मकर संक्रांति पर कब और कैसे करें स्नान? यहां जानें मुहूर्त से लेकर सबकुछ

नई दिल्ली। मकर संक्रांति फसल के मौसम की शुरुआत और सूर्य के मकर राशि में गोचर का प्रतीक है। मकर संक्रांति के बाद दिन बड़े होने लगते हैं और उत्तरायण की यह अवधि लगभग छह महीने तक रहती है। यह संक्रांति साल में पड़ने वाली सभी 12 संक्रांतियों में से सबसे महत्वपूर्ण मानी जाती है। इस दिन लोग (Makar Sankranti 2025 Rules) गंगा स्नान, सूर्य को अर्घ्य और दान-पुण्य जैसे शुभ काम करते हैं। ऐसे में आज हम इस दिन स्नान के लिए कौन-सा समय सबसे अच्छा माना जाता है? इसके बारे में जानेंगे, जिससे स्नान का शुभ फल प्राप्त किया जा सकेहिंदू पंचांग के अनुसार, मकर संक्रांति पर महा पुण्यकाल की शुरुआत सुबह 09 बजकर 03 मिनट पर होगी। वहीं, इसकी समाप्ति सुबह 10 बजकर 48 मिनट पर होगी। इसके साथ ही पुण्य काल सुबह 09 बजकर 03 मिनट से शाम 05 बजकर 46 मिनट तक रहेगा। इसके अलावा ब्रह्म मुहूर्त सुबह 05 बजकर 27 मिनट से 06 बजकर 21 मिनट तक रहेगा।गंगा स्नान का विशेष महत्व है। इस दिन लोग प्रयागराज के त्रिवेणी तट पर स्नान के लिए जाते हैं। ऐसे में जब कुंभ चल रहा है, तो इसका महत्व और भी ज्यादा बढ़ गया है। वहीं, इस दिन स्नान के लिए सबसे अच्छा समय ब्रह्म मुहूर्त (Makar Sankranti Snan Time) को माना जाता है।इसके साथ ही महा पुण्य काल और पुण्य काल में भी स्नान करने का विधान है। माना जाता है कि इस मौके पर गंगा स्नान करने से सभी कष्टों का अंत हो जाता है। साथ ही मोक्ष की प्राप्ति होती है।
मकर संक्रांति पर स्नान के समय करें इन मंत्रों का जाप (Makar Sankranti 2025 Mantra)
- गंगे च यमुने चैव गोदावरी सरस्वति। नर्मदे सिंधु कावेरि जलेऽस्मिन् सन्निधिं कुरु।।
- गंगा पापं शशी तापं दैन्यं कल्पतरुस्तथा। पापं तापं च दैन्यं च हन्ति सज्जनसङ्गमः।।
- नमामि गंगे! तव पादपंकजं सुरसुरैर्वन्दितदिव्यरूपम्। भुक्तिं च मुक्तिं च ददासि नित्यम् भावानुसारेण सदा नराणाम्।।
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