ASHA workers allowance Increased: आशा कार्यकर्ताओं को बड़ी सौगात.. 7,000 रुपये अतिरिक्त मासिक भत्ते का ऐलान.. पंचायत ने बजट में किया शामिल

ASHA workers allowance Increased Order: तिरुवनंतपुरम: केरल में आशा कार्यकर्ताओं द्वारा अपने मानदेय में बढ़ोतरी की मांग को लेकर 46 दिन से जारी विरोध प्रदर्शन के बीच कोट्टायम जिले में भाजपा शासित एक स्थानीय निकाय ने सोमवार को आशा कार्यकर्ताओं को 7,000 रुपये का अतिरिक्त मासिक भत्ता देने की घोषणा की।
मुथोली ग्राम पंचायत ने आशा कार्यकर्ताओं को 7,000 रुपये की अतिरिक्त धनराशि प्रदान करने का निर्णय लिया है। यह घोषणा पंचायत के 2025-26 के वार्षिक बजट में की गई, जिसे सोमवार को पारित किया गया।.
प्रियंका गांधी का समर्थन
आशा कार्यक्रताओं के मांग और विरोध प्रदर्शन पर वायनाड की कांग्रेस सांसद ने भी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि, “आशा कार्यकर्ताओं की शिकायतें बहुत प्रासंगिक हैं और मुझे लगता है कि अब समय आ गया है कि केंद्र सरकार को उन पर विचार करना चाहिए और उन्हें नियमित वेतन पर रखा जाना चाहिए।”
VIDEO | On Asha workers’ strike, Congress General Secretary and Wayanad MP Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) says, “Asha workers have very relevant grievances and I think its time Central government should start considering them and they should be put on regular wages.”… pic.twitter.com/gY2AIuJhKl
— Press Trust of India (@PTI_News) March 27, 2025
क्या है आशा कार्यकर्ताओं की मांग
गौरतलब है कि, केरल में मान्यता प्राप्त सामाजिक स्वास्थ्य कार्यकर्ता (आशा) मानदेय के भुगतान, वेतन वृद्धि और अन्य मांगों को लेकर सरकार के खिलाफ लगातार प्रदर्शन कर रही है। सैकड़ों आशा कार्यकर्ता 10 फरवरी से सचिवालय के बाहर विरोध प्रदर्शन कर रही हैं, वे सेवानिवृत्ति के बाद लाभ और अपने मानदेय को मौजूदा 7,000 रुपये से बढ़ाकर 21,000 रुपये करने की मांग कर रही हैं।
ASHA workers allowance Increased Order: कोविड-19 के प्रकोप के दौरान केरल में प्रमुख भूमिका निभाने वाले स्वास्थ्य कर्मियों ने आरोप लगाया कि केरल में लगभग 26,000 आशा कार्यकर्ता कम से कम दो महीने के मानदेय ₹7,000 और तीन महीने के प्रोत्साहन के भुगतान का इंतजार कर रही हैं, जो लगभग ₹5,000 है। आशा कार्यकर्ताओं ने सरकार से यह भी मांग की कि उन्हें ₹5 लाख का सेवानिवृत्ति लाभ सुनिश्चित किया जाए। वे यह भी मांग कर रही हैं कि सरकार काम के घंटे तय करे, क्योंकि उन्हें अक्सर प्रतिदिन 12 घंटे से अधिक काम करने के लिए मजबूर किया जाता है। आशा कार्यकर्ताओं की मांगों को पूरा करने के लिए कार्रवाई की मांग करते हुए स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज कुछ दिनों के भीतर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री नड्डा से मुलाकात करेंगी।