बौद्धिक संपदा अधिकार पर एक दिवसीय विशाल कार्यशाला संपन्न

दुर्ग। एमएसएमई डी आई रायपुर , कैट दुर्ग इकाई,लघु उद्योग भारती दुर्ग जिला इकाई एवं छत्तीसगढ़ चेंबर आफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज दुर्ग इकाई द्वारा संयुक्त रूप से बौद्धिक संपदा अधिकार पर एक दिवसीय विशाल कार्यशाला का आयोजन किया गया , जिसमें एमएसएमई के निर्देशक राजीव एवं सहायक निर्देशक योगेश कुमार एवं भिलाई स्टील प्लांट के बिजनेस एक्सीलेंस डिपार्टमेंट के श्री दुबे, कैट के प्रदेश उपाधयक्ष पवन पवन बडज़ात्या, लघु उद्योग भारती दुर्ग इकाई के अध्यक्ष संजय चौबे छत्तीसगढ़ चेंबर ऑफ कॉमर्स के दुर्गा इकाई के अध्यक्ष अशोक राठी, कैट दुर्ग इकाई के अध्यक्ष प्रहलाद रुंगटा, सुधीर खंडेलवाल, आशीष निंमज़े , अमर कोटवानी,पहलाद कश्यप,राजीव अग्रवाल, भिलाई कैट अध्यक्ष दिनेश बंसल इंदिरा मार्केट व्यापारी संघ से अनिल बल्लेवार, अनिल अरोरा छत्तीसगढ़ चेंबर के राजेश नाहटा, बहादुर अली थारानी, गोविंद आहूजा, संजय बोहरा,कार्यक्रम में विषय विशेषज्ञ के रूप में श्री उसुसी गुहा नागपुर से पधारी एवं श्रीमती लक्ष्मी हैदराबाद द्वारा का अधिकार पर प्रेजेंटेशन एवं व्यापक जानकारी प्रस्तुत की गई इस सेमिनार के दौरान पेटेंट लेने एवं ट्रेडमार्क तथा कॉपीराइट लेने की प्रक्रिया पर विस्तृत प्रकाश डाला गया। उनके द्वारा छत्तीसगढ़ की कई वस्तुओं की जानकारी दी गई, जिसका पैटर्न लिया जा चुका है, इसी तरह लघु उद्योग भारती दुर्ग इकाई के अध्यक्ष संजय चौबे ने बताया कि छत्तीसगढ़ में बहुत सारे ज्वेलर्स अपनी ज्वेलरीयों का निर्माण बिना ट्रेडमार्क के करते हैं, अगर वे चाहें तो अपना मार्का से ट्रेडमार्क लेकर अपने ट्रेडमार्क को कॉपीराइट कर कर अपनी ज्वेलरीयों को अपने नाम से बना कर बाजार में विक्रय कर सकते हैं, इस हेतु शासन द्वारा ट्रेडमार्क लेने के लिए वित्तीय सहायता अनुदान दी जाती है, इस विषय पर भी आज विस्तृत जानकारी दी गई अपने उद्बोधन में राजीव कुमार ने बहुत सारी जानकारी लघु उद्यमियों एवं व्यापारियों के लिए प्रस्तुत की तथा बताया कि प्रतिवर्ष एमएसएमई द्वारा इंजीनियरिंग कॉलेज के स्टूडेंट को वित्तीय सहायता अपने द्वारा किए जा रहे अनुसंधान हेतु दी जाती है ।
कैट के प्रदेश उपाध्यक्ष पवन बडज़ात्या ने बताया कि व्यापारियों में लघु उद्यमियों के बीच पूर्व में ट्रेडमार्क एवं कॉपीराइट लेने हेतु भय था, जो कि आज के इस कार्यक्रम में भाग लेने से वह भय दूर हुआ ,अब बहुत से व्यापारियों लघु उद्यमियों ने इस कार्यक्रम के दौरान निश्चय किया कि वे अपने अपने प्रोडक्ट का ट्रेडमार्क एवं कॉपीराइट आवश्यक रूप से लेंगे ।