
रमेश मित्तल । दल्लीराजहरा ।
दल्लीराजहरा के पुष्पा हास्पिटल से झरन मंदिर तक डौंडी जाने वाले मार्ग पर झरन मंदिर तक मुख्य मार्ग के दोनों ओर माइंस की ट्रक के साथ स्थानीय लोगों की ट्रक खड़ी होने से स्थानीय व्यापारियों के साथ-साथ आम जनता को भी भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है वहीं कभी भी बड़ी दुर्घटना घट सकती है मुख्य मार्ग पर सड़क के दोनों किनारे हाइवा ट्रक खड़े रहने से बालोद डोंडी मुख्य मार्ग सकरा होने से आए दिन दुर्घटना की संभावना बनी रहती है अव्यवस्थित भारी वाहनों को खड़ा करने वार्ड क्रमांक 13 के पीछे ट्रांसपोर्ट नगर का निर्माण पूर्व नगरपालिका अध्यक्ष द्वारा किया गया था नगर का निर्माण जिस उद्देश्य को लेकर किया गया था वह कारगर साबित नहीं हो सका इसका निर्माण सड़क के दोनों किनारे अव्यवस्थित वाहनों को मुख्य मार्ग में खड़ी नहीं कर ट्रांसपोर्ट नगर में खड़े करने का उद्देश्य किया गया था लेकिन यह योजना ठंडे बस्ते में चली गई है अभी कुछ महापुर नगर के जनप्रतिनिधि श्री अनुविभागीय दंडाधिकारी तहसीलदार नगर निरीक्षक व नगर के बुद्धिजीवी पत्रकार जनप्रतिनिधियों ने अवलोकन कर पुराने ट्रांसपोर्ट नगर भवन पर 3 माह के अंदर कार्य योजना बनाकर सारे ट्रकों को वहीं खड़े कर वहीं पर गैरेज बनाकर पुनर्निर्माण की बात कही गई थी लेकिन उस पर भी कोई अमलीजामा नहीं हो पाया जिसके कारण झरन मंदिर के पास से चिखला कसा तक पूरे मार्ग में जगह-जगह मुख्य मार्ग पर खड़ी रहती है जिसके कारण आम आदमी लगातार दुर्घटना का शिकार हो रहा है नगर के गुरुद्वारा के पास कई माह पूर्व दो-तीन लोगों की जान भी चली गई।।
शासन के आई डी एस एम टी योजना के तहत बना था ट्रांसपोर्ट
शासन के आईडी एमपी योजना के अंतर्गत नगर पालिका द्वारा वार्ड क्रमांक 13 व 15 के पीछे लगभग 350.18 लाख की लागत से ट्रांसपोर्ट नगर का निर्माण किया गया था देख रेख के अभाव में लाखों रुपये की लागत से बने इस ट्रांसपोर्ट नगर भवन से शटर इट सहित अन्य सामग्री की चोरी हो गई है शहर में मुख्य मार्ग किनारे खड़े ट्रकों को व्यवस्थित तरीके से शहर के बाहर ट्रांसपोर्ट नगर में खड़े करने के उद्देश्य से 2006 में तत्कालीन नगर पालिका अध्यक्ष ने आईडीएस एमटी योजना के अंतर्गत 5:30 लाख की लागत से 10 दुकानें बनाई थी इसी योजना के तहत 10 वर्कशॉप का निर्माण 21, 4400 की लागत से किया गया था 10 गैरेज निर्माण में 18,62,570 की लागत आई थी डब्ल्यूबीएम सड़क के लिए 7,98,000 रुपए एवं ग्राउंड समतलीकरण के लिए 3,41, 740 रुपय व्यय किए गए थे इस प्रकार ट्रांसपोर्ट नगर के निर्माण के लिए केंद्र से अनुदान 122 लाख रुपए वह राज्य से 81 लाख एवं निकाय से 147.18 प्रदान की गई थी लाखों रुपए की लागत से शहर शहर के बाहर निर्मित ट्रांसपोर्ट नगर वर्तमान एक खंडहर बनकर रह गया है जिसका कोई उपयोग नहीं हो रहा वहीं यह अनुपयोगी हो चुका है ।।