Face to Face Madhya Pradesh: ‘गौमाता’ का ध्यान..लक्ष्य पर संधान! क्या कृष्ण भक्ति और गौ सेवा के जरिए सीएम मोहन एमपी की राजनीति को नया मोड़ दे रहे हैं?

भोपाल: कृष्ण से भक्ति और गौ की सेवा मोहन सरकार के ये दो लक्ष्य उनकी नीतियों और फैसलों में साफ दिख रहे हैं। आज कैबिनेट के फैसलों के जरिए एक बार फिर सरकार ने अपने इरादों का परिचय दिया । सीएम मोहन ने अपनी गौ केंद्रित राजनीति में अंबेडकर को भी शामिल कर लिया है। यानी गाय, गौपालक, दलित सब एक साथ साधने की कोशिश हो रही है। कुछ सियासी जानकार ये सवाल भी कर रहे हैं कि क्या इस राजनीति का बिहार चुनाव से भी कोई कनेक्शन है?
यानी आज की कैबिनेट बैठक गौ माताओं को समर्पित रही। गौशालाओं को प्रति गाय अब 20 की जगह 40 रुपये मिलेगा, मुख्यमंत्री पशुपालन योजना अब डॉ अंबेडकर के नाम से रीलॉन्च होगी, निराश्रित गौवंशों के लिए PPP मॉडल पर गौवंश विहार खोले जाएंगे
मंत्री लखन पटेल ने इस बात को भी माना कि प्रदेश निराश्रित गौवंशों से परेशान था और ये सबसे बड़ा मुद्दा भी था लेकिन कैबिनेट की बैठक में जो निर्णय हुआ। उससे इस समस्या से निजात मिलेगी। कैबिनेट की बैठक में जैसे ही निर्णय आया बीजेपी अपनी पीठ थपथपाते हुए कह रही है हम जो कहते हैं वो करते है जबकि कांग्रेस ने कहा कि ये ऊंट के मुंह में जीरे की तरह है।
एमपी में गाय हमेशा सियासत के केंद्र में रही है। जाहिर है इस मुद्दे पर सियासत तो होगी ही, लेकिन अहम बात तो ये है कि मोहन सरकार ने गौवंशों और निराश्रित गौवंशों के लिए एक कदम आगे बढ़ाया है। जिसे सही से धरातल पर उतारा जाए तो ये काफी कारगर होगा।