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लोरमी कोसमतरा संस्कार भारती पब्लिक स्कूल कोस्मतरा विकास खंड लोरमी जिला मुंगेली में विज्ञान और गणित मॉडल प्रदर्शनी का आयोजन किया गया जिसमें स्कूली छात्र-छात्राओं ने एक से बढ़कर एक मॉडल बनाए….
संस्कार भारती पब्लिक स्कूल में कोस्मतरा में मंगलवार को रचनात्मक कौशल पर विज्ञान प्रदर्शनी लगाई गई। प्रदर्शनी का शुभारंभ संस्था प्रमुख रुंगुराम साहू और , उप प्रधान पाठक योगेंद्र कश्यप , वरिष्ठ शिक्षिका वर्षा कश्यप , निधि कश्यप एवं वंदना चंद्राकर व सिलोच भास्कर की उपस्थिति में आयोजन हुआ ।*प्रधान पाठक साहू सर ने बताया* कि इतनी छोटी उम्र में बच्चों के भीतर वैज्ञानिक प्रवृत्ति का विकसित होना एक सकारात्मक संकेत है. इन बच्चों ने पर्यावरण और बदलावों के प्रति अपनी जागरूकता को अपने मॉडलों के माध्यम से प्रदर्शित किया है, जो यह साबित करता है कि ये बच्चे भविष्य की चुनौतियों का सामना करने के लिए तैयार हैं. वे न केवल पर्यावरण के प्रति सजग हैं बल्कि इसके संरक्षण के लिए अपने स्तर पर प्रयास कर रहे हैं. प्रतियोगिता में अमित साहू, पायल चंद्राकर, तमन्ना यादव, निशा चंद्राकर, दीपांशु साहू, पवन, लक्ष्मीकांत कश्यप, गोविन्द साहू, मयंक कश्यप, भूमि कश्यप, भावना कश्यप, दुर्गेश निर्मलकर, आनंद यादव, मोनिका साहू, अंजलि साहू, लव साहू, कुश साहू, दुर्गेश्वरी कश्यप, मानसी मंगेशकर, शुभम चंद्राकर, मंजीत कश्यप, दीपांजलि साहू, कल्पना चंद्राकर,सभी ने बहुत ही अच्छा बच्चों में रचनात्मक क्षमता क्रिएट किया ।योगेंद्र कश्यप सर ने बच्चों को बताया की भविष्य की दुनिया कैसी होनी चाहिए और सस्टेनेबल डेवलपमेंट के साथ कैसे आगे बढ़ा जाए, इस विषय पर केवल वैज्ञानिक ही नहीं, बल्कि झांसी के सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चे भी गंभीरता से सोच रहे हैं. उन्हें बदलती दुनिया और पर्यावरण की चिंता सता रही है. इसी कड़ी में झांसी के बेसिक शिक्षा विभाग द्वारा आयोजित विज्ञान प्रदर्शनी में बच्चों ने अपने विचारों को मॉडल के रूप में प्रस्तुत किया. ग्रामीण परिवेश में पढ़ाई कर रहे बच्चों ने अपनी वैज्ञानिक सोच और कौशल का अद्भुत प्रदर्शन किया.वर्षा कश्यप शिक्षिका ने बताया की भविष्य की दुनिया कैसी होनी चाहिए और सस्टेनेबल डेवलपमेंट के साथ कैसे आगे बढ़ा जाए, इस विषय पर केवल वैज्ञानिक ही नहीं, बल्कि झांसी के सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चे भी गंभीरता से सोच रहे हैं. उन्हें बदलती दुनिया और पर्यावरण की चिंता सता रही है. इसी कड़ी में बच्चों द्वारा आयोजित विज्ञान प्रदर्शनी में बच्चों ने अपने विचारों को मॉडल के रूप में प्रस्तुत किया. ग्रामीण परिवेश में पढ़ाई कर रहे बच्चों ने अपनी वैज्ञानिक सोच और कौशल का अद्भुत प्रदर्शन किया.
