देवबलोदा में एक ऐतिहासिक धरोहर का संरक्षण और विकास के लिए जीर्णोद्धार का कार्य प्रारंभ किया बीएसपी ने
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भिलाई। छत्तीसगढ़ का देवबलोदा एक ऐतिहासिक स्थल है, जो भगवान शिव के मंदिर के लिए प्रसिद्ध है, अब एक नई पहचान प्राप्त कर रहा है। इस क्षेत्र की सांस्कृतिक धरोहर के संरक्षण और विकास के लिए भिलाई इस्पात संयंत्र ने एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। 21 दिसंबर 2022 को नई दिल्ली में भिलाई इस्पात संयंत्र के साथ राष्ट्रीय संस्कृति कोष (एनसीएफ) और पुरातात्विक सर्वेक्षण विभाग, भारत शासन के साथ एक महत्वपूर्ण समझौता हस्ताक्षरित हुआ। जिसके तहत छत्तीसगढ़ के ऐतिहासिक और पुरातात्विक धरोहर देवबलोदा, चरोदा के संरक्षण एवं पर्यटन विकास हेतु सेल-भिलाई इस्पात संयंत्र ने देवबलोदा के शिव मंदिर के संरक्षण और उन्नयन का कार्य संभालने का संकल्प लिया और इसके जीर्णोद्धार का काम प्रारंभ कर दिया गया है। भिलाई इस्पात संयंत्र के निगमित सामाजिक उत्तरदायित्व विभाग द्वारा, दुर्ग जिले के देव बलोदा स्थित ऐतिहासिक शिव मंदिर के संरक्षण की जिम्मेदारी ली गई। भिलाई इस्पात संयंत्र ने इस ऐतिहासिक धरोहर के संरक्षण और विकास के लिए कई परियोजनाएं शुरू की हैं। जिसमें देवबलोदा मंदिर परिसर में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) की अन्य विकास गतिविधियों जैसे पार्किंग क्षेत्र, क्लॉक रूम, पीने के पानी की व्यवस्था जैसी आवश्यक सुविधाओं को बेहतर बनाना शामिल है।
17 जनवरी 2025 को भिलाई इस्पात संयंत्र को संस्कृति मंत्रालय द्वारा इस प्रयास के लिए सम्मानित किया गया। इस पुरस्कार को केंद्रीय संस्कृति मंत्री श्री गजेन्द्र सिंह शेखावत के हाथों भिलाई इस्पात संयंत्र के कार्यपालक निदेशक मानव संसाधन पवन कुमार और महाप्रबंधक सीएसआर शिवराजन नायर ने ग्रहण किया। न्यू महाराष्ट्र सदन, के.जी. मार्ग, नई दिल्ली में आयोजित भव्य समारोह में भिलाई इस्पात संयंत्र को सीएसआर परियोजना ‘हेरिटेज साइट देवबलोदा के विकास और जीर्णोद्धार के लिए यह सम्मान दिया गया। यह सम्मान उस निरंतर प्रयास का प्रमाण है जो भिलाई इस्पात संयंत्र ने भारतीय सांस्कृतिक धरोहर के संरक्षण के लिए किया है। 10 अक्टूबर 2024 को देवबलोदा के शिव मंदिर के जीर्णोद्धार के लिए भूमिपूजन भी किया गया, जहां राष्ट्रीय संस्कृति निधि (एनसीएफ) और भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) के अधिकारीगण उपस्थित थे। सेल-भिलाई इस्पात संयंत्र के कार्यपालक निदेशक मानव संसाधन पवन कुमार ने सेंट्रल रीजऩ भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के क्षेत्रीय निदेशक डॉ. भुवन विक्रम, पुरातत्वविद् अधीक्षक भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण डॉ. एन के स्वाई और एनसीएफ की वरिष्ठ प्रबंधक डॉ. मोनिका चौधरी के साथ भूमिपूजन किया। भिलाई इस्पात संयंत्र द्वारा किए जा रहे इस ऐतिहासिक और सांस्कृतिक धरोहर के संरक्षण प्रयासों से देवबलोदा क्षेत्र को एक नई पहचान मिलेगी।
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