Drone Didi Hemlata Manhar : कौन हैं छत्तीसगढ़ की ‘ड्रोन दीदी’, जिन्हें राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने किया सम्मानित, जानिए खासियत

जांजगीर-चाम्पा : Drone Didi Hemlata Manhar 76वें गणतंत्र दिवस के अवसर पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने जांजगीर-चाम्पा के नवागढ़ क्षेत्र की ड्रोन दीदी हेमलता मनहर को विशेष आमंत्रण भेजा। वह राष्ट्रपति भवन में आयोजित ‘एट होम’ समारोह में शामिल हुईं। समारोह में विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट योगदान देने वाले व्यक्तियों को आमंत्रित किया गया था। हेमलता मनहर को उनके द्वारा कृषि के क्षेत्र में ड्रोन तकनीकी के इस्तेमाल के लिए सम्मानित किया गया, खासकर ‘नमो ड्रोन योजना’ के तहत किए गए उनके कार्यों के लिए।
हेमलता मनहर का स्वागत
Drone Didi Hemlata Manhar राष्ट्रपति भवन से वापस लौटने पर हेमलता मनहर का भव्य स्वागत किया गया। अटल चौक सेमरा में बिहान समूह की महिलाओं ने उन्हें फूल-मालाओं से सम्मानित किया। इसके अलावा, उनके गृह ग्राम पोड़ी में भी पारंपरिक मांदर की थाप पर गांववासियों ने उनका स्वागत किया और उनके सम्मान में नृत्य किया। हेमलता मनहर ने अपने गांव पोड़ी में कई बदलाव लाए। वह पहले अपने गांव की सरपंच रह चुकी हैं, और इसके बाद उन्होंने महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए काम करना शुरू किया। हेमलता ने अपनी यात्रा बिहान समूह से शुरू की। इसके बाद, वह ग्वालियर HDFC बैंक के परिवर्तन स्त्री प्रोजेक्ट के तहत एक 15 दिन की ट्रेनिंग में शामिल हुईं, जिसमें उन्हें ड्रोन उड़ाने की कला सिखाई गई। इस ट्रेनिंग ने हेमलता के जीवन को पूरी तरह से बदल दिया।
नमो ड्रोन योजना में योगदान
Drone Didi Hemlata Manhar ड्रोन दीदी हेमलता मनहर कृषि क्षेत्र में ड्रोन तकनीकी के प्रयोग को बढ़ावा देने में सक्रिय रूप से लगी हुई हैं। उनके कार्यों से किसानों को उन्नत तकनीकी सहायता मिल रही है, जिससे उनकी खेती में सुधार हुआ है और कृषि कार्यों को सरल और प्रभावी बनाया गया है।
कृषि में ड्रोन का उपयोग और ड्रोन दीदी बनने की यात्रा
Drone Didi Hemlata Manhar ड्रोन सिखने के बाद, हेमलता ने अपने गांव के किसानों के खेतों में ड्रोन की सहायता से खाद और दवाइयों का छिड़काव करना शुरू किया। यह पहल न केवल किसानों के लिए फायदेमंद साबित हुई, बल्कि हेमलता के लिए भी एक नए आय का स्रोत बन गई। वह एक सीजन में लाखों रुपए कमा लेती हैं, जिससे उनका जीवन बेहतर हुआ। इस तरह से हेमलता ने “ड्रोन दीदी” के रूप में अपनी पहचान बनाई। अब उन्हें “नमो ड्रोन दीदी” के नाम से भी जाना जाता है, और उनका काम उन महिलाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत बन गया है जो कृषि और तकनीकी क्षेत्र में अपना योगदान देना चाहती हैं।