गौरी-शिव के दर्शन मात्र से सौभाग्य- समृद्धि की होती है प्राप्ति

गौरी-शिव
सबका संदेस न्यूज़ छत्तीसगढ़ रतनपुर- के दर्शन मात्र से सौभाग्य- समृद्धि की होती है प्राप्ति
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बीडी महंत उप नगर में श्रीमद् भागवत कथा का आयोजन
जांजगीर-चाम्पा। गौरीश्वर शिव का दर्शन करने मात्र से ही सात जन्म तक सौभाग्य-समृद्धि से पूर्ण हो जाते हैं और उनके वंश में किसी को भी दरिद्र्य तथा दुर्भाग्य का भोग करना नहीं पड़ता। यह बातें बीडी महंत उप नगर जांजगीर में गजाधर प्रसाद दुबे परिवार द्वारा आयोजित श्रीमद् भागवत कथा के तीसरे दिन कथा वाचक राधेश्याम शास्त्री महाराज ने कही।
उन्होंने बताया कि एक समय लीलाधारी परमेश्वर शिव एकांत में बैठे थे वही सती भी विराजमान थी। आपस में वार्तालाप हो रहा था। उसी वार्तालाप के प्रसंग में भगवान शिव के मुख से सती के श्यामवर्ण को देखकर ‘काली’ ऐसा शब्द निकल गया। ‘काली’ यह शब्द सुनकर सती को महान दु:ख हुआ और वे शिव से बोली – महाराज! आपने मेरे कृष्ण वर्ण को देखकर मार्मिक वचन कहा है। इसलिए मै वहां जाउंगी, जहां मेरा नाम गौरी पड़े। ऐसा कहकर परम ऐश्वर्यवती सती अपनी सखियों के साथ प्रभास-तीर्थ में तपस्या करने चली गई। वहां ‘गौरीश्वर’ नामक लिंग को संस्थापित कर विधिवत पूजा और दिन-रात एक पैर पर खड़ी होकर कठिन तपस्या करने लगीं। ज्यों-ज्यों तप बढ़ता जाता, त्यों-त्यों उनका वर्ण गौर होता जाता। इस प्रकार धीरे-धीरे उनके अंग पूर्णरूप से गौर हो गये। तदनन्तर भगवान चंद्रमौली वहां प्रकट हुए और उन्होंने सती को बड़े आदर से ‘गौरी’ इस नाम से सम्बोधित करके कहा ‘प्रिये! अब तुम उठो और अपने मंदिर को चलो। हे कल्याणी!
अभीष्ट वर मांगो, तुम्हारे लिए कुछ भी अदेय नहीं है, तुम्हारी तपस्या से मै परम प्रसन्ना हूं। तब सती ने हाथ जोड़कर कहा- हे महाराज! आपके चरणों की दया से मुझे किसी बात की कमी नहीं है। मुझे अपने लिए कुछ नहीं चाहिए। परन्तु यह प्रार्थना अवश्य करुँगी की जो नर या नारी इस गौरीश्वर शिव का दर्शन करे, वे सात जन्म तक सौभाग्य-समृद्धि से पूर्ण हो जाए और उनके वंश में किसी को भी दरिद्र्य तथा दुर्भाग्य का भोग ना करना पड़े। मेरे संथापित इस लिंग की पूजा करने से परमपद की प्राप्ति हो। गौरी की इस प्रार्थना को श्री महादेव जी ने परम हर्ष के साथ स्वीकार कर लिया और उन्हें लेकर वे अपने कैलाश की ओर गमन किया। कथा का आयोजन दोपहर 2 से शाम 6 बजे तक किया जा रहा है। कथा में रोजाना बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ रही है।
पूजन में आचार्य कान्हा शास्त्री सयोगी आदर्श आंसू तिवारी संगीत में सयोगी राजा छोटू रमेश आदि उपस्थित है।
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