्काम दिया

हम श्मशानी मरुथल का जल पीने वाले
धर्मो का अनुसंधान हमे क्या बतलाओगे??ऋचा चंद्राकर "तत्वाकांक्षी"

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