Bank Loan Fraud in UP: 13 मुर्दों को SBI ने दिया 70 लाख का लोन, खाते से निकाले गए पैसे, ऐसे हुआ मामले का खुलासा

गोरखपुर: Bank Loan Fraud in UP: उत्तर प्रदेश के गोरखपुर से एक ऐसा मामला सामने आया है, जिसे जानकर आपके पैरों तले जमीन खिसक जाएगी। हम ऐसा इसलिए कह रहे हैं क्योंकि गोरखपुर में जंगल कौड़िया स्थित एसबीआई की शाखा से 70.20 लाख रुपए का लोन फर्जी तरीके से लेकर गबन कर लिया। बैंक के कर्मचारियों ने कैंटीन बॉय को अपने साथ मिलकर 13 मुर्दों के नाम से लोन की राशि पास करवाई। सभी 13 मृतक रिटायर्ड कर्मचारी थे जिनका बैंक में पेंशन खाता था और उनकी मौत हो चुकी थी। इस मामले की जांच कर रहे एसबीआई के सहायक महाप्रबंधक ने जंगल कौड़िया चौकी पर पहुंच कर अपनी जांच रिपोर्ट विवेचक को सौंप दी। जांच रिपोर्ट के आधार पर पुलिस इस मामले में आगे की कार्रवाई करेगी।
एक आरोपी गिरफ्तार, एक ने किया कोर्ट में सरेंडर
Bank Loan Fraud in UP: मिली जानकारी के अनुसार, गोरखपुर के जंगल कौड़ियां स्थित SBI में फर्जी दस्तावेजों का उपयोग कर पेंशनर्स व मुर्दों के खातों के साथ ही किसान क्रेडिट कार्ड के खातों से लोन स्वीकृत कर जालसाजी की गई है। पीपीगंज पुलिस ने इस मामले में बैंक प्रबंधक, कैशियर और कैंटीन बॉय के खिलाफ केस दर्ज किया था। जिसमें कैशियर अमरेंद्र सिंह को गिरफ्तार कर जेल भेजवाया तो वहीं कैंटीन बॉय पंकज ने कोर्ट में सरेंडर कर दिया था।
खाताधारक ने की थी शिकायत
Bank Loan Fraud in UP: जंगल कौड़िया शाखा के खाताधारक राजू ने तारामंडल स्तिथ भारतीय स्टेट बैंक के क्षेत्रीय कार्यालय पर 4 जनवरी 2024 को शिकायत कर बताया था कि, उनके खाते से फर्जी तरीके से 3 लाख रुपए बैंककर्मी ने कैंटीन बॉय पंकज मणि त्रिपाठी के खाते में ट्रांसफर कर रुपए को हड़प लिए हैं। जिसके बाद इस तरीके की शिकायतों की तादात अचानक बढ़ गई। क्षेत्रीय कार्यालय ने एक अधिकारी के नेतृत्व में टीम नियुक्त कर मामले की जांच कराई। जांच में पाया गया कि, बैंक के शाखा प्रबंधक कुमार भास्कर भूषण, अकाउंटेंट अमरेंद्र कुमार सिंह व कैंटीन व्वॉय पंकज मणि त्रिपाठी ने फर्जी दस्तावेज के आधार पर पेंशन खाताधारकों, किसान क्रेडिट कार्ड खाताधारकों तथा अन्य प्रकार के खाताधारकों के खातों से रुपए की जालसाजी की है। पीपीगंज पुलिस ने तीनों आरोपियों पर केस दर्ज कर जांच में जुटी रही। उधर, बैंक की जांच के बाद प्रबंधक कुमार भास्कर भूषण व अकाउंटेंट अमरेंद्र को निलम्बित कर कर विभागीय जांच बैठाई गई। जांच के दौरान कैंटीन बॉय पंकज मणि त्रिपाठी मुख्य आरोपी पाया गया।