फर्जीवाड़ा :बेमेतरा जिले के जनपद पंचायत साजा में शिक्षाकर्मी भर्ती फर्जीवाड़े का एक और नया मामला

चयन समिति की लापरवाही से अपात्र प्रमाणपत्र से हुई नियुक्ति,मामला भर्ती वर्ष-2013 का)*
*तत्कालीन जांच अधिकारी की भेदभावपूर्वक कार्यवाही से अपात्र दे रही अपनी सेवा*
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बेमेतरा:बेमेतरा जिले के साजा विकास खंड में फर्जी शिक्षाकर्मी मुद्दों को *सबका संदेश* में प्रमुखता से उठाया जा रहा है और जांच भी हो रही है
ऐसा ही एक मामला जिले के जनपद पंचायत साजा के शिक्षाकर्मी फर्जीवाड़े में एक और नया मामला प्रकाश में आ रहा है,जिसके तहत एक चयन समिति की लापरवाही से एक अपात्र प्रमाणपत्र से शिक्षाकर्मी पात्र बनकर नौकरी कर शासन-प्रशासन के सिस्टम से खिलवाड़ कर रहे है।
जानकारी के मुताबिक विकासखंड साजा के प्राथमिक शाला खैरी में पदस्थ सहा शिक्षक एल बी श्रीमती दीपिका वर्मा की नियुक्ति शिक्षाकर्मियों की अंतिम भर्ती सन 2013 में हुई थी।जिसने अभ्यर्थी के रूप में उनके द्वारा जो डीएड का प्रमाण पत्र सलग्न किया गया था।जिसके रिजल्ट में एटीकेटी होने से प्रमाणपत्र अपात्र है।उसके बाद भी पात्र बनाकर चयन किया गया।इस नियुक्ति एवं जांच की प्रक्रियाओं पर बहुत बड़ा सवालिया निशान खड़ा हो रहा है, और ऐसा नही की ये इस तरह का ये अकेला मामला हो, ऐसे न जाने कितने और भी लोग है जो फर्जी डीएड,अनुभव,खेल,एनसीसी स्काउट और विकलांगता प्रमाण पत्र के सहारे नौकरी कर रहे है। विकलांगता में तो क्योरबल केटेगरी के लोग भी बिना मापदंड के नौकरी कर रहे है। जो नियुक्ति के बाद कभी विकलांगता प्रमाणपत्रों को नियमानुसार निर्धारित सीमा में रिन्यू कराए हो,और ये बहुत बड़ी विडंबना है जिस पर शिक्षा विभाग ने आजतक ध्यान ही नही दिया है।
*छानबीन समिति ने नही निभाया अपनी जिम्मेदारी*
नियुक्ति के पूर्व कुल प्राप्त आवेदनों में सलग्न प्रमाणपत्रों के आधार पर वरीयता सूची बनाई जाती है जिसमे पात्र अपात्र प्रमाण पत्रों को बहुत ही बारीकी से निरीक्षण किया जाता हैं, और ये जिम्मेदारी छानबीन समिति की रहती है जिन्होंने अपनी जिम्मेदारी ठीक से नही निभाई जिसके चलते जो आवेदन फॉर्म रिजेक्ट होना था वो सेलेक्ट हो गया जिसके चलते अभ्यर्थी का चयन भी हो गया,नियुक्ति की सेवा शर्तों में नियुक्ति उपरांत अभ्यर्थियों के सलग्न समस्त प्रमाण पत्रों को संबंधित संस्था से सत्यापन करना भी आवश्यक था जिसे नियोक्ता ने जानबूझकर आज तक नही कराया जो एक सोची समझी रणनीति का हिस्सा है ताकि उनके कारनामो का खुलासा न हो सके यह कृत्य सभी वर्षो के भर्ती में किया गया है
*समिति में इन सदस्यों को मिली थी ये जिम्मेदारी*
इस सम्बंध में मोदानन्द झा सीईओ जनपद पंचायत,जी एस राज बीइओ चयन समिति प्रमुख इनके अलावा मुरारी सिंह भुवाल प्रधानपाठक ,मनहरण निर्मल प्रधान पाठक,गोकुल राम ठाकुर प्रधान पाठक,रोहित वर्मा प्रधान पाठक,रामप्रसाद साहू प्रधान पाठक,पदमन सिंह इंदौरिया प्रधान पाठक इनको मिली थी प्रमाणपत्रों के जांच की जिम्मेदारी हेमंत वर्मा सहा शिक्षक पंचायत को कम्प्यूटर ऑपरेटर की और नरेश साहू सहा शिक्षक पंचायत को आवेंदन पत्र प्राप्तकर्ता एवं कम्प्यूटर सहायक,मुकेश ठाकुर सहा शिक्षक पंचायत को आवेंदन पत्र प्राप्तकर्ता एवं कम्प्यूटर सहायक की जिम्मेदारी दी गई थी
*इन पर हुवा था मामला दर्ज*
राजू राम प्राथमिक शाला हथमुड़ी,अनिता साहू प्राथमिक शाला हाड़ाहुली,कु मल्हाना प्राथमिक शाला काँचरी,कु चंदेश्वरी प्राथमिक शाला हाड़ा हुली,कु धनवँतिन प्राथमिक शाला गभराडीह,के ऊपर पुलिस थाना साजा में फरवरी 2014 में एफआईआर दर्ज हुवा था जिनका मामला अभी न्यायालय में चल रहा है जबकि उक्त वर्ष की नियुक्ति में लगभग पन्द्रह से बीस और लोगो के फर्जी होने की खबरे आ रही है उस समय के जांच अधिकारियों ने इन पांच लोगों के ही ऊपर कार्यवाही और शेष पर कृपा क्यो की समय आने पर इसका जवाब तो देना ही पड़ेगा
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वर्शन
शिक्षा विभाग में सेवा पुस्तिका की विधिवत नियमानुसार जांच चल रही है. संशय की स्थिति में नियुक्ति के समय के दस्तावेज जनपद साजा से मांगे जा रही है. दोषी पाये गये शिक्षकों के लिए कार्यवाही हेतु उच्च कार्यालय को सूचना भेजी गई है ।फर्जी शिक्षकों के आंकड़े देखते हुए एक जांच समिति बी ई ओ कार्यालय स्तर पर बनाई गई है तथा शिक्षा विभाग से अनुरोध किया गया है कि जांच उच्च स्तर पर स्वतंत्र इकाई द्वारा किया जाना उचित होगा ।
*डॉ नीलिमा गडकरी बीईओ साजा जिला बेमेतरा
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संजु जैन
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