#IBC24MINDSUMMIT: मोहन यादव की एक साल के कार्यकाल में कितनी बदली महिलाओं की स्थिति?.. मंत्री कृष्णा गौर ने मुखरता से दिया जवाब
भोपाल: #IBC24MINDSUMMIT: मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में शनिवार यानी आज देश की दिग्गज हस्तियां मध्यप्रदेश के सरोकार से जुड़े विषयों पर अपनी राय जाहिर करने के लिए एक मंच पर आ रही हैं। ये मंच मुहैया करा रहा है मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ का सबसे लोकप्रिय और भरोसेमंद चैनल IBC24। ‘माइंड समिट-पाथ टू प्रोगेस’ नाम के इस आयोजन में राजनीति, धर्म, शिक्षा, स्वास्थ्य, खेल जगत से जुड़ी हस्तियां समस्याओं के कारणों को उजागर करने के साथ ही उसके समाधान के लिए सुझाव भी देंगी।
IBC24 ‘माइंड समिट-पाथ टू प्रोगेस’ के सेशन में मोहन सरकार की वरिष्ठ महिला मंत्री कृष्णा गौर ने शिरकत की।
डॉ मोहन यादव की एक साल के कार्यकाल में महिलाओं की स्थिति कितनी बदली है? इस सवाल के जवाब में मंत्री कृष्णा गौर ने बताया कि हमारी सरकार ने अपने शुरुआत से ही यह तय किया था कि नारी सशक्तिकरण को प्राथमिकता दी जाएगी। इसके लिए के साल के भीतर कई प्रयास भी हुए है। हमारी सरकार ने शासकीय सेवाओं में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाई है। पहले महिलाओं को सेवाओं में 33 प्रतिशत का आरक्षण मिलता था जिसे डॉ मोहन यादव की सरकार ने बढ़ाकर 35 प्रतिशत कर दिया है। महिलाओं को उद्योग क्षेत्र में कदम बढ़ाने उन्हें महज दो फ़ीसदी ब्याज के दर पर ऋण उपलब्ध करा रही है। इससे महिला उद्यमियों का आकर्षण इस और बढ़ा है। इससे उन्हें आर्थिक मजबूती भी मिल रही है। इसी तरह आजीविका मिशन के तहत प्रदेश की 40 लाख से अधिक महिलाओं को स्वरोजगार हासिल हुआ है।
लाड़ली बहन योजना का भी जिक्र
मंत्री कृष्णा गौर ने स्वीकारा की प्रदेश की सबसे क्रांतिकारी योजनाओं में शामिल रहा लाड़ली बहाना योजना देशभर के लिए मिसाल बन चुका है। आज मध्यप्रदेश की 1 करोड़ 29 लाख बहनों को इसका सीधा लाभ हासिल हो रहा है। महिलाओं और बहनों के स्वास्थ्य के लिए आंगनबाड़ियों से जुड़े बड़े निर्णय लिए गए है, जिसका परिणाम आज साफतौर पर दिखाई दे रहा है।
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आँगनबाड़ियों का उन्नयन
मंत्री कृष्णा गौर ने बताया कि, प्रदेश की 12 हजार 670 आंगनबाड़ी जो कि मिनी आंगनबाड़ी के तौर पर संचालित हो रही थी उन्हें पूर्ण आंगनबाड़ी का दर्जा दिया गया और उनका उन्नयन किया गया। इन आंगनबाड़ियों में 13 हजार नई नियुक्तियां की जानी है। इस तरह एक तरफ महिलाओं को सीधे तौर पर रोजगार हासिल होगा तो वही आंगनबाड़ियों की स्थिति भी सुधरेगी।