भगवान गणेश के प्रिय दिन बुधवार से हुई नए साल की शुरूआत, ऐसे करें गणपति बप्पा की पूजा
सनातन धर्म के अनुसार, बुधवार का दिन भगवान गणेश के लिए विशेष महत्व रखता है. इस दिन उनकी पूजा अर्चना की जाती है. इसके साथ ही, श्रद्धा पूर्वक व्रत करने से सुख और समृद्धि में वृद्धि होती है. इस वर्ष नए साल 2025 की शुरुआत बुधवार के दिन होने जा रही है. इस कारण इसे अत्यंत शुभ माना जा रहा है, क्योंकि बुधवार का दिन भगवान गणेश को समर्पित होता है. भगवान गणेश को विघ्नहर्ता और संकटहर्ता के रूप में भी जाना जाता है. यदि नए साल की शुरुआत भगवान गणेश की पूजा और आराधना के साथ की जाए, तो पूरा वर्ष सुख और समृद्धि से परिपूर्ण रहेगा. साथ ही, सभी प्रकार के संकट समाप्त हो जाएंगे.
भगवान गणेश की पूजा करने की यह विधि अपनाएं
- नए वर्ष के पहले दिन प्रातः जल्दी जागें.
- स्नान करने के बाद सूर्य देव को जल अर्पित करें.
- इसके पश्चात विधिपूर्वक भगवान गणेश की पूजा करें.
- माला और दूर्वा घास अर्पित करें.
- मोदक और फलों का भोग लगाएं.
- जीवन में सुख और शांति की प्राप्ति के लिए प्रार्थना करें.
- अंत में, लोगों को अन्न और धन का दान करें.
ग्रहों के राजकुमार हैं बुध
नवग्रहों में बुध ग्रह को सबसे आकर्षक और राजकुमार के रूप में देखा जाता है. यह पृथ्वी तत्व से संबंधित है और कन्या तथा मिथुन राशियों का स्वामी है. बुध ग्रह बुद्धि, एकाग्रता, वाणी, त्वचा, सौंदर्य, सुगंध और व्यापार का प्रतीक है. यह संचार के साथ-साथ कान, नाक और गले से भी जुड़ा हुआ है. बुद्धि की प्रखरता का स्रोत बुध है. गणित और वित्तीय मामलों में सफलता भी इसी ग्रह से प्राप्त होती है.
बिना बुध के बुद्धि का होना लगभग असंभव है. नए वर्ष में ये सभी गुण आपको प्राप्त हो सकते हैं, बशर्ते आपकी कुंडली में बुध मजबूत हो. यदि आप सुंदर त्वचा, तेज बुद्धि या पढ़ाई में उत्कृष्टता चाहते हैं, तो बुध को सशक्त बनाना अत्यंत आवश्यक है. एक मजबूत बुध आपकी कई समस्याओं का समाधान कर सकता है. यह आपको तीव्र बुद्धि, आकर्षक त्वचा, सौंदर्य और एकाग्रता का आशीर्वाद दे सकता है. आर्थिक सफलता भी बुध के माध्यम से ही प्राप्त होती है.