दुर्ग भिलाई
नामकरण पर मनमानी कर रहे रिकेश, ऐसी राजनीति करनी है तो पहले नया निर्माण करवाएं फिर जिसका चाहें नाम रखें
भिलाई। भारतरत्न लोकनायक जयप्रकाश नारायण स्मारक प्रतिष्ठान एचएससीएल कॉलोनी रूआबांधा के अध्यक्ष आर पी शर्मा ने वैशाली नगर विधायक रिकेश सेन की नाम बदलने की राजनीति की भर्त्सना की है।
जारी बयान में उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी से जुड़े लोग कुछ नया करने में अक्षम है, इसलिए पुराने निर्माण का नया नामकरण कर एक घटिया परंपरा का विस्तार करना चाहते हैं।
जारी बयान में उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी से जुड़े लोग कुछ नया करने में अक्षम है, इसलिए पुराने निर्माण का नया नामकरण कर एक घटिया परंपरा का विस्तार करना चाहते हैं।
आर पी शर्मा ने कहा कि आज से 32 साल पहले उन्होंने सुपेला रेलवे क्रासिंग और सेक्टर-6 के चौक पर लोकनायक जयप्रकाश नारायण की प्रतिमा की स्थापना करवाई थी और इसका लोकार्पण तत्कालीन प्रधानमंत्री श्रद्धेय चंद्रशेखर ने किया था। तब से वह पूरा क्षेत्र जेपी प्रतिमा स्थल कहलाता है। विधायक रिकेश सेन ने यहां सत्ता की धौंस के चलते अंडरब्रिज का नामकरण पूर्व विधायक विद्यारतन भसीन के नाम करवा दिया है।
जबकि वास्तव में यह रेलवे अंडरब्रिज लोकनायक जयप्रकाश नारायण के नाम पर होना चाहिए था। कभी कांग्रेस में रहे और अब खुद को भाजपा का बड़ा नेता साबित करने में जुटे रिकेश सेन यह भी भूल गए कि आपातकाल के दौर में भारतीय जनता पार्टी के पूर्ववर्ती संगठन जनसंघ को राजनीतिक वैधता इन्हीं जयप्रकाश नारायण ने दिलायी थी।
आज प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी की सरकार होते हुए भी लोकनायक जयप्रकाश नारायण की उपेक्षा हो रही है। आर पी शर्मा ने कहा कि रिकेश सेन ने सत्ता की धमक के चलते भले ही अंडर ब्रिज के नामकरण का प्रस्ताव निगम से पारित करवा लिया है लेकिन वह प्रतिष्ठान की ओर से जानना चाहते हैं कि क्या इसके लिए भारतीय रेलवे और भिलाई स्टील प्लांट से विधिवत एनओसी (अनापत्ति) ली गई है?
श्री शर्मा ने कहा कि रिकेश यहीं नहीं रुके बल्कि जबरिया एक तालाब का नाम भोजपुरी लोक गायिका स्व. शारदा सिन्हा के नाम करने की घोषणा कर दी थी। लेकिन ऐन वक्त पर छत्तीसगढ़ी अस्मिता के लिए संघर्ष कर रहे नौजवान सामने आ गए और तालाब स्व. देवदास बंजारे के नाम पर ही बरकरार रखना पड़ा। तालाब प्रकरण में मात खा गए रिकेश अब भारतीय जनता पार्टी के अपने आकाओं को खुश करने नेहरू-गांधी परिवार को निशाने पर ले रहे हैं। यह एक गलत परंपरा की शुरूआत है।
तमाम मोहल्लों के नाम पहले रखे गए हैं। जनता नेहरू-गांधी परिवार से भी भावनात्मक रूप से जुड़ी है। किसी की भावनाओं को कुचलना गलत परंपरा होगी। रिकेश को एक विधायक के तौर पर यहां की बजबजाती नालियां, जर्जर सड़क, गंदगी से अटी गलियां नहीं दिख रही है। जबकि उनकी जवाबदारी है कि इन मोहल्लों की अव्यवस्था को दूर कराएं। आरपी शर्मा ने कहा कि नामकरण की इस ओछी राजनीति से नुकसान भारतीय जनता पार्टी को ही होगा।
अगर आज की तारीख में फिर से विधानसभा चुनाव हो जाए तो ऐसे मनमाने फैसलों की वजह से ऊब चुकी जनता फिर से कांग्रेस को चुन लेगी। आर पी शर्मा ने कहा है कि रिकेश सेन को अपनी ओछी राजनीति छोड़ कर सकारात्मक कदम उठाना चाहिए। उन्हें याद रखना होगा कि अगर जनता सिर आंखों पर बिठाती है तो नजरों से गिराने में भी वक्त नहीं लगाती। इसलिए नामकरण की राजनीति करने के बजाए जनता की सेवा करें।