These Actors Picked Up Guns For The Country: देश के ये अभिनेता कारगिल युद्ध में हुए थे शामिल, अभिनय छोड़कर किया था देश की सेवा

नई दिल्ली: इस समय पूरी दुनिया की निगाहें भारत और पाकिस्तान के बीच हो रहे हमले को लेकर टिकी हुई है। पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान पर ऑपरेशन सिंदूर लॉन्च किया। जिसके बाद से पाकिस्तान बौखलाया गया है और लगातार भारत पर ड्रोन अटैक करने की कोशिश कर रहा है। वहीं दूसरी ओर भारतीय सेना पाकिस्तान की ओर से की जा रही गोलीबारी का मुंहतोड़ जवाब दे रही है। भारतीय सेना की इस ताबड़तोड़ कार्रवाई की सराहना पूरी दुनिया में हो रही है। आम जनता से लेकर बॉलीवुड सितारे भारतीय सेना की जमकर तारीफ कर रहे हैं। यह कार्रवाई भारत की सख्त नीति को दर्शाती है और देश की सुरक्षा के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता को प्रदर्शित करती है।
कारगिल युद्ध में देश के लिए लड़े नाना
आज हम आपको ऐसे अभिनेता के बारे में बताएंगे जिन्होंने देश के लिए वर्दी पहनी और युद्ध में हिस्सा लिया, उनमें से एक नाम है नाना पाटेकर का। इन्होने 1999 के कारगिल युद्ध के दौरान मराठा लाइट इन्फैंट्री रेजिमेंट में मेजर के रूप में सेवाएं दी थी। नाना पाटेकर एक ऐसे अभिनेता हैं जिन्होंने पर्दे पर ही नहीं, बल्कि असल जिंदगी में भी देश के लिए अपना योगदान दिया है। कारगिल युद्ध के दौरान, उन्होंने अभिनय छोड़कर देश की सेवा में अपना समय दिया था।
नाना पाटेकर ने फिल्म ‘प्रहार’ के लिए मराठा लाइट इन्फेंट्री से ट्रेनिंग भी ली थी और उन्हें कैप्टन की मानद रैंक प्राप्त की थी। वो न केवल एक अभिनेता हैं, बल्कि एक देशभक्त भी हैं जिन्होंने अपने देश के लिए अपनी सेवाएं दी हैं। नाना पाटेकर ने निशानेबाज के रूप में स्टेट और नेशनल लेवल की कई प्रतियोगिताओं में हिस्सा लिया और मेडल जीते।नाना पाटेकर जैसे अभिनेता हमें देशभक्ति और सेवा की भावना से प्रेरित करते हैं। उनके इस योगदान को हमेशा याद रखा जाएगा।
कारगिल युद्ध लड़के के पीछे भी एक दिलचस्प कहानी है
नाना पाटेकर का कारगिल युद्ध लड़के के पीछे भी एक दिलचस्प कहानी है। 1991 की फिल्म ‘प्रहार’ ने उन्हें सेना के करीब ला दिया था। इस फिल्म के लिए उन्होंने तीन साल तक आर्मी ट्रेनिंग ली और कैप्टन की मानद रैंक हासिल की। इसके बाद नाना सेना में सेवा देने की इच्छा रखने लगे। उन्होंने एक बड़े अधिकारी से संपर्क किया, लेकिन उन्हें मना कर दिया गया। फिर उन्होंने तत्कालीन रक्षा मंत्री जॉर्ज फर्नांडिस से संपर्क किया, जिन्होंने उनकी आर्मी बैकग्राउंड और जज़्बे को देखते हुए उन्हें अनुमति दे दी। नाना पाटेकर की देशभक्ति और समर्पण की भावना ने उन्हें सेना के करीब ला दिया और उन्हें देश के लिए कुछ करने का मौका मिला।