छत्तीसगढ़

वीरमगाम स्थित श्री राम महल मंदिर में घुमंतू एवं विमुक्त जाति के लोगों को महाकुंभ प्रसाद गंगाजल वितरित किया गया : सामूहिक भोजन एवं सामूहिक आरती की गई

वीरमगाम स्थित श्री राम महल मंदिर में घुमंतू एवं विमुक्त जाति के लोगों को महाकुंभ प्रसाद गंगाजल वितरित किया गया : सामूहिक भोजन एवं सामूहिक आरती की गई

महामंडलेश्वर श्री रामकुमारदास बापू का घुमंतू विमुक्त जाति के विभिन्न समुदायों के लोगों द्वारा स्वागत एवं सम्मान किया गया

वंदना नीलकंठ वासुकिया (वीरमगाम) गंगा, यमुना और सरस्वती के पावन संगम प्रयागराज में महाकुंभ पर्व के अवसर पर श्री राम महल मंदिर वीरमगाम के महामंडलेश्वर महंत श्री रामकुमार दासजी महाराज द्वारा श्री जगदीशधाम अन्नक्षेत्र सेवा शिविर का आयोजन किया गया। इस अवसर पर संत-महंतों सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित थे तथा श्रीमद् भागवत कथा प्रेम यज्ञ का आयोजन किया गया। प्रयागराज महाकुंभ से वीरमगाम स्थित श्री राम महल मंदिर में वापस आने के बाद महामंडलेश्वर श्री रामकुमार दासजी का घुमंतू एवं विमुक्त जातियों के लोगों द्वारा स्वागत एवं सम्मान किया गया तथा बापू ने सभी को गंगाजल प्रसादी भेंट की। इस कार्यक्रम में देवीपूजक, नायक, रावल, कांगसिया, गाडलिया लुहार, बावरी, वैरागी बावा, चुवालिया कोली, सलाट, गुरु ब्राह्मण आदि सहित समाज के कुल 58 भाई-बहन उपस्थित थे। श्री राम महल मंदिर में उपस्थित लोगों द्वारा सामूहिक आरती की गई तथा बापू द्वारा सभी को भोजन प्रसाद उपलब्ध कराया गया। वीरमगाम स्थित श्री राम महल मंदिर के महंत श्री रामकुमारदास बापू ने घुमंतू एवं विमुक्त जातियों सहित विभिन्न समुदायों के सभी लोगों से एकता बनाए रखने की अपील की और कहा कि मंदिर आप सभी के लिए सदैव खुला है। घूमंतू कार्य के सौराष्ट्र प्रांत संयोजक मनहरसिंह झाला ने घुमंतू व विमुक्त जातियों के गौरवशाली अतीत, उनके सामाजिक जागरण के कार्य, स्वतंत्रता आंदोलन में उनकी भूमिका, वर्तमान स्थिति व शिक्षा के महत्व के बारे में बताया।

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