FIR on Mahamandleshwar Shantiswaroopananda: मुसीबत में फंसे महामंडलेश्वर शांतिस्वरूपानंद! लगा ये गंभीर आरोप, थाने में दर्ज हुई FIR

इंद्रेश सूर्यवंशी/उज्जैन। FIR on Mahamandleshwar Shantiswaroopananda: एमपी के उज्जैन के चारधाम अखंड आश्रम की राशि में कथित हेराफेरी के मामले में कोर्ट के आदेश पर पुलिस ने कार्रवाई करते हुए एफआईआर दर्ज की है। महाकाल थाने में निरंजनी अखाड़े के महामंडलेश्वर शांतिस्वरूपानंद महाराज, मक्सी के ख्यात ट्रस्टी महावीर प्रसाद मानसिंह, ओमप्रकाश अग्रवाल और अशोक प्रजापत के खिलाफ धोखाधड़ी का केस दर्ज किया गया है।
क्या है पूरा मामला?
महाकाल लोक बनने के बाद श्रद्धालुओं की बढ़ती भीड़ को देखते हुए आश्रम की आमदनी हर माह 5 से 7 लाख रुपये तक पहुंच गई थी। इसके बाद 12 अक्टूबर 2023 को आश्रम की ओर से एक पत्र जारी कर पुराने अनुबंध को निरस्त कर दिया गया। पत्र के लेटरहेड पर शांतिस्वरूपानंद को कार्यकारी अध्यक्ष और स्वामी परम आनंद को अध्यक्ष के रूप में दिखाया गया था। जब स्वामी परम आनंद से इस बारे में सवाल किया गया, तो उन्होंने स्पष्ट किया कि वे ही आश्रम के वास्तविक अध्यक्ष हैं और उन्होंने कभी भी शांतिस्वरूपानंद को अध्यक्ष नहीं बनाया। इसी आधार पर उन्होंने कोर्ट में शिकायत दर्ज करवाई।
आश्रम की राशि कहां गई?
कोर्ट की सुनवाई के दौरान जब आश्रम की धनराशि के इस्तेमाल पर सवाल उठे, तो पता चला कि शांतिस्वरूपानंद महाराज यह राशि मुरीलधर मानसिंह के अकाउंट में जमा करवा रहे थे। इस खाते में ओमप्रकाश अग्रवाल, अशोक प्रजापत, शांतिस्वरूपानंद और दिलीप भावसार के नाम भी जुड़े हुए थे।
कब हुआ अनुबंध?
इंदौर निवासी फरियादी सोहिल पटेल ने बताया कि 1 जुलाई 2022 को शांतिस्वरूपानंद ने खुद को श्री अखंड आश्रम ट्रस्ट का अध्यक्ष बताते हुए आश्रम के कमरों को होटल की तरह चलाने के लिए 3 लाख प्रति माह किराए और 50% लाभ में साझेदारी का अनुबंध किया था। 13 महीनों के भीतर 1 जुलाई 2022 से 30 अगस्त 2023 तक करीब 54.96 लाख रुपये एक फर्जी बैंक अकाउंट में और 42 लाख रुपये अखंड आश्रम ट्रस्ट के खाते में जमा कराए गए।
वहीं, 40 लाख रुपये स्थायी निर्माण में खर्च किए गए। कोर्ट के आदेश पर कार्रवाई महाकाल थाना प्रभारी नरेंद्र सिंह परिहार ने बताया कि कोर्ट के आदेश के बाद पुलिस ने जांच की और चारों आरोपियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली गई है। मामले की आगे जांच जारी है।