छत्तीसगढ़

नगर पालिका चुनाव में कांग्रेस को बढ़त, निर्दलीय बिगाड़ सकते हैं समीकरण

नगर पालिका चुनाव में कांग्रेस को बढ़त, निर्दलीय बिगाड़ सकते हैं समीकरण

देवेन्द्र गोरले सबका संदेस न्यूज़ छत्तीसगढ़- डोंगरगढ़- 21 दिसम्बर को संपन्न हुए नगरीय निकाय चुनाव में सत्ताधारी दल कांग्रेस को बढ़त मिलती दिखाई दे रही है और विपक्ष की भूमिका निभा रही भाजपा दो कदम पीछे चल रही है हालांकि दोनों ही दल पूर्ण बहुमत के साथ सरकार बनाती

 

नहीं दिख रही है। नगर पालिका डोंगरगढ़ में कुल 24 वार्ड है और सरकार बनाने के लिए 13 पार्षदों की जरूरत है जिसमें से कांग्रेस लगभग 8 से 9 वार्डो में आगे चलती हुई नजर आ रही है वहीं भाजपा 5 से 6 वार्डो में बढ़त बनाये

 

 

हुए हैं। 5 से 6 वार्डों में निर्दलीय की किस्मत चमकती हुई नजर आ रही है तो दो से तीन वार्डों में कांग्रेस, बीजेपी और निर्दलीय के बीच कांटे की टक्कर है। अब यदि तीन वार्डों में एक वार्ड में भी निर्दलीय बाजी मार लेते हैं तो दोनों दलों का समीकरण बिगड़ सकता है और पुराना इतिहास दोहराया जा सकता है। पूर्व नगरीय निकाय चुनाव में कांग्रेस की जो

 

स्थिति थी वहीं स्थिति दोबारा नजर आ रही है एक सर्वे के हिसाब से इतिहास अपने आपको दोहराता हुआ नजर आ रहा है। आपको बता दें कि 2014 को हुए नगर पालिका चुनाव में कांग्रेस पार्टी के 10 पार्षद निर्वाचित होकर आए थे जब कांग्रेस सत्ता में नहीं थीं और भाजपा के सत्ता में होने के बावजूद 7 पार्षद ही निर्वाचित होकर आये थे वहीं निर्दलीय उम्मीदवारों के रूप में 7 पार्षद नगर पालिका तक पहुंचे। कांग्रेस का बहुमत होने के बाद भी अध्यक्ष पद के निर्दलीय उम्मीदवार तरुण हथेल नगर पालिका अध्यक्ष बने और शिव निषाद कांग्रेस के उपाध्यक्ष। सत्ता में रहते हुए भी भाजपा के 7 पार्षद आने का मुख्य कारण था प्रत्याशियों के चयन में मनमानी और सही प्रत्याशियों का चयन नहीं करना कुछ इसी तरह का हाल इस बार कांग्रेस पार्टी का दिख रहा है जिले के एक नेता की मनमानी के चलते सही उम्मीदवारों का चयन ना करके अपने समर्थकों को खुश करने के लिए पार्षद पद की टिकिट दी गई वह भी कुछ सीटिंग पार्षदों और जीतने वाले उम्मीदवारों की टिकिट काटकर जिससे ना सिर्फ डोंगरगढ़ ब्लॉक कांग्रेस बल्कि जिला कांग्रेस में भी विरोध के स्वर उठे।

2014 में किन किन वार्डों में विजय हुई थी कांग्रेस- 2014 के नगर पालिका चुनाव में वार्ड नं. 01, 6,12,15,16, 17,20, 21,22 और 24 में कांग्रेस के प्रत्याशी विजय हुए थे वहीं वार्ड नं. 2, 4, 8,10, 13, 19 एवं 23 में ही भाजपा के प्रत्याशी जीतकर आये तथा वार्ड नं. 3,5,7,9, 11,14 एवं 18 में निर्दलीय उम्मीदवार विजयी हुए।

2019 में क्या होगा- 2019 में होने वाले नगर पालिका चुनाव में वार्ड नं. 01 में कांग्रेस के शिव निषाद जो तीन बार लगातार पार्षद और वर्तमान में नगर पालिका उपाध्यक्ष व कार्यवाहक अध्यक्ष है इनके खातें में चौथी बार भी जीत जाती हुई दिख रही है। वार्ड नं. 02 में भाजपा के वर्तमान पार्षद देवेन्द्र साखरे की टिकिट काटकर पूर्व पार्षद राजेश गजभिये को टिकिट दी गई वहीं कांग्रेस ने एक सरल व्यक्ति संजय फूले को टिकिट देकर भाजपा देकर भाजपा की मुश्किलें बढ़ा दी। इसलिए यहाँ पर कांटे की टक्कर दिख रही है। इसी तरह वार्ड नं. 03 में वर्तमान निर्दलीय पार्षद संगीता वैष्णव, भाजपा से बागी हुए चन्द्रशेखर ब्रम्हणकर, भाजपा से प्राची सौमित्र सोनी और कांग्रेस से नया युवा चेहरा अभिषेक वैष्णव मैदान में थे लेकिन यहां पर एक निर्दलीय और कांग्रेस के बीच में मुकाबला देखने को मिल रहा है। वार्ड नं. 04 में ओबीसी आरक्षित होने के कारण वर्तमान पार्षद चुनाव लड़ने से वंचित हो गए हैं लेकिन भाजपा ने एक मजबूत उम्मीदवार को मैदान में उतारा जिससे यह सीट भी पूर्व की भांति भाजपा के खातें में जाती दिख रही है। वार्ड नं. 05 की सीट भी पूर्व की भांति निर्दलीय के खाते में जाती दिख रही है इसी तरह वार्ड नं. 06 में कांग्रेस के वर्तमान पार्षद रमेश लिल्हारे जिनकी दूसरी पारी पूरी हो चुकी है और अब तीसरी पारी के लिए मैदान में उतरे थे लेकिन वर्तमान नगर पालिका अध्यक्ष तरुण हथेल के निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में पार्षद पद का चुनाव लड़ने से यहाँ का समीकरण बिगड़ गया है इसलिए कुछ कहना मुश्किल है। वहीं वार्ड नं. 07 में भाजपा की वर्तमान पार्षद कुसुम मरकाम अपनी शालीनता और स्वच्छ छवि के लिए जानी जाती है वहीं कांग्रेस ने एक नए युवा चेहरे बुधराम कवंर पर दांव खेला है जिससे यह सीट कांग्रेस के खाते में जाती दिख रही है। वार्ड नं. 08 में कांग्रेस ने हेमलता सिन्हा पर भरोसा दिखाया है वहीं भाजपा ने सरस्वती डड़सेना को अपना उम्मीदवार बनाया है लेकिन निर्दलीय प्रत्याशी अलका सहारे ने दोनों दलों का समीकरण बिगाड़ दिया है और यहाँ पर कांग्रेस और निर्दलीय के बीच फैसला होना है। वार्ड नं. 9 में वर्तमान पार्षद अनिता लोकेश इंदुरकर पुनः निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ा है और वार्डवासियों के बीच उनकी अच्छी छवि के चलते इस बार भी कांग्रेस और भाजपा दोनों के हाथ से यह सीट जाती नजर आ रही है। वार्ड नं. 10 मे कांग्रेस और बीजेपी के बीच सीधा कड़ा मुकाबला है लेकिन अंततः यह सीट बीजेपी के खाते में जा सकती है।
इसी तरह वार्ड नं. 11 में निर्दलीय प्रत्याशी उमा महेश वर्मा की दूसरी पारी का रास्ता साफ होता दिख रहा है।वार्ड नं. 12 में पिछले 10 वर्षों से कांग्रेस का कब्जा रहा है लेकिन इस बार कांग्रेस और भाजपा के बीच काटे की टक्कर हैं साथ ही जीत हार का अंतर बहुत कम हो सकता है। वार्ड नं. 13 में अमित छाबड़ा लगातार भाजपा के लिए तीसरी जीत दर्ज कर सकते हैं। वार्ड नं. 14 में कांग्रेस और भाजपा के बीच सीधा मुकाबला है यहाँ पर स्थिति रोमांचक है। वार्ड नं. 15 में वर्तमान में कांग्रेस का कब्जा है और इस बार भी कांग्रेस के खाते में जाती हुई नजर आ रही है। वार्ड नं. 16 में कांग्रेस प्रत्याशी बलदेव यादव के मिलनसार व्यक्तित्व का लाभ दोबारा कांग्रेस को मिल सकता है। वार्ड नं. 17 में वर्तमान पार्षद शेखर सोनी को वार्डवासियों की कुछ नाराजगियों का सामना करना पड़ सकता है जिसका लाभ भाजपा को होता नजर आ रहा है। वार्ड नं. 18 में वर्तमान पार्षद नईम खान महिला आरक्षित होने के कारण भाजपा ने उनकी बेगम को चुनावी मैदान में उतारा है जिन्हें वर्तमान पार्षद की साफ और स्वच्छ छवि का लाभ मिलता नजर आ रहा है। इसी प्रकार वार्ड नं. 19 में वर्तमान में भाजपा का कब्जा है लेकिन इस बार यह वार्ड राधेश्याम कन्नौजिया के रूप में कांग्रेस की झोली में जा सकता है। वार्ड नं. 20 में लगातार तीन कार्यकाल से लक्ष्मी शांडिल्य के रूप में कांग्रेस का कब्जा रहा है लेकिन इस बार जिले के एक नेता की मनमानी के चलते उनकी टिकिट काटी गई जिससे लक्ष्मी शांडिल्य ने कांग्रेस से बगावत कर निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ा इधर कांग्रेस ने भूषण मेश्राम को अपना उम्मीदवार बनाया था इसके अलावा बीजेपी से व निर्दलीय एक-एक उम्मीदवार भी चुनावी मैदान में थे लेकिन यहां पर लक्ष्मी शांडिल्य और भूषण मेश्राम के बीच जीत हार का फैसला होने की सम्भावना है। बात की जाये वार्ड नं. 21 की तो वर्तमान पार्षद मनोहर कण्डरा है लेकिन महिला आरक्षित होने के कारण इस बार वे अपनी पत्नी नेमलता कण्डरा पर कांग्रेस पार्टी ने विश्वास दिखाया जिसका लाभ कांग्रेस को मिलता दिख रहा है। वार्ड नं. 22 में वर्तमान में राहुल ठाकुरराम यादव के रूप में कांग्रेस का कब्जा है और इस बार भी यहां भी कांग्रेस की स्थिति मजबूत नजर आ रही है। वार्ड नं. 23 में भाजपा का कब्जा है लेकिन इस बार यहां भाजपा के लिए विपरीत परिस्थितियां सामने आ सकती हैं जिसका लाभ कांग्रेस प्रत्याशी उठा सकते है वहीं वार्ड नं. 24 में कांग्रेस काबिज है लेकिन इस बार कांग्रेस, बीजेपी और निर्दलीय के बीच त्रिकोणीय मुकाबला है और यहाँ पर बीजेपी और निर्दलीय के बीच जीत हार का फैसला होगा।

 

 

 

 

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