उखाड़ दिए गए वाहनों को रोकने लगाए गए ग्रिल

सुधर नहीं रही है पावर हाउस स्टेशन की व्यवस्था
बीच सडक पर बेतरतीब पार्किंग से यात्रियो को दिक्कत
भिलाई । पावर हाउस रेलवे स्टेशन के पास की व्यवस्था सुधरने का नाम नहीं ले पा रही है। फोरलेन सडक़ की ओर खुलने वाले स्टेशन के सडक़ पर वाहनों की बेतरतीब पार्किंग से यात्रियों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। यह दिक्कत लंबे समय से बनी हुई है। अब तो लोगों ने प्रवेश द्वार पर दुपहिया वाहनों को अंदर ले जाने से रोकने निगम द्वारा लगाए गए लोहे के ग्रिल को उखाडक़र फेंक दिया है।
भिलाई पावर हाउस रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म नंबर एक में आने जाने के लिए फोरलेन से लगी सडक़ पर दिन भर दुपहिया व आटो जैसे वाहनों के खड़े रहने से यात्रियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। इस बिगड़ी व्यवस्था को सुधारने आरपीएफ, लोकल पुलिस और नगर निगम की ओर से पूर्व में कई बार अभियान चलाया जा चुका है। लेकिन कुछ दिन बाद यहां की व्यवस्था पुन: अस्त-व्यस्त हो जाना एक परंपरा सा बन चुका है। निगम की ओर से फोरलेन सडक़ के पास बनाये गए द्वार से दुपहिया तथा आटो रिक्शा आदि को स्टेशन वाली सडक़ पर जाने के रोकने के लिए इस तरीके से ग्रिल लगाए गए थे कि केवल इंसान ही अंदर आना-जाना कर सके। कुछ दिन पूर्व असामाजिक तत्वों ने लोहे के ग्रिल को उखाडक़र फेंक दिया है जिसके बाद दुपहिया चालक धड़ल्ले से अंदर प्रवेश करने के बाद अपना वाहन बीच सडक़ पर खड़े करते हैं। इसके अलावा यहां ठेले खोमचे वाले दुकान लगाकर और सडक को जाम कर देते है। हमारे संवाददाता द्वारा पिछले तीन माह से निगम को इसकी शिकायत की गई थी कि यहां असामजिकतत्वों द्वारा ग्रील उखाडकर फेंक दिये जाने व यहां दो पहिया वाहनों के खडे करने व ठेले खोमचे वालों द्वारा दुकान लगाकर जाम करने तथा जाम की आड में ट्रेनों के आवाजाही के बाद यहां से उतर कर जाने वाली महिला यात्रियों से धक्का मुक्की करते है। उस समय निगम आयुक्त द्वारा चुनाव बाद यहां पुन: ग्रील लगाने व व्यवस्था में सुधार करने कहा गया था लेकिन आज चुनाव के बाद मतगणना बीते भी एक माह से उपर बीत गया लेकिन ये समस्या जस की तस बनी हुई है।
ज्ञातव्य हो कि शहर में भिलाई के नाम से तीन अलग-अलग रेलवे स्टेशन बने हुए हैं। इनमे भिलाई, भिलाई पावर हाउस तथा भिलाई नगर शामिल है। इन तीनों स्टेशन में से भिलाई पावर हाउस में प्रमुख एक्सप्रेस ट्रेनों का स्टापेज तथा शहर के बीच होने से शहर के सबसे अधिक यात्री यहां से अपनी यात्रा शुरू व खत्म करते हैं। लिहाजा सुबह से लेकर देर शाम तक इस स्टेशन पर यात्रियों का रेला लगा रहता है। वहीं प्लेटफार्म एक व तीन की ओर से स्टेशन आने जाने का अलग-अलग रास्ता बना हुआ है। लेकिन पटरी के उत्तर दिशा में सघन बस्ती व राष्ट्रीय राजमार्ग होने से ज्यादातर रेल यात्री प्लेटफार्म नंबर एक के रास्ते का इस्तेमाल करते हैं। इस वजह से भी फोरलेन से जुड़ी स्टेशन की सडक़ पर आवाजाही की दबाव हर वक्त बना रहता है। ऐसे में बीच सडक़ पर लंबे समय तक खड़ी रहने वाली दुपहिया व आटो रिक्शा के चलते यात्रियों को पैदल गुजरने में भी रास्ता तलाशना पड़ता है।