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कनेर का फूल दे सकता है पांच हेल्थ बेनिफिट्स बवासीर से लेकर गठिया तक की बीमारी हो सकतीं हैं ठीक

सड़क किनारे रंग बिरंगे कनेर केवल शोभा बढ़ाने वाला पौधा नहीं बल्कि एक आयुर्वेदिक जड़ी बूटी भी है।आयुर्वेद में कनेर के फूल, छाल और पत्तियों के कई उपयोग बताए गए हैं। कनेर के फूलों में एंटीबैक्टीरियल और एंटी इन्फ्लेमेटरी गुण मौजूद होते हैं। खासकर कनेर के फूलों का उपयोग आयुर्वेदिक औषधियों और घरेलू नुस्खे में किया जाता है।

आजकल आम समस्या बन चुकी है। अनियमित लाइफस्टाइल और गलत खान-पान के कारण यह बीमारियां तेजी से बढ़ रही हैं। ऐसे में कनेर के फूल जैसे प्राकृतिक जड़ी बूटी का उपयोग कर पाइल्स और जोड़ों के दर्द से छुटकारा पाया जा सकता है। कनेर में पेन डिलीवर गुण होते हैं।

यह त्वचा रोग, पाचन तंत्र की गड़बड़ी और हृदय संबंधी समस्याओं को भी दूर करने में मदद करता है। आईए जानते हैं कनेर के फूल में कौन से आयुर्वेदिक गुण मौजूद होते हैं और कनेर का सही उपयोग कैसे करना चाहिए।कनेर के फूल में एंटी इन्फ्लेमेटरी गुण पाए जाते हैं। बवासीर के दौरान होने वाली सूजन और जलन को कम करने के लिए कनेर के फूल का इस्तेमाल किया जा सकता है। इसका सेवन करने से मल त्याग में आसानी होती है और दर्द से राहत मिलता है। कनेर के फूलों को सुखाकर उसका पाउडर बना लें और रोज सुबह इसे गुनगुने पानी के साथ ले सकते हैं। कनेर की पत्तियों में दर्द नाशक गुण मौजूद होते हैं, इसके पत्तियों का पेस्ट बनाकर दर्द वाले स्थान पर लगाने से भी आराम मिलता है। कनेर के पौधे के कुछ भाग नुकसानदायक भी हो सकते हैं इसलिए किसी विशेषज्ञ की सलाह से इसका उपयोग करें।कनेर के फूलों में नेचुरल पेन रिलीवर तत्व पाए जाते हैं, यह जोड़ों के दर्द और गठिया में आराम देता है। जिन लोगों के जोड़ों में दर्द रहता है या गठिया की समस्या है, वह कनेर के फूलों को सरसों के तेल में गर्म करके प्रभावित स्थान पर लगाकर मालिश कर सकते हैं। इससे उन्हें जल्दी आराम मिलेगा। तेल लगाने के बाद कुछ घंटे तक धूप में जाने से बचें वरना त्वचा पर जलन की समस्या हो सकती है।

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