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… तो क्या अब देश में घट सकती है नमक की सप्लाई, लॉकडाउन की वजह से प्रोडक्शन घटा- Big News Salt shortage ahead Manufacturers predict a shortfall as lockdown halts production | business – News in Hindi

... तो क्या अब देश में घट सकती है नमक की सप्लाई, लॉकडाउन की वजह से प्रोडक्शन घटा

नकम बनाने का सीजन अक्टूबर से लेकर जून मध्य तक रहता है.

लॉकडाउन (Lockdown) की वजह से आने वाले महीनों में नमक की कमी हो सकती है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, मजदूरों की कमी की वजह से उत्पादन घट गया है. आइए जानें पूरा मामला

नई दिल्ली. अगर लॉकडाउन (Lockdown Part 3) इसी तरह चलता रहा तो आने वाले महीनों में नमक (Salt) की कमी हो सकती है. इकोनॉमिक टाइम्स में छपी खबर के मुताबिक, देश के तटीय इलाकों में नमक बनाने वाले लोगों का कहना है कि इसके प्रोडक्शन (Salt Production) में कमी आई है. क्योंकि कोरोना संकट (Coronavirus Pandemic) की वजह से जारी लॉकडाउन में मजदूर अपने घरों को लौट रहे है. पिछले कुछ दिनों से सरकार ने इन मजदूरों के लिए खास तौर पर श्रमिक स्पेशल ट्रेन चलाई है ताकि देश में अलग-अलग जगहों पर फंसे मजदूर अपने घर जा सकें. ऐसे में मजदूरों की कमी के कारण नमक का प्रोडक्शन लगभग बंद हो गया है. जल्द ही इसका असर सप्लाई पर भी नजर आ सकता है.

नमक बनाने का पीक सीजन-आपको बता दें कि नकम बनाने का सीजन अक्टूबर से लेकर जून मध्य तक रहता है. नमक का सबसे ज्यादा प्रोडक्शन मार्च और अप्रैल में होता है.देश के कुल नमक उत्पादन का करीब 95 फीसदी गुजरात, राजस्थान, आंध्रप्रदेश और तमिलनाडु में होता है. बाकी प्रोडक्शन महाराष्ट्र, ओडिशा और पश्चिम बंगाल में होता है. हर साल देश में करीब 200 से 250 किलो सॉल्ट प्रोडक्शन होता है.

इकोनॉमिक टाइम्स को इंडियन सॉल्ट मैन्युफैक्चर्स एसोसिएशन (ISMA) के प्रेसिडेंट भरत रावल ने बताया कि आधा मार्च और पूरा अप्रैल निकल गया. जिससे बहुत नकुसान हुआ है.

उनका कहना है मार्च और अप्रैल हमारे प्रोडक्शन का सबसे ज्यादा पीक सीजन होता है. उनका कहना है कि नमक के प्रोडक्शन में गर्मी के एक महीने के नुकसान दूसरी इंडस्ट्री के 4 महीने के नुकसान के बराबर होता है.ये भी पढ़ें-अब ATM की जगह पड़ोस के दुकानदार से ले सकते हैं कैश, RBI ने जारी किए नए नियम

हमें अभी यह पता नहीं है कि हमने जो एक महीने का वक्त खो दिया है उसकी भरपाई कर पाएंगे या नहीं. अब हमारे पास सिर्फ 45 दिन है. सॉल्ट प्रोडक्शन का साइकिल 60 से 80 दिनों का होता है.

इस वजह से नमक हो सकती है कमी-उन्होंने कहा, अगले कुछ दिनों में अगर हम प्रोडक्शन नहीं बढ़ा पाए तो मुश्किल होगी क्योंकि हमारा ऑफ-सीजन (मॉनसून) बफर स्टॉक इतना ज्यादा नहीं है. साथ ही लॉकडाउन खत्म होते ही इंडस्ट्रीज में भी नमक की डिमांड बढे़गी. उन्होंने कहा कि इस साल अगर बारिश देर से हुई तभी हमारा प्रोडक्शन ठीक लेवल पर आ सकता है.

देश में हर साल करीब 95 लाख टन एडिबल सॉल्ट की खपत होती है. इसके अलावा 110-130 लाख नकम का इस्तेमाल इंडस्ट्री में किया जाता है.

जबकि 58-60 लाख टन नमक उन देशों को निर्यात किया जाता है जो नमक के लिए पूरी तरह भारत पर निर्भर हैं.

नमक का इस्तेमाल करने वाली इंडस्ट्रीज में पावर प्लांट, ऑयल रिफाइनरीज, सोलर पावर कंपनी, केमिकल मैन्युफैक्चरर्स , टेक्सटाइल मेकर्स, मेटल, फार्मा, रबर और लेदर मैन्युफैक्चरर्स हैं.

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First published: May 7, 2020, 4:56 PM IST



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