छत्तीसगढ़दुर्ग भिलाई

लौह और इस्पात क्षेत्र में अनुसंधान व विकास को गति देने हुई बैठक

बड़े उद्योगों में अनुसंधान और विकास को बढ़ावा देने भारत सरकार दे रही है प्रोत्साहन-सतपति

भिलाई। भिलाई निवास के बोर्ड रूम में शनिवार को भारत सरकार के केबिनेट सचिवालय के प्रिंसिपल सांइटिफिक ऑफिसर के सीनियर कंसल्टेंट बी एन सतपथी के साथ लौह और इस्पात क्षेत्र में शैक्षणिक संस्थाओं द्वारा अनुसंधान क्षेत्रों की पहचान, अनुसंधान व विकास का इको सिस्टम और संसाधनों की कार्यकुशलता पर एक महती बैठक का आयोजन किया गया।

इस बैठक में भिलाई इस्पात संयंत्र के मुख्य कार्यपालक अधिकारी अनिर्बान दासगुप्ता सहित बीएसपी के उच्च अधिकारीगण, श्रीमती अनिता सावंत, क्षेत्रीय अधिकारी, छत्तीसगढ़ पर्यावरण नियंत्रण बोर्ड, डॉ ए एम रवानी, डायेक्टर एनआईटी-रायपुर एवं उनकी टीम तथा आईआईटी-भिलाई से प्रोफेसर आर के घोष एवं उनकी टीम के सदस्यगण उपस्थित थे।

बीएसपी, एनआईटी-रायपुर और आईआईटी-भिलाई द्वारा संयुक्त रूप से अनुसंधान एवं विकास सहित उद्योग-अकादमिक सहयोग बढ़ाने पर चर्चा हुई। विदित हो कि बीएसपी इससे पूर्व दिसम्बर, 2019 में सहयोग बढ़ाने के लिए आईआईटी-भिलाई के साथ एक समझौता कर चुका है। आईआईटी-भिलाई प्लेट्स, कन्टिन्यूअस कास्टिंग और रेल रोलिंग से जुड़ी तकनीकी समस्याओं पर काम कर रहा है।

इस अवसर पर बीएसपी के सीईओ अनिर्बान दासगुप्ता ने विशेष रूप से यूआरएम और बीआरएम में डेटा विश्लेषण के माध्यम से समस्या के समाधान के लिए नए क्षेत्रों पर फोकस करने पर जोर दिया ताकि सरफेस डिफेक्ट और प्राइम रेल्स के अस्वीकृति जैसे अन्य समस्याओं का पता लगाया जा सके। श्री दासगुप्ता ने भविष्य की प्रौद्योगिकियों के अनुसंधान के माध्यम से कोल बेनेफिसिएशन और कोल के गैसीकरण, कार्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जन को कम करने, हाइड्रोजन-आधारित स्टील-निर्माण आदि के विकल्प खोजने के लिए मूलभूत अनुसंधान की आवश्यकता पर भी बल दिया।

बैठक के दौरान बी एन सतपथी ने भारत सरकार का दृष्टिकोण स्पष्ट करते हुए कहा कि अकादमिक संस्थानों और बीएसपी जैसे बड़े उद्योगों में अनुसंधान और विकास को बढ़ावा देने के लिए भारत सरकार विशेष प्रोत्साहन दे रही है। उन्होंने सेल को अपनी मानव संसाधन नीति पर पुर्नविचार करते हुए और अपने विजन स्टेटमेंट में सस्टेनेबिलिटी को शामिल करने की सलाह दी ताकि उनके भविष्य में की जाने वाली पहल, रणनीतियों व कार्यों में इसका प्रभाव दिखाई दे।

बैठक में उपस्थित डॉ ए एम रवानी, डायरेक्टर, एनआईटी-रायपुर और उनकी टीम ने अपनी सुविधाओं से प्रतिभागियों को अवगत कराते हुए उद्योगों और शैक्षणिक संस्थानों के साथ-साथ विभिन्न शोध परियोजनाओं में उनकी भागीदारी की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि बीएसपी के साथ एक समझौता को अंतिम रूप दिया जा रहा है और इस महीने इसे हस्ताक्षरित किए जाने की संभावना है।

इस अवसर पर प्रोफेसर आर के घोष और उनकी टीम ने बीएसपी के साथ लिए गए परियोजनाओं की जानकारी दी। साथ ही शैक्षणिक एवं प्रौद्योगिकी के क्षेत्रों में भविष्य के सहयोग पर प्रकाश डाला।

बैठक के दौरान महाप्रबंधक एचआरडी सौरभ सिन्हा ने आईआईटी-भिलाई, आरके मिशन आईटीआई, नारायणपुर और सीएसव्हीटीयू के साथ स्टील टेक्नोलॉजी कोर्स में एमटेक के लिए बीएसपी के एमओयू के बारे में विस्तार से अपने विचार साझा किए।

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