#SarkarOnIBC24 : शंकराचार्य की मांग.. गौ माता पर संग्राम, Congress का समर्थन.. BJP ने कसा तंज
रायपुर : Shankaracharya Statement In Raipur : छत्तीसगढ़ में गाय को राज्य माता का दर्जा देने की मांग ने एक बार फिर जोर पकड़ लिया है, जिसे हवा दी है शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने। शंकराचार्य ने दूसरे राज्यों का हवाला देते हुए कहा कि इस काम में अब देरी नहीं की जानी चाहिए। छत्तीसगढ़ सरकार को इस पर जल्द फैसला लेना चाहिए। लेकिन शंकराचार्य की इस मांग ने सियासी तूल पकड़ लिया है। कांग्रेस और बीजेपी एक दूसरे को गौ माता का दुर्दशा के लिए जिम्मेदार ठहराकर निशाना साधने लगे है।
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Shankaracharya Statement In Raipur : गाय एक बार फिर सियासत के केंद्र में है। उसे राज्य माता का दर्जा दिए जाने की मांग फिर तेज हो गई है। शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद ने छत्तीसगढ़ सरकार से इसकी मांग की है। हाल ही में महाराष्ट्र सरकार ने गाय को राज्य माता का दर्जा दिया है। शंकराचार्य ऐसी ही व्यवस्था छत्तीसगढ़ में भी चाहते हैं। शंकराचार्य ने यहां तक कहा कि हिंदुओं के देश में हिंदुओं की माता को कब तक काटते रहेंगे।
शंकराचार्य के बयान के बाद कांग्रेस की भी प्रतिक्रिया सामने आई। कांग्रेस नेताओं ने जहां एक तरफ शंकराचार्य के बयान का समर्थन किया वहीं साय सरकार को चुनौती दे डाली कि, छत्तीसगढ़ में गाय को राज्य माता का दर्जा देकर दिखाएं। कांग्रेस ने आरोप लगाया कि बीजेपी गाय के नाम पर सिर्फ राजनीति करती है। सरकार अगर ऐसे कोई प्रस्ताव विधानसभा में लाएगी तो कांग्रेस उसका समर्थन करेगी।
Shankaracharya Statement In Raipur : कांग्रेस नेताओं के बयानों पर सियासी पलटवार भी जल्दी ही सामने आया। डिप्टी सीएम अरुण साव ने जहां शंकराचार्य की मांग पर गंभीरता से विचार की बात कही। वहीं कांग्रेस को गायों की दुर्दशा के लिए जिम्मेदार ठहरा दिया।
भारतीय संस्कृति में गाय को भगवान का दर्जा दिया जाता है। इसी के चलते उसे गौ माता बुलाकर पूजा जाता है। हालांकि मौजूदा दौर में गाय दुर्दशा की शिकार है। चारागाहों की कमी और शहरीकरण के चलते गाय सड़कों पर भोजन के लिए भटकने को मजबूर है। गौशालाओं की अव्यवस्था और बदइंतजामी भी इसकी एक बड़ी वजह है। ऐसे में अगर गाय को राज्य माता का दर्जा दिया जाता है तो इससे गायों के प्रति सम्मान जरूर बढ़ जाए लेकिन जब तक गौशालाओं की व्यवस्था नहीं सुधारी जाती और चारागाहो की व्यवस्था नहीं की जाती तब तक गायों की दशा सुधरने की उम्मीद कम ही है।