छत्तीसगढ़

विष्णुदेव साय सरकार की सुशासन में किसान खुश, इस बार कबीरधाम जिले में 1 लाख 24 हजार 787 किसान बेचेंगे अपना धान

विष्णुदेव साय सरकार की सुशासन में किसान खुश, इस बार कबीरधाम जिले में 1 लाख 24 हजार 787 किसान बेचेंगे अपना धान

कबीरधाम जिले में 07 हजार 280 नए किसानों ने कराया अपना पंजीयन

कबीरधाम जिले में धान खरीदी की तैयारी जोरो पर, 14 नवंबर से होगी धान खरीदी की शुरूआत

धान खरीदी की तैयारियों की महत्वपूर्ण जानकारियां

धान उपार्जन केन्द्रों की संख्या-108
समिति-90
पंजीकृत किसान-1 लाख 24 हजार 787
नए पंजीकृत किसान-7 हजार 280
धान का रकबा- कुल रकबा 01 लाख 24 हजार 411हेक्टर
जिले के हर एक धान खरीदी केन्द्रों के लिए होगी नोडल अधिकारी
कलेक्टर ने धान खरीदी की तैयारियों के लिए 35 बिन्दुओं पर दिशा-निर्देश जारी किए

कवर्धा, 11 नवम्बर 2024। राज्य शासन द्वारा खरीफ विपणन वर्ष 2024-25 के लिए समर्थन मूल्य पर धान खरीदी की शुरूआत 14 नवम्बर से होने वाली है। जिले के 90 समितियों के माध्यम से 108 धान खरीदी केन्द्रों में इसकी तैयारी अंतिम चरणों पर है। मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के सुशासन में इस वर्ष कबीरधाम जिले में 07 हजार 280 नए किसानों ने अपना पंजीयन कराया है। इस प्रकार कबीरधाम जिले के 01 लाख 24 हजार 787 किसानों ने 01 लाख 24 हजार 411 हेक्टेयर रकबा में अपना धान का समर्थन मूल्य में विक्रय करने के लिए पंजीयन कराया है। मोदी की गारंटी में प्रदेश सरकार द्वारा 3100 प्रति क्विंटल की मान से एक एकड़ में 21 क्विंटल धान की खरीदी की जा रही है। जिला प्रशासन द्वारा धान खरीदी केन्द्रों में इसकी तैयारी जोरो पर है। जिले के सभी 108 धान खरीदी केन्द्रों में व्यवस्था सुनिश्चित करने और धान खरीदी सुचारू रूप से संपन्न कराने के लिए नोडल अधिकारी की नियुक्ति की गई है। कलेक्टर श्री गोपाल वर्मा ने धान खरीदी की तैयारियों के लिए 35 बिन्दुओं पर दिशा-निर्देश जारी किए है। जिले के सीमावर्ती क्षेत्रों में अवैध धान के परिवहन को रोकने के लिए चेकपोस्ट बनाएं गए है। जहां आने जाने वाले सभी वाहनों पर 24 घंटे निगरानी रखी जा रही है।
कबीरधाम जिले के 108 धान खरीदी केंद्रों पर किसानों के लिए आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध कराई गई हैं। केंद्रों पर छाया, पेयजल, शौचालय और बैठने की उचित व्यवस्था की गई है, ताकि किसानों को धान बेचते समय किसी प्रकार की परेशानी का सामना न करना पड़े। जिला प्रशासन ने इस बात का भी ध्यान रखा है कि किसानों को लंबी कतारों में इंतजार न करना पड़े, जिसके लिए केंद्रों पर व्यवस्थापक और अन्य कर्मचारियों की तैनाती की गई है। इसके अलावा धान को सुरक्षित रखने और नमी की जांच के लिए इलेक्ट्रॉनिक मापदंडों का भी उपयोग किया जा रहा है।

3100 रुपये प्रति क्विंटल पर किसानों को एकमुश्त भुगतान

मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने मोदी की गारंटी को साकार करते हुए प्रदेश के किसानों के लिए एक ऐतिहासिक कदम उठाया है। उन्होंने वादा को पूरा करते हुए किसानों को उनकी धान की फसल का 3100 रुपये प्रति क्विंटल की दर से एकमुश्त भुगतान किया जा रहा है। इस घोषणा से कबीरधाम सहित पूरे प्रदेश के किसानों में उत्साह का माहौल है। जिले के किसानों ने कहा कि एक मुश्त खाते में पैसा आएगा तो हमारी जरूरतें पूरी होंगी और हम आने वाले सीजन की तैयारी भी बेहतर कर पाएंगे।

आर्थिक मजबूती और आत्मनिर्भरता की ओर कदम

मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के सरकार द्वारा 3100 रुपये प्रति क्विंटल की दर से एकमुश्त भुगतान ने किसानों के लिए एक आर्थिक सुरक्षा कवच की तरह काम करेगी। उन्हें अपनी फसल का मूल्य समय पर मिलने से कर्ज से राहत मिलेगी और वे अपने परिवार की जरूरतों को बेहतर तरीके से पूरा कर सकेंगे। साथ ही यह पहल किसानों को आत्मनिर्भर बनने की दिशा में प्रेरित करेगी।

कलेक्टर द्वारा दिशा-निर्देश जारी

धान खरीदी की प्रक्रियाओं को लेकर कलेक्टर श्री गोपाल वर्मा ने 35 बिंदुओं पर विस्तृत दिशा-निर्देश जारी किए हैं। इन दिशा-निर्देशों में केंद्रों पर किसानों की सुविधा, सुरक्षा व्यवस्था और पर्याप्त उपकरणों की उपलब्धता सुनिश्चित करने के प्रावधान शामिल हैं।

अवैध धान परिवहन पर सख्ती

जिले के सीमावर्ती क्षेत्रों में अवैध धान के परिवहन को रोकने के लिए विशेष चेकपोस्ट भी बनाएं गए है। इन चेकपोस्टों पर 24 घंटे निगरानी रखी जा रही है, ताकि बाहरी क्षेत्रों से अवैध धान जिले में न लाया जा सके। जिले के में पड़ोसी राज्यों एवं पड़ोसी जिलों से आने वाले धान के अवैध परिवहनों को रोकने के लिए अलग-अलग चेक पोस्ट तैयार किए गए है और अन्य मार्गों पर भी कड़ी निगरानी के लिए आवश्यक व्यवस्था बनाई गई है।

कलेक्टर श्री गोपाल वर्मा ने धान उर्पाजन केन्द्रों में दिए आवश्यक दिशा-निर्देश

कलेक्टर श्री गोपाल वर्मा ने समिति प्रबंधकों को धान उपार्जन केन्द्रों में मूलभूत आवश्यक तैयारियों रखने के निर्देश दिए है। इन निर्देशों में उपार्जन केन्द्रों के लिए स्थल एव साफ-सफाई, फेसिंग, बिजली की व्यवस्था, कम्यूटर सेट्स चालू हालत में हो, प्रिंटर की व्यवस्था, जनरेटर की व्यवस्था, इंटरनेट, आद्रतामापी यंत्रों की व्यवस्था, तौल के लिए कांटा-बांट की व्यवस्था, बारदानों की व्यवस्था, पुराने बारदाने की व्यवस्था, पीडीएस बारदाने की उपलब्धता, रंग एवं सुतली की व्यवस्था होनी चाहिए। इसके अतिरिक्त डाटा इंन्ट्री आपरेटर, उर्पाजन केन्द्रों में पर्याप्त कर्मचारियों एवं हमालों की व्यवस्था, खरीदी केन्द्रों में बफर लिमिट की मात्रा, उपलब्ध चबुतरा, तारपोलिन की व्यवस्था, डनेज, किसान पंजीयन की स्थिति, प्राथमिक उपचार पेटी, समर्थन मूल्य के प्रदर्शन, औस अच्छी किस्म का सैम्पल धान प्रदर्शित करना, निगरानी समिति, धान सुरक्षा एवं भण्डारण व्यय के लिए प्राप्त अग्रिम राशि आदि शामिल है।

स्वयं या नामिनी द्वारा उपस्थित होकर सकते है धान विक्रय

प्रदेश में 14 नवंबर 2024 से 31 जनवरी 2025 तक धान की खरीदी की जाएगी। धान खरीदी केन्द्रों में कृषक द्वारा स्वयं उपस्थित होकर अथवा नामित, नामिनी द्वारा उपस्थित होकर बायोमैट्रिक प्रणाली के माध्यम से समर्थन मूल्य में धान विक्रय किया जाना है। पूर्व वर्षों की भांति इस वर्ष भी पंजीकृत कृषक के धान खरीदी के लिए अग्रिम टोकन जारी किया जाएगा। किसानां को धान खरीदी के पूर्व खरीदी केन्द्र की दैनिक क्षमता एवं व्यवस्था अनुसार टोकन जारी किया जाएगा। टोकन जारी की प्रक्रिया दो माध्यम से प्रथम टोकन तुहर हाथ एवं समितियों के सॉफ्टवेयर से जारी की जाएगी। टोकन जारी करने के लिए रविवार से शुकवार तक सुबह 9ः30 बजे से शाम 5ः00 बजे की समय निर्धारित है। टोकन पर धान लाने वाले समस्त कृषकों की टोकन में दर्शायी गई मात्रा अनुसार धान का तौल उसी दिवस पूर्ण की जाएगी। पंजीकृत कृषक का बैंक खाता सत्यापित नही होने की स्थिति में टोकन जारी नही किया जा सकता सत्यापन उपरांत ही टोकन जारी किया जाएगा। लघु एवं सीमांत कृषकों को एक टोकन जारी कर उनके द्वारा बेचने योग्य धान की खरीदी किया जाएं तथा किसानों की अधिकतम 03 टोकन जारी कर बेचने योग्य धान की खरीदी की जाएगी।

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