Waqf Amendment Bill in Rajya Sabha: राज्यसभा में पेश हुआ वक्फ संशोधन बिल, रिजिजू बोले- विधेयक को लेकर मिले हैं एक करोड़ से ज्यादा सुझाव

नई दिल्लीः Waqf Amendment Bill in Rajya Sabha वक्फ संशोधन बिल 2024 बुधवार को लोकसभा में पास हो गया है। गुरुवार को इसे राज्यसभा में चर्चा के लिए पेश किया गया। इस दौरान अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू ने राज्यसभा में कहा- वक्फ संशोधन बिल पर बनाई गई जॉइंट कमेटी ने 10 शहरों में जाकर अपना समय दिया है। आज में कमेटी के हर मेंबर को धन्यवाद देना चाहता हूं। अंत में सभी बोलने वालों को भी धन्यवाद दूंगा। सदन में तो मंत्री के रूप में बोल रहा हूं। जो अच्छा काम करेगा, उसे तारीफ भी मिलेगी। जिनकी इच्छा के लिए कर रहा हूं, उनसे भी तारीफ मिलेगी।
सच्चर कमेटी की रिपोर्ट 2006 में पेश की गई
Waqf Amendment Bill in Rajya Sabha रिजिजू ने राज्यसभा में कहा- सच्चर कमेटी की रिपोर्ट 2006 में पेश की गई। कहा- पहली- वक्फ बोर्ड को डिजिटल होना चाहिए। 4.9 लाख प्रॉपर्टी है। इनकी इनकम 163 करोड़ है। अगर एफिशिएंटली मैनेज करते तो इनकम 12 हजार करोड़ होनी थी। 8.72 लाख प्रॉपर्टी है। इसकी इनकम का हम लोग अंदाजा भी नहीं लगा सकते। आज आप मार्केट रेट के हिसाब से अनुमान लगा सकते हैं। सच्चर कमेटी ने कहा कि बंद कमरे में जो होता है, इसे बाहर आना चाहिए। महिलाओं और बच्चों के लिए खास कदम उठाना चाहिए।
पुरानी कमेटी ने भी कई मुद्दे रिकमंड किए थे
रिजिजू ने कहा- इसके बाद जॉइंट पार्लियामेंट कमेटी का गठन हुआ। के रहमान खान अध्यक्ष बने। उन्होंने कई मुद्दे रिकमंड किए थे। कहा- वक्फ बोर्ड का इन्फ्रा काफी नहीं है। सारा झंझट मुतवल्ली पर केंद्रित है। डॉक्यूमेंटेशन के बारे में कहा गया। इसे डिजिटलाइजेशन के बारे में भी कहा गया। वक्फ प्रॉपर्टी किस तरह से लीज हो सकती है, इसका भी सुझाव दिया गया। तीन कमेटियों ने वक्फ बोर्ड को लेकर सुझाव दिए गए थे, हमने सभी को शामिल किया है। मोदी जी के नेतृत्व में हम ये बड़ा बिल लेकर आए हैं। हमने कई स्टेटमेंट्स सुने हैं। हम कोई बड़ा कदम नहीं उठा रहे हैं।
एक करोड़ से ज्यादा सुझाव मिले हैं
किरेन रिजिजू बोले- 1954 में वक्फ एक्ट पास हुआ। वहां से स्टेट में वक्फ का प्रस्ताव पास हुआ। 1995 में सबसे विस्तृत बिल आया। हम इसी में संशोधन कर रहे हैं। ऐसा क्या हुआ कि हमें मेजर अमेंडमेंट लाना पड़ा। 2014 में चुनाव आने वाला था। UPA सरकार ने कदम उठाया कि बदलाव होना चाहिए। उस समय 14 राज्य और बाकी केंद्रशासित प्रदेशों से बात हुई। अब एक करोड़ से ज्यादा सुझाव मिले हैं।