एन.डी.पी.एस. प्रकरणों की विवेचना’’ विषय पर आयोजित की गई एकदिवसीय रेंज स्तरीय प्रशिक्षण कार्यशाला।

‘‘एन.डी.पी.एस. प्रकरणों की विवेचना’’ विषय पर आयोजित की गई एकदिवसीय रेंज स्तरीय प्रशिक्षण कार्यशाला।
. प्रशिक्षण कार्यशाला में बताई गई एन.डी.पी.एस. प्रकरणों की विवेचना की बारीकियां।
. प्रशिक्षण कार्यशाला में लाभान्वित हुए उप पुलिस अधीक्षक से सहायक उप निरीक्षक तक के 89 अधिकारी।
बिलासपुर रेंज अंतर्गत जिलों में एन.डी.पी.एस. एक्ट के अंतर्गत दर्ज प्रकरणों में विवेचना कार्यवाही प्रक्रिया अनुरूप हो एवं विवेचना के दौरान एन.डी.पी.एस. एक्ट के प्रावधानों के अनुसार सभी प्रक्रिया का पूर्ण हो, इस इस उद्देश्य से रेंज अंतर्गत जिलों के उप पुलिस अधीक्षक से सहायक उप निरीक्षक स्तर तक के अधिकारियों हेतु आज दिनांक 16.05.2025 को डॉ. संजीव शुक्ला, पुलिस महानिरीक्षक, बिलासपुर रेंज द्वारा रक्षित केन्द्र बिलासपुर के ‘चेतना भवन’ में 01 दिवसीय रेंज स्तरीय प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन कराया गया। इस प्रशिक्षण कार्यशाला में विषयक विशेषज्ञ के रूप में श्री माखनलाल पाण्डेय, संयुक्त संचालक, अभियोजन, बिलासपुर और श्री सूर्यकांत शर्मा, विशेष लोक अभियोजक (एन.डी.पी.एस.), बिलासपुर तथा अधिवक्ताद्वय श्री विभाकर सिंह व श्री शैलेन्द्र दुबे, उच्च न्यायालय छत्तीसगढ़, बिलासपुर सहित नगर पुलिस अधीक्षक सिविल लाईन श्री निमितेश सिंह व निरीक्षक श्री चंद्रकांत साहू, जिला धमतरी के द्वारा कार्यशाला में उपस्थित प्रशिक्षणाथियों को एन.डी.पी.एस. एक्ट के प्रकरण की बारीकियों से विस्तारपूर्वक अवगत कराया गया।
प्रशिक्षण कार्यशाला का शुभारंभ करते हुए पुलिस महानिरीक्षक बिलासपुर रेंज डॉ. संजीव शुक्ला ने कार्यशाला में उपस्थित प्रशिक्षणार्थियों को संबोधित करते हुये अपने उद्बोधन में विचार व्यक्त किया गया कि कि वर्तमान समय में देश के समक्ष नशा एक चुनौती है। अन्य अपराध सामान्य नुकसान करते हैं उसकी भरपाई हो सकती है किन्तु नशा युवा पीढ़ी को खत्म कर रहा है। नशे के उन्मूलन के लिए पुलिस ही एकमात्र एजेंसी है जिसके द्वारा एनडीपीएस एक्ट के आज्ञापक प्रावधानों का पालन करते हुए प्रभावी कार्यवाही कर अपराधियों को शत-प्रतिशत सजा दिलाकर नशे के अपराध में अंकुश लगाया जा सकता है। इसी उद्देश्य से कार्यशाला का आयोजन किया गया है।
श्री रजनेश सिंह, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक बिलासपुर द्वारा अपने उद्बोधन विचार व्यक्त किया गया कि एन.डी.पी.एस. के प्रकरणों में इस एक्ट की धारा 42, 43, 50 के आज्ञापक प्रावधानों का पालन तथा जप्ती में किसी प्रकार की हुई त्रुटियांॅ आदि को प्रकरण के ट्रायल के दौरान बारीकी से देखा जाता है, इसलिए एन.डी.पी.एस. के प्रकरणों की सावधानी पूर्वक विवेचना करें एवं एफ.एस.एल. सैम्पलिंग सावधानीपूर्वक भी की जावे ताकि अपराधी को माननीय न्यायालय से सजा दिलाई जा सके। श्री माखनलाल पाण्डेय, संयुक्त संचालक(अभियोजन), बिलासपुर एवं श्री सूर्यकांत शर्मा विशेष लोक अभियोजक (एनडीपीएस) बिलासपुर के द्वारा एन.डी.पी.एस. प्रकरणों में ट्रायल के दौरान विवेचना की कमी एवं अभियोजन की सफलता हेतु एन.डी.पी.एस. एक्ट की धारा 50 व 52 में निहित प्रावधानों का प्रशिक्षणार्थियों को विस्तारपूर्वक प्रशिक्षण दिया गया। इनके द्वारा कार्यशाला में उपस्थित प्रशिक्षणार्थियों को प्रशिक्षण के दौरान बताया कि एनडीपीएस प्रकरणों में दोषमुक्ति का कारण राजपत्रित अधिकारियों के कार्यालय की सील मोहर पावती में नहीं रहना, मकान या स्वामित्व/कब्जे का प्रमाणपत्र व दस्तावेज नहीं रहना, दस्तावेजों में सफेदा लगाना/काट-छांट करना, महिला की तलाशी किसी महिला पुलिस द्वारा ली जाकर हस्ताक्षर नहीं करना, मालखाना से माल निकालते समय पंचनामा तैयार न करना, रजिस्टर में इन्द्राज न होना आदि त्रुटियों से अवगत कराते हुए एन.डी.पी.एस. एक्ट के आज्ञापक प्रावधानों का पालन करने हेतु बताया गया। अधिवक्ताद्वय श्री विभाकर सिंह एवं श्री शैलैन्द्र दुबे के द्वारा एन.डी.पी.एस. प्रकरणों में विवेचना के दौरान होने वाली त्रुटियां जिसका लाभ आरोपी पक्ष को मिलता है, इस संबंध में प्रशिक्षणार्थियों को विस्तारपूर्वक प्रशिक्षण दिया गया। अधिवक्ताद्वय श्री विभाकर सिंह एवं श्री शैलैन्द्र दुबे ने एन.डी.पी.एस. एक्ट की धारा 42, 50, 57 का पालन करने तथा मालखाना से माल जितनी बार निकालते हैं उनका पंचनामा तैयार करने तथा रजिस्टर में इन्द्राज करने तथा मुखबीर सूचना व संपूर्ण कार्यवाही की सूचना एसडीओपी कार्यालय को दिये जाने, उसकी सील सहित पावती प्राप्त करने तथा आरक्षक को साक्ष्य सूची में रखे जाने प्रशिक्षणार्थियों को बताया गया। नगर पुलिस अधीक्षक सिविल लाईन बिलासपुर श्री निमितेश सिंह के द्वारा एन.डी.पी.एस. प्रकरणों में End तो End विवेचना, फायनेन्शियल इन्वेस्टीगेशन और एन.डी.पी.एस. एक्ट के प्रकरण के आरोपियों द्वारा नशे के व्यवसाय से अर्जित संपत्ति को सक्षम न्यायालय ‘सफेमा’ से राजसात कराये जाने के संबंध में केस स्टडी तैयार कर प्रशिक्षणार्थियों को विस्तारपूर्वक प्रशिक्षण दिया गया। इनके द्वारा प्रशिक्षणार्थियों को अवगत कराया गया कि एन.डी.पी.एस. प्रकरणों की विवेचना के अन्तर्गत मौके में पकड़े गये आरोपी के अलावा जहां से माल डिलीवर हो रहा है ऐसे व्यवसायिक प्रकरणों में End to End विवेचना की जावे। एनडीपीएस की धारा 68 के प्रावधानों के तहत कार्यवाही की जावे तथा आरोपी द्वारा नशे के व्यवसाय में प्राप्त आय से बनाये गये संपत्ति के संबंध में पंजीयन कार्यालय, जीएसटी विभाग, इन्कम टैक्स आदि से जानकारी एकत्र कर कार्यवाही संपत्ति फ्रीज का प्रतिवेदन सफेमा कोर्ट में प्रस्तुत किया जावे। निरीक्षक श्री चन्द्रकांत साहू, जिला धमतरी एवं उप निरीक्षक श्री अवधेश सिंह जिला बिलासपुर द्वारा एनडीपीएस प्रकरणों में स्वयं के द्वारा की गई विवेचना की जानकारी प्रशिक्षण कार्यशाला में उपस्थित प्रशिक्षणार्थियों से साझा की गई, जिनके आधार पर प्रकरणों में माननीय न्यायालय से आरोपी को सजा मिली है। इन्होंने अपने अनुभव साझा करते हुए एन.डी.एस. के प्रकरणों में दोषसिद्धि में सहायक होने वाले तथ्यों का उल्लेख करते हुए बताया कि मुखबीर सूचना की गवाही तलब करने हेतु आरक्षक को रवाना किया जावे उसके पश्चात समक्ष उपस्थित हुए गवाह का मुखबीर पंचनामा तैयार किया जावे। आरोपी को मजिस्ट्रेट/राजपत्रित अधिकारी से तलाशी लेने के संबंध में बताया जावे। धारा 50, 91 की नोटिस आरोपी को दिया जाय तथा पावती डायरी में संलग्न किया जावे। थाना मोहर्रिर को माल देते समय सील चपड़ा लगा हुआ हो, स्पष्ट उल्लेख रोजनामाचा एवं मालखाना रजिस्टर में दर्ज कराया जावे। संपूर्ण कार्यवाही की वीडियोग्राफी/फोटोग्राफी कराई जावे। सैम्पल, इन्वेटरी कार्यपालिक मजिस्ट्रेट से न कराकर न्यायिक मजिस्ट्रेट से कराई जावे। चालान में मालखाना रजिस्टर की सत्यापित प्रति लगाई जावे। उक्त आयोजित प्रशिक्षण कार्यशाला के समापन पर आभार प्रदर्शन अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक श्रीमती मधुलिका सिंह एवं अतिरिक्त पुलिस(शहर) बिलासपुर श्री राजेन्द्र जायसवाल द्वारा किया गया। यह प्रशिक्षण सत्र अत्यन्त महत्वपूर्ण एवं उपयोगी दिशा-निर्देशों के साथ संपन्न हुआ। इस एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला में रेंज अंतर्गत जिलों से 10 राजपत्रित पुलिस अधिकारी, 19 निरीक्षक, 23 उप निरीक्षक, 37 सहायक उप निरीक्षक सम्मिलित हुये।