Face To Face Madhya Pradesh: स्कूटी -लैपटॉप वाली लड़ाई..क्यों गांधी परिवार तक आई? स्कूटी -लैपटॉप वितरण के मुद्दे पर इस कदर सियासत क्यों ?

भोपाल। Face To Face Madhya Pradesh: स्कूटी-लैपटॉप वाली लड़ाई क्यों गांधी परिवार तक आई? जी हां मप्र में टॉपर्स को स्कूटी-लैपटॉप बांटने के मुद्दे पर लगातार बयानबाजी हो रही है। ये बयानबाजी आज जुबानी जंग में बदल गई, जहां हमले निजी से निजी होते गए। हद ये कि जो बात टॉपर्स से शुरू हुई थी। वो पहुंच गई कांग्रेस हाईकमान तक गांधी परिवार तक खास मेहमान हमारे साथ जुड़ेंगे
ये जो जुबानी जंग आप सुन रहे हैं। ये मध्यप्रदेश में स्कूटी वितरण को लेकर हो रही है। जाहिर है मध्यप्रदेश की जनता भी सोच रही होगी कि स्कूटी वितरण को लेकर आखिर बात गांधी परिवार तक कहां जा पहुंची। जी हां मध्यप्रदेश में 2023-24 के टॉपर्स को ई-स्कूटर क्या दी गई। इस पर सियासत हद पार हो गई है..कांग्रेस नेता उमंग सिंघार लगातार स्कूटी और लैपटॉप को लेकर सरकार पर निशाना साध रहे हैं। सरकार को बार बार ये कहते हैं कि कांग्रेस ने याद दिलाया तो सरकार की कुंभकर्णी नींद खुल गई। आज जब स्कूटी बांटी गई तो ये सियासत और भी गर्म हो गई।
Read More: #SarkarOnIBC24: बिहार इलेक्शन के लिए Rahul तैयार, गांधी का वार, BJP का पलटवार
उमंग सिंघार के बयान पर पलटवार करते हुए मंत्री विश्वास सारंग ने कांग्रेस को घेरा तो बीजेपी विधायक रामेश्वर शर्मा तो ये तक कह बैठे कि कांग्रेस को ना तो उन्नत हिंदुस्तान पसंद है न तो उन्नत मध्य प्रदेश पसंद है। कांग्रेस तो केवल सोनिया का परिवार उन्नत हो यही हिंदुस्तान पसंद आता। सोनिया का परिवार अब जब सड़कों पर कटोरा लेकर मारा मारा फिर रहा रामेश्वर शर्मा का ये बयान बस फिर क्या था छिड़ गया सियासी घमासान। कांग्रेस ने विधायक महोदय को शब्दों पर लगाम लगाने की हिदायत दे दाली।
Face To Face Madhya Pradesh: दरअसल, 12 टॉपर्स को स्कूटी और लैपटॉप वितरण को लेकर कांग्रेस सरकार पर लगातार हमलावर रही है। धार में कांग्रेस ने सांकेतिक स्कूटी का वितरण किया तो सीएम ने जापान से आते ही साथ घोषणा कर दी कि सरकार टॉपर्स को सम्मानित करेगी, जिससे कांग्रेस अब यही कह रही है कि कांग्रेस ने सरकार को वादा याद दिलाया है, लेकिन अब इस मामले में सियासी बयानबाजी। कटोरा वाली राजनीति तक जा पहुंची है। गांधी परिवार तक जा पहुंची है, जिससे साफ समझा जा सकता है कि ये मुद्दा इतने जल्दी शांत होता नजर नहीं आ रहा है और न ही बीजेपी कांग्रेस को इस मुद्दे पर कोई वॉकओवर देना चाहती है।