CG Ki Baat: दावे..वादे..फेल..जारी धर्मातरण का खेल! धर्मांतरण गिरोह के निशाने पर क्या अब प्रदेश के मैदानी इलाके हैं?

भोपाल। CG Ki Baat: आज बात छत्तीसगढ़ में लगातार सामने आते धर्मांतरण के मामलो पर कुछ समय पहले तक बस्तर-सरगुजा जैसे आदिवासी या दुरस्थ क्षेत्रों से धर्मांतरण की खबरे आती थी लेकिन धर्मांतरण अब राजधानी जैसे शहरी क्षेत्रों में देखने को मिल रहा है। आज बात इसी पर क्योकी ताजा मामला दुर्ग सामने आया जहां विवाद की स्थिति भी बनी। अब सवाल उठता हे की आखिर धर्मांतरण कराने वाले के हौसले बुलंद क्यों है? धर्मांतरण पर रोक क्यों नहीं लग पा रही है? और शहरी क्षेत्रों में इनके नेटवर्क को तोड़ने की क्या रणनीति बनी?
आप अपने टीवी स्क्रीन पर देख रहे होंगे कि किस तरह से रायपुर के मोवा और राजधानी से लगे अमलेश्वर में धर्मांतरण कराने वाले लोगों को पकड़ा गया है। लंबे समय से अमलेश्वर में प्रार्थना सभा के नाम से धर्मांतरण की शिकायत मिल रही थी। रविवार को इसी पार्थना सभा के दौरान धर्मांतरण कराने वाले लोगों को हिंदू संगठन के लोगों ने पकड़ा। हिंदू संगठनों के लोग मौके पर पहुंचकर जमकर बवाल किए। बाहर खड़ी गाड़ियों पर भी तोड़फोड़ करते हुए पत्थर भी फेंके। बवाल होने के बाद आज दुर्ग पुलिस ने धर्मांतरण कराने वाले 3 लोंगों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया।
CG Ki Baat: वहीं मामले पर राजनीतिक बयानबाजी तेज हो गई है डिप्टी CM अरुण साव ने कहा कि धर्मांतरण के मामले पहले उजागर नहीं होते थे। कांग्रेस सरकार में खुलेआम धर्मांतरण होता था। अब धर्मांतरण करने वालों के खिलाफ कार्रवाई हो रही है तो कांग्रेस ने निशाना साधा कि कि धर्मांतरण बीजेपी के लिए सिर्फ चुनावी शिगुफा है। छत्तीसगढ़ में धर्मांतरण का मुद्दा विधानसभा चुनाव में खूब गूंजा था। विपक्ष में रहते हुए बीजेपी तत्कालीन कांग्रेस सरकार पर धर्मांतरण को संरक्षण देने का आरोप लगाती थी। भाजपा इसे लेकर कानून बनाने की बात भी कह चुकी है, लेकिन अब तक उस दिशा में अब तक कोई ठोस पहल नजर नहीं आती। ऐसे में सवाल है कि धर्मांतरण के मुद्दे का इस्तेमाल केवल पॉलिटिकल माइलेज लेने के लिए किया जाएगा ?