ऑपरेशन कार्यों का आउटसोर्स संयंत्र के लिए खतरा
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भिलाई। सीटू का प्रतिनिधि मंडल ने एसएमएस 3 के उपमहाप्रबंधक प्रभारी से मिल कर चर्चा कर कहा कि, संयंत्र जैसे सार्वजनिक उद्योग में ऑपरेशन कार्य को आउटसोर्स करना संयंत्र के लिए खतरनाक स्थिति है। क्योंकि ऑपरेशन कार्य को आउटसोर्स करने का मतलब संयंत्र के संचालन को धीरे-धीरे निजी हाथों में देना है। एक बार यह सिलसिला शुरू हो गया तो देखते देखते पूरा प्लांट का अधिकांश हिस्सा का ऑपरेशन या तो किसी कंपनी के हवाले होता चला जाएगा या फि र ठेकेदारों के हवाले कर के ठेका मजदूरों से यह काम लेना प्रारंभ कर दिया जाएगा जो कि संयंत्र के हित में नहीं है। एसएमएस 3 के उप महाप्रबंधक प्रभारी ने कहा कि, एसएमएस 3 का ब्लूम कास्टर चलाने की ट्रेनिंग हमारे कर्मियों के पास नहीं है। इसीलिए मात्र 3 महीनों के लिए उस बाहर की एजेंसी को लाया जा रहा है, जिनसे हमारे कर्मी ट्रेनिंग प्राप्त करेंगे। उसके बाद हमारे भिलाई इस्पात संयंत्र के कर्मचारी ही ब्लूम कास्टर को चलाएंगे। यदि बहुत आवश्यकता हुई तो ट्रेनिंग और 3 माह के लिए बढ़ सकता है। अर्थात ब्लूम कास्टर को आउट सोर्स नहीं किया जाएगा।इसके पहले भी नई इकाइयों के कार्य को आउटसोर्स करने की बात जोर-शोर से उठ चुकी है और इस पर उच्च प्रबंधन यह तर्क देता है कि, नई इकाइयाँं चलाना हमारे कर्मियों के बस की बात नहीं है।
इस पर सीटू ने स्पष्ट कहा है कि, प्रबंधन का यह कथन तर्कसंगत नहीं है क्योंकि जितने भी मॉडक्स यूनिट संयंत्र में आए है उसके अधिकांश कार्यों को हमारे संयंत्र के पुराने एवं नई भर्ती हुए एसीटी। ओसीटी के कर्मी ही संचालित कर रहे हैं एवं उत्पादन भी तेजी से दे रहे हैं इसका उदाहरण यूनिवर्सल रेल मिल, ब्लास्ट फ र्नेस 8, कोक ओवन बैटरी 11 एवं स्वयं एसएमएस 3 के हो रहे कार्य है।