प्रदेश की पहली व देश में दूसरी हाईटेक गुड़ फैक्ट्री कवर्धा कृषि कॉलेज में खुलेगी

सबका संदेश न्यूज छत्तीसगढ़ कवर्धा- जल्द ही कबीरधाम जिले में प्रदेश का पहला ऑर्गेनिक व हाईटेक गुड़ फैक्ट्री प्रारंभ करने का प्रस्ताव भेजा गया है। इसे लेकर शहर के संत कबीर कृषि महाविद्यालय व अनुसंधान केन्द्र ने प्रोजेक्ट बनाकर इंदिरा गांधी कृषि विवि रायपुर को इसी साल मार्च-अप्रैल माह में भेजा था। विवि ने भी प्रोजेक्ट की अहमियत को देखते हुए इंडियन कौंसिल ऑफ एग्रीकल्चरल रिसर्च दिल्ली(आईसीएआर) को बजट देने पत्र लिखा है।
प्रोजेक्ट के संबंध में कॉलेज के सहायक प्रोफेसर आेमनारायण वर्मा ने बताया कि इस प्रोजेक्ट का उद्देश्य कॉलेज के स्टूडेंट्स व किसानों को ऑर्गेनिक गुड़ बनाने प्रशिक्षण देना है। वर्तमान समय में गुड़ बनाने के लिए कई प्रकार के केमिकल का उपयोग किया जाता है। कॉलेज द्वारा दिए गए प्रोजेक्ट में हाईटेक गुड़ फैक्ट्री बनाई जाएगी। इसमें बिना कोई केमिकल डालकर गुड़ तैयार किया जाएगा। उन्होंने बताया कि प्रदेश में कहीं भी ऑर्गेनिक व हाईटेक गुड़ फैक्ट्री नही है। देश की प्रथम हाईटेक गुड़ फैक्ट्री गन्ना अनुसंधान केंद्र लखनऊ (आईआईएसआर) में स्थित है। इस प्रोजेक्ट के लिए एक करोड़ 43 लाख रुपए की जरूरत है। प्रोजेक्ट को आईसीएआर के माध्यम से तैयार किया जाएगा। बजट भी उन्हीं के द्वारा दी जाएगी।
रोजगार देने महिला स्वसहायता समूह को इससे जोड़ा जाएगा
ऑर्गेनिक व हाईटेक गुड़ फैक्ट्री कॉलेज परिसर में प्रारंभ की जाएगी। इसके लिए करीब एक एकड़ भूमि की जरूरत हैं। फैक्ट्री में गुणवत्ता युक्त गुड़ तैयार किया जाएगा। इसमें विटामिन, मिनरल जैसे कैल्शियम, आयरन, फास्फोरस व प्रोटीन को संग्रहित कर ग्रामीण महिलाओं व बच्चों को पौष्टिक तत्व देना है। इस फैक्ट्री में गुड़ से बनने वाले उत्पाद जैसे लड्डू, चिक्की, रामदाना को बाजार में बेचने के लिए महिला स्वसहायता समूह को जोड़ा जाएगा। प्रोजेक्ट के सीईओ कॉलेज के डीन आरके द्विवेदी, प्रबंध संचालक इंजीनियर डीके राय, मैनेजर ओमनारायण वर्मा, डॉ.चन्द्रेश चन्द्राकर रहेंगे।
तीन माह में साढ़े 6 लाख रुपए से भी ज्यादा का इनकम होगा
कॉलेज द्वारा प्रोजेक्ट किस प्रकार व कैसे तैयार करना है, इस संबंध में 18 पेज की रिपोर्ट भी है। रिपोर्ट में आर्थिक स्थिति भी बताई गई है। इसमें प्रतिदिन 250 किलो गुड़ तैयार करने का लक्ष्य है। 90 दिन में 22500 किलो तैयार होगा। इसमें लागत 4 लाख 5 हजार रुपए आएगी। इसके बाद 6 लाख 75 हजार रुपए इनकम होने की बात कही गई है। इस राशि का 75 प्रतिशत हिस्सा कॉलेज में चौथे वर्ष की पढ़ाई कर रहें बच्चों को दिया जाएगा, वहीं 25 प्रतिशत हिस्सा कॉलेज रखेगी। प्रोजेक्ट को दूसरे किसान भी अपनाते हैं तो उन्हें कॉलेज द्वारा प्रशिक्षण व गाइड लाइन दी जाएगी।
जिले में 423 फैक्ट्री वालों को दिए हैं गुड़ बनाने का लाइसेंस
जिला उद्योग विभाग से प्राप्त जानकारी अनुसार जिले में करीब 423 गुड़ फैक्ट्री है। इन फैक्ट्री द्वारा गुड़ बनाने लाइसेंस लिया गया है। लेकिन यहां के सभी गुड़ फैक्ट्री में केवल तरल रूप में शीरा तैयार करते हैं। इस शीरा को टीन के डिब्बों में भरकर अन्य राज्यों तक सप्लाई किया जाता है। यह शीरा अन्य राज्यों में शराब निर्माण के लिए उपयोग होता है। शीरा प्रति लीटर 22 से 24 रुपए बेची जाती है। गौर करने की बात हैं कि सामान्य गुड़ जहां बाजार में 35 से 38 रुपए के बीच बिक रहा है वहीं आर्गेनिक गुड़ मार्केट में 100 से लेकर 120 रुपए प्रति किलो के हिसाब से बिक रहा है।
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