Shani Jayanti 2025: कब है शनि जयंती? इन अचूक उपायों से दूर होगी बाधाएं, यहां जानें शुभ मुहूर्त और पूजा विधि

Shani Jayanti 2025: कर्मफल दाता शनिदेव के प्रकोप से अभी तक कोई नहीं बचा होगा। शनिदेव को प्रसन्न करने के लिए लोग एक्स शनिवार को उनके मंदिरों में तेल चढ़ातें हैं तो वहीं कई खास उपाय भी करते हैं। ऐसे में अगर आप भी शनिदेव की कृपा पाना चाहते हैं और जीवन आ रही बाधाओं से मुक्ति पाना चाहते हैं तो शनि जयंती के दिन विशेष पूजा और उपाय जरूर करें। बता दें कि, हर साल ज्येष्ठ मास की अमावस्या को शनि जयंती मनाई जाती है। इस बार 27 मई 2025 को मनाई जाएगी। ऐसे में शनिदेव को प्रसन्न करने हेतु क्या करना चाहिए, पूजा का शुभ मुहूर्त क्या है, पूजा विधि, महत्व और उपाय तक हम आपकों यहां सब कुछ बताएंगे..
2025 में शनि जयंती कब है (Shani Jayanti 2025 kab hai)
शनि जयंती, भगवान शनिदेव के प्रकट होने के दिन के रूप में मनाई जाती है। इस बार 27 मई 2025 को मनाई जाएगी। बता दें कि, इस बार शनि जयंती के दिन कई तरह के शुभ योगों का निर्माण भी होने जा रहा है, जिस कारण से इसका महत्व बढ़ गया है। इस दिन शनिदेव देवगुरु बृहस्पति की राशि मीन में विराजमान रहेंगे। वहीं, सूर्य-बुध की युति वृषभ राशि में बनने से बुधादित्य योग बनेगा। सुख और वैभव के कारक शुक्र भी उच्च राशि मीन में होंगे जिस वजह से मालव्य राजयोग का निर्माण होगा। साथ ही, इस दिन सर्वार्थ सिद्धि योग के साथ त्रिपुष्कर राजयोग का निर्माण होगा।
शनि जयंती शुभ मुहूर्त (Shani Jayanti 2025 Shubh Muhurat)
शनि जयंती ज्येष्ठ माह की अमावस्या तिथि पर मनाई जाती है। इस साल ज्येष्ठ माह की अमावस्या तिथि 26 मई को दोपहर 12 बजकर 11 मिनट पर शुरू होगी, जिसका समापन 27 मई को सुबह 8 बजकर 31 मिनट पर खत्म हो जाएगा। ऐसे में उदया तिथि के अनुसार शनि जयंती 27 मई को मनाई जाएगी।
शनि जयंती पूजा विधि (Shani Jayanti 2025 Puja Vidhi)
- शनि जयंती के दिन आप अपने नजदीक किसी शनि मंदिर में जाकर पूजा कर सकते हैं।
- सबसे पहले शनिदेव को काला तिल, काली उड़द की दाल, काले चने , पीपल के पत्ते, फूल आदि अर्पित करें और फिर काला वस्त्र चढ़ाएं।
- भोग में शनिदेव को गुलाब जामुन चढ़ाएं और फिर सरसों के तेल में बाती डालकर दीप जलाएं।
- अब शनि चालीसा या शनि जन्म कथा का पाठ करें। ध्यान रखें कि पूजा करते समय शनि देव की आंखों में न देखें।
शनि जयंती उपाय (Shani Jayanti 2025 Upay)
- शनि देवता को नीला रंग बहुत पसंद है, ऐसे में अगर आप शनि जयंति के दिन उन्हें नीले अपराजिता के फूल अर्पित करते हैं तो आपके जीवन से नकारात्मक ऊर्जा दूर हो जाएगी और सुख-समृद्धि के मार्ग खुलेंगे।
- शमी का पेड़ शनिदेव से जुड़ा हुआ माना जाता है। ऐसे में शमी के पत्ते और फूल शनिदेव को अर्पित करने से कर्मों की शुद्धि होती है और शत्रुओं पर विजय प्राप्त होती है।
- वैसे तो शनिदेव को काला तिल बहुत से लोग अर्पित करते हैं, लेकिन इसे अगर आप गुलाब के फूल चढ़ाते हैं तो आपके जीवन में प्रेम, सौंदर्य और संतुलन आएगा।
- शनिदेव को नीला कमल अर्पित करनाबहुत ही पुण्यकारी माना जाता है। यह फूल अध्यात्म, गहन चिंतन और शनि की आध्यात्मिक ऊर्जा से संबंधित है।