Reliance Communications Share: कभी रॉकेट था यह स्टॉक, अब पहुंचा जमीन पर, इस शेयर ने डुबा दिया लाखों – NSE: RCOM, BSE: 532712

Reliance Communications Share: अनिल अंबानी की कंपनी रिलायंस कम्युनिकेशन लिमिटेड (RCom) के शेयरों में बीते शुक्रवार को 4% से अधिक की तेजी आई और यह 1.56 रुपये के स्तर पर पहुंच गया। हालांकि, इससे पहले इस शेयर में लगातार गिरावट देखने को मिली थी। इस साल अब तक इसमें करीब 18% की गिरावट आई है और पिछले छह महीनों में शेयर 37% तक टूटा है। हालांकि, पिछले पांच दिन में इसमें 2% और एक महीने में 5% की हल्की बढ़त देखने को मिली है।
कंपनी पर कर्ज का बोझ
रिलायंस कम्युनिकेशन ने हाल ही में जानकारी दी की 30 सितंबर 2024 तक उस पर कुल 40,413 करोड़ रुपये का कर्ज है। इसमें छोटी और लंबी अवधि के कर्ज दोनों शामिल हैं। इसके अलावा 27,867 करोड़ रुपये का अर्जित ब्याज और 3,151 करोड़ रुपये का एनसीडी ब्याज अलग से है। कभी 2007-08 में यह शेयर 750 रुपये से ऊपर कारोबार करता था, लेकिन अब यह पेनी स्टॉक बन गया है। निवेशकों के लिए 1 लाख रुपये की वैल्यू अब सिर्फ 208 रुपये रह गई है।
अनिल अंबानी का सफर, शिखर से संकट तक
अनिल अंबानी कभी दुनिया के छठे सबसे अमीर व्यक्ति थे। उनकी कंपनी आरकॉम भारत की दूसरी सबसे बड़ी टेलीकॉम कंपनी हुआ करती थी। लेकिन रिलायंस जियो के आने के बाद शुरू हुई प्राइस वॉर ने आरकॉम को आर्थिक संकट में डाल दिया। 2005 में अपने भाई मुकेश अंबानी से हुए कारोबारी बंटवारे के बाद अनिल अंबानी ने टेलीकॉम, पावर और फाइनेंशियल सर्विसेज की कमान संभाली थी।
वित्तीय चुनौतियों से जूझते रहे अनिल अंबानी
अनिल अंबानी ने डिफेंस और एंटरटेनमेंट सेक्टर में भी निवेश किया, लेकिन इनमें उन्हें कामयाबी हासिल नहीं हुई। 2019 में सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जेल की चेतावनी दी थी जब आरकॉम एरिक्सन इंडिया को भुगतान नहीं कर पाई थी। इस संकट में उनके भाई मुकेश अंबानी ने आखिरी समय पर मदद कर उन्हें फंड दिलाया। भारी कर्ज और खराब बिजनेस रणनीति के कारण उनकी कंपनियां लगातार संघर्ष का सामना कर रही है।
नोट:- शेयर बाजार में निवेश जोखिम के अधीन होता है। शेयरों, म्यूचुअल फंड्स और अन्य वित्तीय साधनों की कीमतें बाजार की स्थितियों, आर्थिक परिस्थितियों और अन्य कारकों के आधार पर घट-बढ़ सकती हैं। इसमें पूंजी हानि की संभावना भी शामिल है। इस जानकारी का उद्देश्य केवल सामान्य जागरूकता बढ़ाना है और इसे निवेश या वित्तीय सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए।