गैर अनुसूचित व्यक्ति विवाहित अजजा महिला का नामांकन शून्य किया जाय

जगदलपुर । सर्व आदिवासी समाज बस्तर संभाग के संभागीय अध्यक्ष एडवोकेट प्रकाश ठाकुर कलो व संभागीय महासचिव एडवोकेट तिमोती लकड़ा द्वारा जारी संयुक्त प्रेस विज्ञप्ति में बताया गया है कि त्रि स्तरीय पंचायत चुनाव के नामांकन दाखिल प्रकिया में ऐसे महिला जो कि अनुसूचित जनजाति में जन्म ली लेकिन गैर अनुसूचित जनजाति व्यक्ति से विवाहित है के द्वारा अनुसूचित जनजाति महिला हेतु आरक्षित सीटों पर नामांकन दाखिल नहीं कर सकते हैं। इस बाबत छ ग अनुसूचित जनजाति आयोग द्वारा पत्र क्रमांक 7622/अजजाआ, रायपुर दिनाँक 17/12/2019 को आयुक्त राज्य निर्वाचन आयोग, छ ग को आदेश जारी किया गया है तथा कड़ाई से पालन कर आयोग में पालन प्रतिवेदन प्रस्तुत करने का निर्देश जारी किया गया है। इस आदेश का सर्व आदिवासी समाज बस्तर संभाग स्वागत करती है इसकी मांग सर्व आदिवासी समाज विगत वर्षों से लगातार करते आया है।
नगर निकाय व त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में आरक्षित सीटों से आदिवासी महिला जो गैर अनुसूचित जनजाति व्यक्ति से विवाहित है की उम्मीदवारी माननीय सुप्रीम कोर्ट व महाराष्ट्र हाइकोर्ट बेंच नागपुर, केरल सरकार बनाम चंद्रमोहन 2004 के निर्णय के तहत नामांकन निरस्त करने का निर्णय दिया गया है।
सर्व आदिवासी समाज बस्तर संभाग जगदलपुर यह मांग करती है कि भारत का संविधान के प्रावधान अनुसार अनुसूचित जनजाति समुदाय की प्रतिनिधित्व सुनिश्चित करने के लिए प्रावधान किया गया है लेकिन कुछ केसेस में इस प्रतिनिधित्व के आड़ में अनुसूचित जनजाति महिला जो कि गैर अनुसूचित जनजाति व्यक्ति से विवाहित होकर इनके आड़ में महिला को नामांकन कर चुनाव जीत कर गैर अनुसूचित व्यक्ति प्रतिनिधित्व करते हैं यह प्रतिनिधित्व की अधिकार का अतिक्रमण है। चूंकि अनुसूचित जनजाति समुदाय की महिला गैर अनुसूचित जनजाति व्यक्ति से विवाहित उपरांत अनुसूचित जनजाति समुदाय की मौलिक विधिक सदस्य नहीं जाती है क्योंकि वह समुदाय की रूढिजन्य विधि परम्परा भाषा बोली नेंग नीति, पुरखोती पेन, तन्डा मण्डा कुंडा नेंग को परित्याग कर अन्य धर्मों जाति की परंपरा से शासित नियंत्रित होती है। इसलिए वह जनजाति समुदाय की मौलिक प्रतिनिधित्व का अधिकार खो देती है। माननीय न्यायालय की फैसले में यही वजह बताया गया है जो कि विधिवत सही है। ऐसे ही मामलों पर माननीय सुप्रीम कोर्ट की केस नम्बर सिविल अपील 6445 ऑफ 2000 अंजन कुमार वर्सज यूनियन ऑफ इंडिया दिनाँक 14/2/2006 व माननीय हाइकोर्ट महाराष्ट्र बेंच नागपुर की केस नम्बर w. P. नम्बर 2950 ऑफ 2018 , मनोज परमेश्वर सिदाम वर्सेज महाराष्ट्र राज्य तथा केरल सरकार बनाम चंद्रमोहन 2004 के महत्वपूर्ण निर्णय में यह निर्णय दिया गया है कि अनुसूचित जनजाति महिला जो कि गैर अनुसूचित जनजाति पुरुष से विवाहित है अनुसूचित जनजाति समुदाय की 330,332,335 व नगरीय निकाय व पंचायत प्रतिनिधित्व नहीं कर सकती है चूंकि आरक्षण(प्रतिनिधित्व)का आधार व्यक्तिगत नहीं सामुदायिक है।
उपरोक्त मामले पर माननीय न्यायालय की फैसलों की अनुपालन सुनिश्चित की जाय। दंतेवाड़ा जिले की नगर पंचायत दंतेवाड़ा में वार्ड क्रमांक 2 से अयोग्य उम्मीदवार श्रीमती पायल गुप्ता से पार्षद निर्वाचित हुई हैं की निर्वाचन शून्य घोषित कर विधिवत कार्यवाही सुनिश्चित किया जाय। इनके खिलाफ कार्यवाही नहीं करने की दशा में सर्व आदिवासी समाज बस्तर संभाग आपके खिलाफ माननीय न्यायालय की आदेश की अवमानना याचिका दाखिल किया जाएगा। तथा उक्त आदेश की कठोरता से अनुपालन सुनिश्चित किया जाय।
इस मामले की आवश्यक कार्यवाही हेतु प्रतिलिपि महामहिम सुश्री अनुसुइया उइके, राज्यपाल महोदया, राजभवन छत्तीसगढ़ रायपुर की ओर आवश्यक कार्यवाही कर अनुसूचित क्षेत्र में पालन सुनिश्चित करने बाबत।माननीय अध्यक्ष महोदय छ ग अनुसूचित जनजाति सलाहकार परिषद, मुख्यमंत्री निवास, रायपुर छ ग की ओर परिषद की बैठक में शामिल कर निर्णय सुनिश्चित करने बाबत। सम्बंधित विधायक अजजा सलाहकार परिषद सदस्य के बतौर अनुसूचित जनजाति के संवैधानिक अधिकारों की पालन सुनिश्चित करने के लिए परिषद की बैठक आयोजित कर निर्णय करने बाबत। सम्बंधित जिला कलेक्टर अनुसूचित क्षेत्र जिला की ओर विधिवत निर्वाचन अधिकारी को निर्देशित कर पालन सुनिश्चित करने बाबत प्रेषित किया गया है।