बालाघाट के इन इलाकों में बढ़ी बाघों की मूवमेंट, 25 मवेशियों को बना चुके शिकार
बालाघाट. बालाघाट जिले के कालेमाटी गांव में बाघ की मूवमेंट बढ़ गई है. बीते एक महीने में बाघ ने लगभग 25 मवेशियों का शिकार किया है. वन विभाग के अधिकारी इस घटना के बारें बनाते हैं, लेकिन पशुओं की जान में एवज में मिलने वाली मुआवजा राशि अभी तक पशुपालकों को नहीं मिल सकी है.
ऐसे में वन विभाग ने पशुपालकों को हिदायत दी है कि वह जंगल की तरफ न जाए. साथ ही पशुओं को चराने के लिए भी जंगल न जाए. इसके अलावा वन विभाग ने गांव के आसपास गस्त बढ़ा दी है. गांव के आस पास शोर करके वन्य प्राणियों को गांव से दूर रखते हैं. इसके लिए गांव के आसपास पटाखे जलाकर शोर किया जाता है. ग्रामीण बताते हैं कि वन विभाग की कोशिशें भी नाकाम हो रही है.ग्रामीणों के लिए दोहरी समस्याग्रामीण कहते हैं कि उनके लिए दो समस्याएं खड़ी हो गई है. एक तो पशुओं को वन्य प्राणियों से बचाना तो दूसरी पशुओं के लिए चारे की व्यवस्था करना. वन विभाग ने पशुओं को जंगल में चराने के लिए मना किया है. ऐसे में पशुओं के लिए चारे की व्यवस्था करना एक बड़ी चुनौती बन गई है.पेंच नेशनल पार्क में टाइगर बढ़ेंबाघों के घनत्व के मामले में पेंच नेशनल पार्क सबसे आगे है. वहीं, बालाघाट का दक्षिणी छोर पेंच नेशनल पार्क से जुड़ा हुआ है. ऐसे में बाघ अपने लिए नई टेरिटरी बना रहे है. इसलिए बालाघाट जिले के दक्षिणी जंगलों में बाघों की मूवमेंट बढ़ गई है. ऐसे में तिरोड़ी के कालेमाटी, खैरलांजी, आंबेझरी, महकेपार, कुड़वा, गोरेघाट और बड़पानी के इलाकों में बाघों की मूवमेंट है.