छत्तीसगढ़

बिलासपुर अतिरिक्त तहसीलदार लखेश्वर ध्रुव EOW के लपेटे में आया /भारतमाता प्रोजेक्ट में करोड़ों की धांधली/सीडीआर की शिकायत पर हुई कार्रवाई l

बिलासपुर अतिरिक्त तहसीलदार लखेश्वर ध्रुव EOW के लपेटे में आया /भारतमाता प्रोजेक्ट में करोड़ों की धांधली/सीडीआर की शिकायत पर हुई कार्रवाई l

रायपुर/ बिलासपुर—ईओडब्लू की टीम ने प्रदेश के कई जिलों में एक साथ भारतमाला प्रोजेक्ट में करोड़ों की धांधली मामले में छापा मारा है। शिकायत मिलने के बाद टीम ने अलग अलग जिलों में काम कर रहे एसडीएम और तहसीलदारों के ठिकाने में दबिश दिया है। बताते चलें कि भारतमाता प्रोजेक्ट में मुआवजा धांधली के आरोप में पहले ही कई एसडीएम और तहसीलदारों को निलंबित किया गया है। बताया जा रहा है कि अधिकारियों ने बैक डेट में फर्जी दस्तावेज तैयार करीब 50 करोड़ रूपयों से अधिक का घोटाला किया है।

ईओडब्लू की टीम ने मारा छापा

छत्तीसगढ़ राज्य में 300 करोड़ से अधिक भारतमाला प्रोजेक्ट में जमीन अधिग्रहण में मुआवजा घोटाला की शिकायत पर ईडी की टीम ने प्रदेश के अलग अलग जिलों में अधिकारियों के यहां दबिश दिया है। 324 करोड़ के मुआवजा घोटाले को लेकर पूरे प्रदेश में EOW ने राजधानी रायपुर, नया रायपुर, दुर्ग-भिलाई, अभनपुर, आरंग और बिलासपुर में रेड कार्रवाई को अंजाम दिया है। कई प्रशासनिक और बैंक अधिकारियों के निवास पहुंचकर ईटी की टीम ने जरूरी दस्तावेज बरामद किया है। जानकारी के अनुसार टीम ने पूर्व और वर्तमान एसडीएम, तहसीलदार, नायब तहसीलदार, पटवारी और राजस्व निरीक्षकों के अलावा बैंक अधिकारियों को भी घेरा है l

एसीबी की टीम ने भिलाई में बैंक मैनेजर के घर धावा बोला। घर के परिजनों से पूछताछ को अंजाम दिया है। संपत्ति से जुड़े दस्तावेजों को जब्त किया है। बैंक मैनेजर से भी पूछताछ की कार्रवाई की है। इसके साथ ही टीम ने बिलासपुर में पदस्थ अतिरिक्त तहसीलदार लखेश्वर ध्रुव के आवास पर भी रेड कार्रवाई को अंजाम दिया है। अतिरिक्त तहसीलदार के ठिकाने से जरूरी दस्तावेजों को कब्जे में लिया है।

पीएमओ को सीडीआर की शिकायत

जानकारी हो कि लखेश्वर ध्रुव बिलासपुर से पहले रायपुर में नायब तहसीलदार के पद पर कार्यरत रहे। एसीबी ने रायपुर कमें तात्कालिक एसडीएम निर्भय साहू और तहसीलदार शशिकांत कुर्रे के घर पर भी दबिश दिया है। ईओडब्लू की टीम सभी अधिकारियों से जुड़ी संपत्तियों और लेन-देन की विस्तृत जांच कर रही है। बताया जा रहा है कि भारतमाला प्रोजेक्ट में सामने आए कथित मुआवजा घोटाले को लेकर नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरणदास महंत ने प्रधानमंत्री कार्यालय को पत्र लिखकर शिकायत की थी। पीएमओ ने महंत की शिकायत को गंभीरता से लिया है।

आखिर क्या है मुआवजा घोटाला

भारत माला प्रोजेक्ट में जमीन अधिग्रहण मामले में 43 करोड़ का घोटाला हुआ है। जमीन को टुकड़ों में बांटकर NHAI को 78 करोड़ का भुगतान दिखाया गया। बताया जा रहा है कि एसडीएम पटवारी और भू-माफिया ने सिंडिकेट बनाकर बैक डेट में घोटाला का दस्तावेज तैयार किया है। रायपुर-विशाखापट्टनम तक भारतमाला प्रोजेक्ट के तहत 6 लेन सड़क बन रही है। मुआवजा में घोटाले की खबर मीडिया में छपने के बाद कोरबा के डिप्टी कलेक्टर ने शशिकांत कुर्रे को सस्पेंड किया था। इसके पहले जगदलपुर निगम कमिश्नर निर्भय साहू को सस्पेंड किया गया था। निर्भय कुमार साहू समेत पांच अधिकारी–कर्मचारियों पर 43 करोड़ 18 लाख रुपए से अधिक राशि की गड़बड़ी का आरोप है।

टुकड़ों में बांटकर करोड़ों का मुआवजा

अवर सचिव के निर्देश पर बनी जांच रिपोर्ट में जिक्र है कि अभनपुर इलाके में पदस्थ अधिकारियों ने बैक डेट में जाकर दस्तावेज तैयार किया। असली जमीन मालिक को नुकसान पहुंचाया।अधिकारियों ने खुलासा किया कि अभनपुर के ग्राम नायक बांधा और उरला में चार एकड़ जमीन सर्वे से पहले एक परिवार के पास थी। सर्वे होने के ठीक कुछ दिन पहले एक ही परिवार के 14 लोगों के नाम पर हो गयी। इसके बाद एक ही परिवार के सदस्यों को 70 करोड़ रुपए मुआवजा मिला। जांच अधिकारियों ने तत्कालीन अफसरों की कार्यप्रणाली का जिक्र जांच रिपोर्ट में किया है।

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