CG Budget Session: अजय चंद्राकर ने पूछा- बिना जलस्रोत के पाइप लाइन बिछवाने वालों पर कार्रवाई क्यों नहीं हुई? सदन में पीएचई मंत्री अरुण साव ने दिया ऐसा जवाब

रायपुरः छत्तीसगढ़ विधानसभा की कार्रवाई जारी है। तीसरे दिन सदन में प्रश्नकाल के दौरान जल जीवन मिशन का मुद्दा गरमाया। कुरुद से भाजपा विधायक अजय चंद्राकर ने जल जीवन मिशन के अंतर्गत ऐसे गांवों की जानकारी चाही, जहां जल स्रोत नहीं होने के बावजूद टंकी और पाइप लाइन बिछा दी गई। जवाब में उप मुख्यमंत्री अरुण साव ने बताया कि 653 जहां जल स्रोत नहीं है और वहीं टंकी और पाइप लाइन बन गई। उप मुख्यमंत्री ने बताया कि जब योजना का डीपीसी की गई थी, तो उस दौरान प्रत्येक गांवों में जल स्रोत की व्यवस्था थी, लेकिन योजना की शुरुआत होने में देरी की वजह से ये दिक्कत आई है। उन्होंने ये भी बताया कि ये योजना 2019 की थी, लेकिन जल स्रोत का काम 2023 में शुरु हुआ, इसकी वजह से ज्यादा दिक्कत आई।
अजय चंद्राकर ने सवाल पूछा कि वैसे अधिकारी जिन्होंने बिना जल स्रोत के ही पाइप लाइन बिछवा दी और टंकी बनवा दी, उसके खिलाफ क्या कार्रवाई की गई है। जवाब में डिप्टी सीएम ने सदन को आश्वस्त किया कि इस मामले में किसी भी ठेकेदार का 70 फीसदी से ज्यादा भुगतान नहीं होगा। जब तक योजना पूर्ण नहीं हो जाती, किसी भी ठेकेदार का भुगतान नहीं होगा। साथ ही साथ वैसे अधिकारी, जिन्होंने बिना जल स्रोत के ही टंकी बनाई और पाइप लाइन बिछवाई, उन सभी के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाएगी। सदन में उप मुख्यमंत्री ने बताया कि 5291 गांवों में नल कनेक्शन का काम पूर्ण हो गया है। अरूण साव ने सदन में बताया कि इस बार बजट में केंद्र सरकार ने योजना को 2028 तक विस्तारित किया है। तय समय के अंदर योजना का क्रियान्वयन राज्य में पूरा कर लिया जायेगा।
चरणदास महंत के उद्योग मंत्री से पूछा ये सवाल
वहीं सदन में चरणदास महंत ने पूछा कि सरकार ने औद्योगिक नीति बनाई, कहा कि उद्योगों को क्षमता विकास के लिए अनुकूल अवसर दिए जाएंगे। एक साल में राजनांदगांव के 5 उद्योग बंद हो गए। ये वित्तीय कारणों से बंद होना बताया गया। इनको सहयोग क्यों नहीं दिया गया? मंत्री लखनलाल ने जवाब दिया- जो बंद 5 उद्योग के बारे में बोला गया है, उनको भी उद्योग विभाग के नियमों के अनुसार सब्सिडी दी गई, उनको ब्याज अनुदान में 5 को 75 लाख 31 हजार और 60 लाख की सहायता दी गई है। 2023 में भी कांग्रेस के समय 18 उद्योग बंद हुए हैं। हमारा प्रयास है कि उद्योगों को लाभ मिले।