दोंदे खुर्द में खोली जा रही नवीन शराब दुकान के विरोध में ग्रामीणों ने विशाल धरना प्रदर्शन कर कलेक्टर के नाम सौंपा ज्ञापन ।

दोंदे खुर्द में खोली जा रही नवीन शराब दुकान के विरोध में ग्रामीणों ने विशाल धरना प्रदर्शन कर कलेक्टर के नाम सौंपा ज्ञापन ।
आज दिनांक 29 जून 2025 को नवीन शराब दुकान खोले जाने के ख़िलाफ़ ग्राम दोंदे खुर्द में संघर्ष समिति के बैनर तले विशाल धरना प्रदर्शन किया । धरना उपरांत रैली निकालकर कलेक्टर के नाम तहसीलदार को ज्ञापन सौंपा गया । प्रदर्शन में दोंदे सहित आसपास से एक दर्जन गाँव से सैकड़ो ग्रामीणों सहित स्थानीय जनप्रतिनिधि और सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधि शामिल हुए । आज के धरना पूर्व ग्रामीणों ने गांव में ही लगातार मशाल जुलूस का आयोजन किया था एवं एक दिन पूर्व 29 जून को ग्रामसभा आयोजित कर शराब दुकान खोले जाने के विरोध में प्रस्ताव पारित किया ।
धरना को संबोधित करते हुए जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष उद्योरम वर्मा ने कहा कि शासन गांव गांव में शराब भट्टी खोलकर पूरी युवा पीढ़ी को नशे में धकेलना चाहती है। उन्होंने कहा कि जिला कांग्रेस कमेटी पूरी तरह से ग्रामीणों के आंदोलन में साथ खड़ी हुई है। उन्होंने कहा कि शासन द्वारा दारू दुकान खोलने के अपने निर्णय को वापिस लेने तक यह लड़ाई सामूहिकता के साथ जारी रहनी चाहिए ।
पूर्व विधायक अनिता शर्मा ने कहा कि जो गांव अवैध शराब बेचने के ख़िलाफ़ लड़ाई कर रहे हैं उसी गाँव में नवीन दारू दुकान खोलना ग्रामीणों के साथ अन्याय है । उन्होंने कहा कि आज महँगाई चरम पर है । शासन महिला वंदन योजना के नाम पर महिलाओं को एक हज़ार रुपये देती है और उनके जेब से 4 हज़ार रुपये निकाल लेती है ।
पूर्व सांसद छाया वर्मा ने कहा कि पिछली सरकार क्रमबद्ध तरीके से शराब बंदी की और बढ़ रही थी । पिछली सरकार ने 70 दुकानें बंद की थी और वर्तमान सरकार 76 नवीन दुकानें खुलवा रही है।
जनपद सदस्य भगत बंजारे ने कहा कि यह दारू दुकान से आसपास के गाँव का भी सामाजिक वातावरण दूषित होगा इसीलिए हम सभी को मिलकर इस लड़ाई को लड़ना है ।
पूर्व जनपद अध्यक्ष उतरा कमल भारती ने कहा कि शराब घर और समाज दोनों को बर्बाद करती है। हम अपने गांव में किसी भी कीमत पर शराब दुकान खोलने की इजाजत नहीं देंगे ।
युवा भाजपा नेता सूरज टंडन ने कहा कि हमारे गाँव में कल ग्रामसभा में दारू भट्टी खोलने के ख़िलाफ़ ग्रामसभा में प्रस्ताव पारित हुआ है जिसमे गाँव के सरपंच भी शामिल थे । अब उनकी जिम्मेदारी है कि वे तत्काल दारू भट्टी के लिए उपलब्ध कराई गई जगह को निरस्त करें । यदि हमारे गाँव में जबरन शराब दुकान खोली गई तो हम दुकान के सामने सामने धरना देकर एक भी बोतल दारू बिकने नहीं देंगे ।
सतनामी समाज के अध्यक्ष जय बंजारे जी ने कहा कि शराब दुकान अपने साथ कई तरह की सामाजिक बुराइयां लेकर आती है। पूज्य गुरु घासीदास बाबा का मार्ग शांति, भाई चारा और शराब बंदी का था । हमें इस मार्ग पर आगे बढ़ते हुए अपने गांव को शा मुक्ति की और लेकर जाना है । शासन प्रशासन समाज की भावनाओं का सम्मान करें।
पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष डोमेश्वरी वर्मा एवं जिला सहकारी बैंक के पूर्व अध्यक्ष पंकज शर्मा ने भी धरना को संबोधित करते हुए साय सरकार को शराब दुकान खोलने के निर्णय को वापिस लेने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि निर्णय वापिस नहीं हुआ तो रायपुर जिले के सभी प्रभावित गांव को साथ लेकर एकजुट आंदोलन किया जाएगा ।
छत्तीसगढ़ बचाओ आंदोलन के संयोजक आलोक शुक्ला ने कहा कि जनतंत्र में जनता की आवाज सुनने की बजाए सरकारें जनता पर अपने मनमाने निर्णय थोप रही हैं । चाहे शराब दुकान हो या हसदेव जैसे क्षेत्रों में कोयला खनन, ग्रामसभाओं के विरोध को कुचलकर इन्हें स्थापित किया जा रहा है। शराब दुकान से सरकार को राजस्व अवश्य मिलेगा परंतु गांव की शिक्षा, स्वास्थ्य, की व्यवस्था चौपट हो जाएगी । छत्तीसगढ़ की युवा पीढ़ी कोनशे की लत में धकेला जा रहा है ताकि वह आपके हकों के लिए आवाज उठा न सकें।
आज के धरना को पूर्व राज्यसभा सांसद छाया वर्मा , पूर्व विधायक अनिता शर्मा , जिला कांग्रेस कमिटी के अध्यक्ष उधो वर्मा , आलोक शुक्ला , छत्तीसगढ़ बचाओ आंदोलन के आलोक शुक्ला , ब्लॉक कांग्रेस कमिटी के अध्यक्ष दुर्गेश वर्मा , पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष डोमेश्वरी वर्मा , पूर्व सरपंच अम्मी रेड्डी , पूर्व जनपद अध्यक्ष उत्तरा कमल भारती , सतनामी समाज के प्रदेश अध्यक्ष जय बहादुर बंजारे , जनपद सदस्य भगत बंजारे , पूर्व उपसरपंच सूरज टंडन , सुरेखा ध्रुव , मीना छेतीजा , कविता , सूर्यप्रताप बंजारे , कमल भारती , विजयलक्ष्मी , सुमि , पदमा , उमा , माधुरी , खेमिन , सावित्री , उर्मिला , पूजा , उत्तरा , अलेन सोनवानी , गंगाधर , देवकुमार , ग्राम मटिया से सरपंच प्रतिनिधि रामेश्वर वर्मा , उपसरपंच उत्तम वर्मा , रामचंद साहू , मीना धीवर , राधा वर्मा लालपुर से दीपा साहू समर्थन देने के लिए धरना स्थल पर पहुँचे थे।
भवदीय
संघर्ष समिति