Pradeep Mishra Advice to Cover Navel: ढकी रहेगी नाभि…सुरक्षित रहेगी नारी…पंडित प्रदीप मिश्रा ने लड़कियों को दी नसीहत

जयपुर: Pradeep Mishra Advice to Cover Navel देश के प्रख्यात कथावाचक पंडित प्रदीप मिश्रा इन दिनों जयपुर में शिव महापुराण की कथा का पाठ कर रहे हैं। वो यहां आगामी 7 मई तक कथा का पाठ करेंगे। कथा के दौरान पंडित प्रदीप मिश्रा शास्त्र के साथ-साथ सामाजिक सुधार के लिए ज्ञान दे रहे हैं। वहीं, देश में तेजी से बढ़ रहे रेप और महिला के खिलाफ हो रहे अत्याचार के मामले को लेकर पंडित प्रदीप मिश्रा का बड़ा बयान सामने आया है। उन्होंने महिलाओं और लड़कियों को नाभि छिपाकर रखने की नसीहत दी है।
Pradeep Mishra Advice to Cover Navel पंडित प्रदीप मिश्रा ने कहा कि आजकल लोगों का भोजन और पहनावा बदल गया है जो अपराध बढ़ने की एक बड़ी वजह है। अगर हम शुद्ध और सात्विक भोजन करेंगे तो हमारे मन में शुद्ध विचार उत्पन्न होंगे। मांसाहार या तामसी भोजन लेंगे तो इंसान का मन भी तामसी प्रवृत्ति का हो जाता है। इसी तरह अगर संस्कृति के हिसाब से वस्त्र धारण करने के बजाय अगर पश्चिमी देशों की संस्कृति अपनाते हुए छोटे कपड़े पहनेंगे तो वह अपराध को आमंत्रण देने के समान है। हमें इससे बचना चाहिए। पंडित मिश्रा की इस नसीहत को लेकर सोशल मीडियो पर बहस भी छिड़ी है। एक्स पर यूजर अलग-अलग प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं।
पंडित प्रदीप मिश्रा ने कहा कि आदमी की मनोवृत्ति उसकी संगत पर निर्भर करती है। अगर वह अच्छी संगत है तो उसके कर्म भी अच्छे होंगे और संगती खराब है तो व्यक्ति गलत रास्ते पर चला जाता है। पं. मिश्रा ने कहा कि माता पिता अपने बच्चों को पढ़ाने के लिए बड़े शहरों में भेजते हैं। मेहनत का पैसा लगाकर उन्हें राम बनाने की कोशिश करते हैं लेकिन कुसंगत उन्हें रावण बना देती है। उन्होंने राजस्थान की बेटियों से आग्रह किया कि वे अपने पहनावे का विशेष ध्यान रखें।
उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि तुलसी के पौधे की जड़ दिखने लगती है तो पौधा एक दिन में समाप्त हो जाता है। उसी तरह वस्त्र पहनते हुए बेटियों को ध्यान रखना चाहिए कि पेट की नाभि ढकी हुई रहे। यह ध्यान रखिए कि नाभि ढकी रहेगी, सुरक्षा बनी रहेगी। शालीन पहनावे से अपराधों का शिकार होने से काफी हद तक बचा जा सकता है। पंडित मिश्रा ने मोबाइल के बढ़ते इस्तेमाल पर भी चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि इन दिनों बच्चों में भी मोबाइल और सोशल मीडिया के उपयोग का चलन बढ़ गया है। बच्चे जवानी में प्रवेश करने के साथ ही सीधे बुढ़ापे में प्रवेश कर रहे हैं। माता पिता को अपने बच्चों पर ध्यान देने की जरूरत है।